जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव एडीजे दीक्षा सूद ने बताया कि अगले माह की 12 तारीख, यानि कि 12 नवंबर को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है. हर बार लोक अदालत में झुंझुनूं जिले में निपटने वाले मुकदमों की संख्या उल्लेखनीय और टॉप पर रहती है लेकिन इस बार हमें आमजन के साथ मिलकर इसमें ना केवल रिकॉर्ड बनाना है बल्कि आमजन के मुकदमों का भी निस्तारण कर उन्हें राहत देनी है.
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Jhunjhunu: राष्ट्रीय लोक अदालतों के जरिए आपसी राजेनामे से केस-मुकदमों का निस्तारण हो रहा है. अब इसे और अधिक आसान बना दिया है. आपको यदि राष्ट्रीय लोक अदालत के जरिए राजीनामा करना है तो इसके लिए कहीं पर भी आने-जाने की जरूरत नहीं है.
राजस्थान विधिक सेवा प्राधिकरण ने न्याय रो सारथी नाम से एप लॉन्च कर दिया है, जिसको अपने मोबाइल में डाउनलोड करके इसके जरिए ही राष्ट्रीय लोक अदालत में राजीनामे के लिए अपील डाली जा सकती है. यही नहीं, राष्ट्रीय लोक अदालत के दिन भी व्यक्ति को अदालत नहीं आना पड़ेगा. वो ऑनलाइन ही इस राजीनामे में शामिल होकर अपनी बात रख सकेगा और राजीनामा कर सकेगा.
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इसके लिए युद्ध स्तर पर प्रचार प्रसार की भी पूरी प्लानिंग तैयार कर ली गई है, जिसका शुभारंभ झुंझुनूं में दिवाली बाद होगा. जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव एडीजे दीक्षा सूद ने बताया कि अगले माह की 12 तारीख, यानि कि 12 नवंबर को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है. हर बार लोक अदालत में झुंझुनूं जिले में निपटने वाले मुकदमों की संख्या उल्लेखनीय और टॉप पर रहती है लेकिन इस बार हमें आमजन के साथ मिलकर इसमें ना केवल रिकॉर्ड बनाना है बल्कि आमजन के मुकदमों का भी निस्तारण कर उन्हें राहत देनी है. इसलिए न्याय रो सारथी एप का प्रचार प्रसार किया जा रहा है.
इसके अलावा झुंझुनूं में हर तालुका स्तर पर न्याय आपके द्वार मुहिम के तहत प्री काउंसलिंग एवं मल्टीस्पेशिलिटी कैंपों का आयोजन भी पहली बार किया जा रहा है. यही नहीं तालुका स्तर पर लगने वाले कैंपों के बाद 4 नवंबर को जिला स्तर पर मेगा शिविर एवं डोर स्टेप काउंसलिंग कैंप सूचना केंद्र झुंझुनूं में लगाया जाएगा.
सूद ने बताया कि इन कैंपों में ना केवल राष्ट्रीय लोक अदालत तथा न्याय रो सारथी एप के बारे में संपूर्ण जानकारी दी जाएगी. बल्कि चिकित्सा शिविर का आयोजन किया जाएगा, जिसमें सभी विशेषज्ञ चिकित्सक मौजूद रहेंगे. यही नहीं, कोरोना की बूस्टर डोज भी इन कैंपों में लगाई जाएगी. वहीं, दिव्यांगता प्रमाण पत्र समेत अन्य सुविधाएं भी इन कैंपों में दी जाएगी. सभी की तैयारियों को लेकर अलग-अलग विभागों के अधिकारियों के साथ बैठकों का काम लगभग पूरा होने के बाद जिम्मेदारियां बांट दी गई है.
कैंपों में विधिक अधिकारों को भी देंगे जानकारी
डालसा सचिव एडीजे दीक्षा सूद ने बताया कि इन कैंपों में विधिक अधिकारों की जानकारी भी दी जाएगी. डालसा के पैनल अधिवक्ताओं को भी इन कैंपों को लेकर जिम्मेदारियां दी गई है, जो ना केवल राष्ट्रीय लोक अदालत में निपटाए जा सकने वाले प्रकरणों की, न्याय रो सारथी एप की, बल्कि आमजन के विधिक अधिकारों की जानकारी भी देंगे.
इन मामलों का निपटारा हो सकता है चुटकियों में
आपको बता दें कि राष्ट्रीय लोक अदालत में प्री. लिटिगेशन में एनआई एक्ट के प्रकरण, धन वसूली के प्रकरण, श्रम विवाद एवं नियोजन संबंधी विवादों के प्रकरण, बिजली, पानी व अन्य भुगतान से संबंधित प्रकरण, भरण-पोषण से संबंधित प्रकरण इसके अतिरिक्त न्यायालयों में लंबित प्रकरणों में दांडिक शमनीय प्रकरण, एनआई एक्ट के प्रकरण, धन वसूली के प्रकरण, एमएसीटी के प्रकरण, श्रम एवं नियोजन संबंधी विवादों के प्रकरण, बिजली, पानी एवं अन्य बिल भुगतान से संबंधित प्रकरण, वैवाहिक विवाद (तलाक के मामलों को छोडक़र) भूमि अधिग्रहण से संबंधित प्रकरण तथा अन्य सिविल प्रकरणों को राजीनामे से निस्तारण के लिए पेश किया जा सकेगा. इसके अलावा फसल बीमा और सरकारी योजनाओं के मामले भी सुने जाएंगे. एनआई एक्ट के 10 लाख रुपये तक की राशि के प्रकरण, आर्बिटेशन अवॉर्ड, इजराय, मनी रिकवरी सूट और सिविल वाद के मामले में भी दोनों पक्षों की सहमति से चुटकियों में निपटाए जा सकेंगे.
Reporter - Sandeep Kedia
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