झुंझुनूं: शराब ठेकेदारों ने आबकारी नीति का किया बहिष्कार, की ये मांग
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झुंझुनूं: शराब ठेकेदारों ने आबकारी नीति का किया बहिष्कार, की ये मांग

शराब ठेकेदारों ने बताया कि जब तक सरकार द्वारा उनकी मांगे नहीं मानी गई तो कोई भी ठेकेदार शराब दुकान की नीलामी में भाग नहीं लेगा और दुकान भी नहीं उठाई जाएगी.

शराब ठेकेदारों ने आबकारी नीति का किया बहिष्कार

झुंझुनूं: झुंझुनूं के खेतड़ी स्थित निजामपुर मोड सर्किल पर शराब ठेकेदारों की बैठक हुई. बैठक में आबकारी नीति का बहिष्कार करते हुए लॉटरी में दुकानें नहीं उठाने का निर्णय लिया गया. सुदेश ढाका व चिरंजीलाल चौधरी ने बताया कि सरकार द्वारा शराब ठेकों की नीलामी करवाई जा रही है. जिसकी लॉटरी का मंगलवार को छठा दिन बीत गया. लेकिन खेतड़ी क्षेत्र में एक भी दुकान ठेकेदारों द्वारा नहीं उठाई जा रही है. 

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने वर्ष 2021-22 की न्यूनतम रिजर्व प्राइस 30 प्रतिशत कम करने पर ही दुकाने उठाई जाएंगी. वहीं बेसिक लाइसेंस फीस को खत्म करने की मांग की गई. ठेकेदारों ने बताया कि सरकार द्वारा बेसिक लाइसेंस फीस बढ़ा देने से प्रति ठेकेदार को सालाना करीब साठ लाख रूपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है. इसके अलावा कम्पोजिट फीस हटाने की मांग भी की गई. 

उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा पिछले साल कम कम्पोजिट फीस ली जा रही थी. लेकिन इस बार सरकार ने दुकानों की नीलामी के हिसाब से उसे बढ़ा दिया गया. जिससे ठेकेदारों में रोष है. ठेकेदारों ने सरकार के खिलाफ विरोध करते हुए आरएमल की गारंटी को खत्म करने, कंपोजिट फीस को खत्म करने, बेसिक लाइसेंस फीस हटाने, भुगतान का न्यूनतम प्राइस 30% कम करने की मांग की गई. 

उन्होंने बताया कि जब तक सरकार द्वारा उनकी मांगे नहीं मानी गई तो कोई भी ठेकेदार शराब दुकान की नीलामी में भाग नहीं लेगा और दुकान भी नहीं उठाई जाएगी. जिस पर खेतड़ी क्षेत्र के सभी ठेकेदारों ने सहमति जताई. 

(इनपुट-संदीप केड़िया) 

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