झुंझुनूं की सूरजगढ़ नगरपालिका के वाइस चेयरमैन रामस्वरूप जांगिड़ का आरोप है कि जिन कामों को कराने की नगरपालिका तैयारी कर रहे है. वहां पर इन कार्यों की कोई जरूरत ही नहीं है. सभी जगहों पर पहले से ही यह काम हो रखे और आज भी सही स्थिति में है. ऐसे में नगरपालिका सिर्फ कागजों में इन कामों को दिखाकर जनता का पैसा भ्रष्टाचार की भट्टी में झोंकने की तैयारी में है.
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Jhunjhunu News: सूरजगढ़ से बड़ी खबर मिल रही है. झुंझुनूं की सूरजगढ़ नगरपालिका में एक बड़े भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है. फर्जीवाड़ा कर कागजों में विकास कार्य करवाने के नाम पर नगरपालिका के अधिकारी लाखों रूपयों को डकराने की तैयारी में है. दरअसल नगरपालिका सूरजगढ़ ने ऐसी जगहों पर कार्यों के टेंडर निकालने की कवायद की जा रही है. जहां में असल में उन कामों की जरूरत नहीं है. क्योंकि जो काम नगरपालिका टेंडर निकालकर ठेकेदारों के जरिए करवाना चाहती है.
दरअसल वहां पर वो काम पहले से हो रखे है. नगरपालिका के वाइस चेयरमैन रामस्वरूप जांगिड़ ने इसे भ्रष्टाचार बताते हुए मामले की जांच कराने की मांग की है. साथ ही दोषी अधिकारियों के खिलाफ एसीबी में मामला दर्ज करने की बात कही है. वाइस चेयरमैन जांगिड़ ने नौ जून 2023 की एक निविदा सूचना क्रमांक 902 उपलब्ध करवाई है. जिसमें नगरपालिका कस्बे में 8 विकास कार्यों पर 33 लाख 83 हजार रूपए खर्च करना चाह रही है.
लेकिन जांगिड़ का आरोप है कि जिन कामों को कराने की नगरपालिका तैयारी कर रहे है. वहां पर इन कार्यों की कोई जरूरत ही नहीं है. सभी जगहों पर पहले से ही यह काम हो रखे और आज भी सही स्थिति में है. ऐसे में नगरपालिका सिर्फ कागजों में इन कामों को दिखाकर जनता का पैसा भ्रष्टाचार की भट्टी में झोंकने की तैयारी में है. इस मामले को लेकर जब चेयरमैन पुष्पा सेवाराम गुप्ता से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसी जानकारी नहीं है.
यदि गलत निविदा निकाली गई है तो वे जांच करवाएंगी और दोषियों पर कार्रवाई करेगी, लेकिन इसी मामले में जब कार्यवाहक ईओ तहसीलदार स्वाति झा से बातचीत करने की कोशिश की गई तो हमेशा की तरह उन्होंने फोन तक नहीं उठाया.
इस निविदा पर सवाल इसलिए भी उठता है कि कस्बे में एक ही बस स्टैंड है, लेकिन नगरपालिका इसमें मिट्टी भराव के लिए तीन अलग-अलग कार्य करवाना चाह रही है. दरअसल जानकार बताते है कि पांच लाख रूपए की उपर की राशि का टेंडर ऑनलाइन करना पड़ता है. ऐसे में संभवतया नगरपालिका नहीं चाहती कि इस कार्य के लिए कोई बाहर का ठेकेदार आकर व्यवधान पैदा करे. इसलिए नगरपालिका नियमों को ताक पर रखकर एक बस स्टैंड पर 15 लाख की मिट्टी डालने की तीन टेंडर ऑफलाइन करवाना चाह रही है.
पहली बार ऐसा सामने आया है कि एक बस स्टैंड पर मिट्टी भराव के तीन जोन बना दिए और उनमें पांच लाख रूपए से कम राशि की मिट्टी डालने की निविदा जारी की गई. यहां यह इत्तेफाक कहें या फिर सोची समझी साजिश, कि तीनों ही जोन में पांच लाख रूपए से महज दो हजार और चार हजार रूपए की कम की मिट्टी का टेंडर दिया जा रहा है.
टेंडर में क्रॉस नाला निर्माण, इंटरलॉक और सीसी रोड के निर्माण कार्यों का भी टेंडर दिया गया है. लेकिन वाइस चेयरमैन रामस्वरूप जांगिड़ ने कहा है कि सभी जगहों पर पहले से नाला का्रॅस, इंटरलॉक और सीसी रोड बनी हुई है. जो एकदम परफेक्ट है. अब नगरपालिका परफेक्ट कार्यों पर भी फिर से पैसा खर्च क्यों कर रही है, यह समझ से परे है.
वाइस चेयरमैन रामस्वरूप जांगिड़ ने बताया कि पहले तो नौ जून को आठ कार्यों की निविदा निकाली गई, लेकिन बाद में 16 जून को इन कार्यों की निविदा को निरस्त कर दिया गया. कारणों का तो खुलासा नहीं हुआ, लेकिन जब निरस्त के आदेश निकाले गए तो दो और निविदा क्रमांक इसी आदेश में अंकित थे. ये दोनों निविदा क्रमांक 891 तथा 898 भी नौ जून को ही निकाली गई है. जिसमें भी इसी तरह कागजी काम करवाकर पैसे उठाने का अंदेशा जताया गया है.
आपको बता दें कि नगरपालिका में विकास कार्यों को लेकर विधायक सुभाष पूनियां भी सवाल उठा चुके है. उन्होंने स्वायत्त शासन मंत्री को शिकायत की थी. जिसके बाद डीडीआर ने आकर जांच भी की थी, लेकिन इस जांच का आज तक परिणाम किसी को पता नहीं. सूत्रों की मानें तो डीएलबी ने एक तकनीकी टीम का गठन कर शिकायत के बिंदुओं की विस्तृत जांच करने के आदेश दे दिए है. इस शिकायत में पूर्व विधायक श्रवण कुमार के पुत्र जयप्रकाश के स्वामित्व वाली बालाजी कंस्ट्रक्शन कंपनी को लेकर सवाल उठाए गए थे. जिसे जयप्रकाश ने राजनैतिक करार दिया था.