जोधपुर जिले के बिलाड़ा उपखंड के रणसीगाव में राशन धारको को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. राशनधारको को राशन सामग्री नहीं मिलने पर पंचायत और कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं.
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Bilara: जोधपुर जिले के बिलाड़ा उपखंड के रणसीगाव में राशन धारको को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. राशनधारको को राशन सामग्री नहीं मिलने पर पंचायत और कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं. इस बारे में अनेक बार प्रशासन को अवगत कराया परंतु आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई और समस्या का समाधान नहीं हुआ. गांवो में लगाए गए प्रशासन गांवो के संग अभियान के तहत अधिकारियों ने केवल आश्वासन देकर पल्ला झाड़ दिया.
लोगों को केवल अधिकारियों के आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला और कहते है कि आपका काम हो जाएगा. परन्तु आज तक काम नहीं हुआ है और ग्रामीण खाद्य सामग्री से वंचित रह रहे हैं. ग्रामीणों के राशन कार्ड एक तरह से शो पीस बन गए हैं.
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राशन कार्डों को ऑनलाइन करवाने की समस्या लंबे समय बाद भी दूर नहीं हो पा रही है. जिले में हजारों राशन कार्ड ऐसे हैं जो लंबे समय बाद भी ऑनलाइन नहीं हो पाए हैं. राशन कार्ड ऑनलाइन ना होने के कारण इन उपभोक्ताओं को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा सहित अन्य योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. पंचायत समिति के रणसीगांव मे 1370 परिवारों के राशन कार्ड वर्षों बीत जाने के बाद भी ऑनलाइन नहीं हो पाए. ऑनलाइन करवाने और खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ लेने के लिए आए दिन इन परिवारों के लोग प्रशासन और सरकारी विभाग के कार्यालयों के चक्कर काटते नजर आ रहे हैं.
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आखिरकार परेशान होकर रणसी गांव की ग्रामीणों ने शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन कर जमकर नारेबाजी की और प्रशासन और विभाग के अधिकारियों से अपने राशन कार्ड ऑनलाइन करवाने की मांग की. समाजसेवी गणपत सिंह ने बताया कि राशन कार्ड ऑनलाइन करवाने के लिए विभाग में जरूरी दस्तावेज लंबे समय पहले ग्रामीणों द्वारा जमा करवाए गए लेकिन लंबा समय बीत जाने के बाद भी राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा और अंत्योदय का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल रहा है.
वेबसाइट लंबे समय से बंद पड़ी है. ऐसे में राशन कार्ड ऑनलाइन ना होने के कारण वंचित उपभोक्ताओं के सामने राशन का संकट बना हुआ है. सरकार और प्रशासन को प्रयास कर बंद पड़ी वेबसाइट को चालू करना चाहिए ताकि लंबे समय से ऑनलाइन होने वाले राशन कार्ड ऑनलाइन हो सके और गरीबों को खाद्य सुरक्षा योजना के तहत का हक मिल सके इसके लिए मुख्यमंत्री कलेक्टर विकास अधिकारी वन अधिकारी को कई बार ज्ञापन भी दिए जा चुके हैं.
Reporter: Arun Harsh