जोधपुर के बिलाड़ा के खारीया मीठापुर गांव में बावरी समाज का प्रथम सामूहिक विवाह सम्मेलन सागंलिया धूणा परिसर में आयोजित हुआ. कार्यक्रम में वर-वधू को आशीर्वाद देने के लिए विभिन्न शहरों और गांव से लोगो ने भाग लिया.
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Bilara: जोधपुर के बिलाड़ा के खारीया मीठापुर गांव में बावरी समाज का प्रथम सामूहिक विवाह सम्मेलन सागंलिया धूणा परिसर में आयोजित हुआ. कार्यक्रम में वर-वधू को आशीर्वाद देने के लिए विभिन्न शहरों और गांव से लोगो ने भाग लिया.
बिलाड़ा विधायक हीराराम मेघवाल ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा की आज समाज शिक्षा की कमी के कारण पिछड़ा हुआ है. आज के समय मंहगाई इतनी बढ गई है और हम फिजूल खर्चे पर लगाम लगाने में नाकाम रहे हैं. कोरोना महामारी से कोई अछूता नही रहा. महामारी में धन्धे चौपट हो गये. समाज में फैली कुरितियों को और फिजूल खर्चे बंद करने होगें.
सामूहिक विवाह सम्मेलन आयोजित कर इसमे आम आदमी अपनी बच्चियों की शादी कर देता है. समाज में दिखावा बंद कर सामाजिक विकास कार्य में धन खर्च करे. जिससे आपके धन का सही उपयोग हो सके. आज समाज शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़ा हुआ है, इसी कारण आज हमारी गिनती नही होती है. आप आज सम्मेलन में प्रण लेकर जाए कि अपने बच्चो को शिक्षा दिलाने का हर संभव प्रयास करेगें.
आयोजन समिति के जवरीलाल ने बताया कि बावरी समाज के प्रथम सामूहिक विवाह सम्मेलन में 21 जोड़े परिणय सूत्र में बधे, और कहा की बावरी समाज अति पिछड़ा समाज है और समाज में फिजूलखर्ची बंद कर वह बढ़ती महंगाई को लेकर लोगों का जीना मुश्किल हो गया है. बच्चों की शादी करना भी मुश्किल हो गई है. क्योंकि महंगाई की मार सबसे बड़ी मार है. इसको रोकने के लिए बावरी समाज ने कोराना काल के बाद में सामूहिक विवाह सम्मेलन करने का निर्णय लिया और इस निर्णय को लेकर समाज ने साथ दिया और कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए अलग-अलग समितियां बनाई.
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अध्यक्ष पारसराम, जवरीलाल, तुलसीराम, प्रहलाद राम, घासीराम, जगदीश, मनोहर, भूपेन्द्र, भुटाराम सहित समाज के लोगों ने विभिन्न गांव में जाकर पीले चावल बांटकर सामूहिक विवाह सम्मेलन में भाग लेने के लिए निमंत्रण दीया. बावरी समाज के लोगों में सामूहिक विवाह सम्मेलन को लेकर उत्साह बना हुआ है. कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं. उन्होने सम्मेलन में समाज बंधु से अपील करते हुए कहा कि अब समाज में शिक्षा जरूरी हैं और लोगों ने सर्वसम्मति से शिक्षा कोष बनाने के लिए समाज के पदाधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी.
सागंलिया धूणा परिसर में विभिन्न गांव से बारातें आयी उनके ठहरने के लिए, वर -धु के लिए अस्थाई रूप से पांडाल बनाए गए प्रात गाजे -बाजे के साथ गांव में दूल्हा-दुल्हन की बंदोली निकाली गई. जगह-जगह समाज बंधुओं ने स्वागत द्वार बनाकर पुष्प वर्षा कर स्वागत किया. बाद में मंदिर परिसर में एक साथ 21 जोड़ें मंडप में बैठकर परिणय सूत्र में बधे. पंडितों ने वैदिक मंत्रोचार किया. बाद में समिति की तरफ से आशीर्वाद समारोह आयोजित किया गया. जिसमें जनप्रतिनिधि वर वधु को आशीर्वाद दिया और बाद में विदाई कार्यक्रम की रस्म अदा की गई.
जैतारण पंचायत समिति के प्रधान मेघाराम ने कहा कि कोरोना महामारी में कई लोग काल में समा गए और लोगों का जीना मुश्किल हो गया. लोगों की रोजी-रोटी छिन गई लोगों के धंधे चौपट हो गए और परिवार की कमर टूट गई. ऐसे में लोगों का जीना मुश्किल हो गया और अपने बच्चों की शादी करना भी मुश्किल हो गया, इसलिए समाज ने कोराना काल के बाद सामूहिक विवाह करने का निर्णय लिया. जिसमें गरीब बच्चियों के विवाह करने का खर्चा समिति ने उठाकर एक मिसाल कायम की. संरपच माया चौहान ने कहा कि आयोजित होने वाले सामूहिक विवाह सम्मेलन में विभिन्न महिलाओं को प्रेरित कर कार्यक्रम में भाग लेने की अपील की. महिलाओं से कहा कि कार्यक्रम में ज्यादा से ज्यादा भागीदारी निभाए और लोगों को एक मैसेज दें कि महिला भी पुरुषों से काम करने में पीछे नहीं है. कार्यक्रम को लेकर महिलाओं की विभिन्न समितियां गठित की ओर महिलाओं को जागरूक किया. साथ ही विवाह समारोह सम्पन्न होने के बाद विवाह समिति ने घरेलु चीजे उपहार में दी.
खारिया मीठापुर गांव के उदलियावास रोड पर स्थित सामूहिक विवाह सम्मेलन में सुबह 5:00 बजे से ही बाराते आनी शुरू हो गई. महिलाओं ने मंगल गीतों के साथ नृत्य करते हुए पांडाल में पहुंची. पंडाल में लोगों की भारी भीड़ देखने को मिली. प्रथम सामूहिक विवाह सम्मेलन में भाग लेने के लिए जोधपुर, नागौर, पाली, अजमेर सहित विभिन्न शहरों से बावरी समाज के पदाधिकारी और जनप्रतिनिधि वर वधु को आशीर्वाद देने के लिए पहुंचे. सम्मेलन में बिना मां-बाप के जोड़े को रहने के लिए जोधपुर में भूखंड देने की घोषणा के साथ समाज के लोगों ने बढ़-चढ़कर गरीब परिवार की मदद के लिए आगे आए. सम्मेलन में आए जनप्रतिनिधियों वह भामाशाह का माला और साफा के साथ स्वागत किया गया.
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