मेहरानगढ़ हादसा: CM गहलोत के निर्देश के बाद 10 सर्वे दल गठित, राहत और पुनर्वास का होगा सत्यापन
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मेहरानगढ़ हादसा: CM गहलोत के निर्देश के बाद 10 सर्वे दल गठित, राहत और पुनर्वास का होगा सत्यापन

जोधपुर के मेहरानगढ़ फोर्ट में चौदह वर्ष पूर्व हुए हादसे में जान गंवाने वाले 216 लोगों के परिजनों को राहत और पुनर्वास की उम्मीद जगी है. जिला प्रशासन एक्टिव मोड में नजर आए और सत्यापन के लिए दस सर्वे दल गठित किए है. 

दुखांतिका के परिवारों को राहत एवं पुनर्वास का सत्यापन.

Sardarpura: जोधपुर के मेहरानगढ़ फोर्ट में चौदह वर्ष पूर्व हुए हादसे में जान गंवाने वाले 216 लोगों के परिजनों को राहत और पुनर्वास की उम्मीद जगी है. जोधपुर यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जिला प्रशासन को पीड़ित परिवारों का सर्वे कर उनकी स्थिति का पता लगाने को कहा था. इस आदेश के बाद जिला प्रशासन एक्टिव मोड में नजर आए और सत्यापन के लिए दस सर्वे दल गठित किए है. यह सर्वे दल प्रत्येक पीड़ित परिवार के पास जाकर उन्हें अब तक मिली सहायता या नहीं मिलने के बारे में पता लगाएगा. इसके बाद विस्तृत रिपोर्ट मुख्यमंत्री को भेजी जाएगी.

मेहरानगढ़ दुखांतिका के परिवारों को राहत एवं पुनर्वास का सत्यापन
इस सिलसिले में जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता की अध्यक्षता में मंगलवार को कलेक्ट्रट सभाकक्ष में मेहरानगढ़ दुखांतिका के परिवारों को राहत एवं पुनर्वास के सत्यापन के सन्दर्भ में बैठक आयोजित हुई.

10 सर्वेदल गठित किये गए
बैठक में जिला कलेक्टर ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देशानुसार मेहरानगढ़ दुखांतिका के परिवारों को दिए राहत एवं पुनर्वास के सत्यापन के सम्बन्ध में 5 प्रभारी अधिकारियों के अधीन कुल 10 सर्वेदल गठित किये गए हैं. इन दलों के सदस्य सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग से है. जिला कलेक्टर ने कहा कि प्रत्येक सर्वेदल सरकार के प्रतिनिधि के रूप में आमजन के बीच जा रहा है इसलिए परिस्थिति अनुरूप पूरी संवेदनशीलता और धैर्य के साथ पीड़ित परिवारों से संवाद स्थापित करें तथा सर्वे को प्राथमिकता के साथ समय पर पूर्ण कर रिपोर्ट प्रस्तुत कराया जाना सुनिश्चित करें.

उन्होंने प्रभारियों को निर्देशित किया कि सर्वे के दौरान इस बात पर भी ध्यान दें कि यदि परिवार वर्तमान में संचालित किसी योजना का पात्र है और किसी कारणवश उससे वंचित रह गया है तो उन्हें तुरंत सम्बंधित योजना से जुड़ाया जाना भी सुनिश्चित करायें.

बैठक में एडीएम द्वितीय और संबंधित प्रभारी अधिकारी रहे मौजूद
अतिरिक्त जिला कलेक्टर एमएल नेहरा ने सभी सर्वेदल सदस्यों एवं प्रभारियों को सर्वे के प्रपत्र की विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने बताया कि उपखण्ड अधिकारी, जोधपुर (उत्तर) सुरेंद्र राजपुरोहित, उपखण्ड अधिकारी जोधपुर (दक्षिण) अपूर्वा परवाल, अतिरिक्त जिला कलेक्टर (शहर-द्वितीय) गरिमा शर्मा, रजिस्ट्रार, कृषि विश्वविद्यालय प्रियंका बिश्नोई तथा उपायुक्त जोधपुर विकास प्राधिकरण मृदुला शेखावत प्रभारी अधिकारी के रूप में इन 10 सर्वे दलों के साथ जोधपुर शहरी क्षेत्र में समुचित प्रपत्र अनुरूप सर्वे करेंगे. बैठक में एडीएम द्वितीय राजेन्द्र डांगा एवं संबंधित प्रभारी अधिकारी उपस्थित थे.

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वर्ष 2008 में भगदड़ में हुई थी 216 लोगों की मौत
जोधपुर के मेहरानगढ़ फोर्ट में वर्ष 2008 में नवरात्रा के दिन मची भगदड़ में 216 लोगों की मौत हो गई थी. दिल दहलाने वाले हादसे के बाद राज्य सरकार ने कारनामों का पता लगाने के लिए जांच आयोग गठित किया गया था. जस्टिस चोपड़ा जांच आयोग ने तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी, लेकिन रिपोर्ट को कभी भी सार्वजनिक नहीं किया गया. आयोग ने ढाई करोड़ रुपए खर्च कर 222 पीड़ितों और 59 अफसरों के बयान लेकर हादसे के कारण, जिम्मेदारों की लापरवाही और भविष्य में बचाव के उपायों की पूरी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप दी थी लेकिन इस हादसे के दोषी लोगों का नाम कभी सामने नहीं आ पाया और ना ही किसी को सजा मिल पाई.

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