ना पति के घर का सुख मिला, ना पिता का, सरकार से थी उम्मीद लेकिन उसने भी छोड़ा बेसहारा
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan1413278

ना पति के घर का सुख मिला, ना पिता का, सरकार से थी उम्मीद लेकिन उसने भी छोड़ा बेसहारा

भोपालगढ़ कस्बे की बलदेव कॉलोनी निवासी शोभा पत्नी चनणाराम (38 वर्ष) गवारिया को अपने विवाह के बाद न ससुराल में सुख मिला और न पीहर में. यह दुःखद व मार्मिक कहानी बलदेव कॉलोनी निवासी शोभा गवारिया की है. जिनकी बाल्यावस्था में कवास (बाड़मेर) निवासी चनणाराम के साथ विवाह हुआ.

ना पति के घर का सुख मिला, ना पिता का, सरकार से थी उम्मीद लेकिन उसने भी छोड़ा बेसहारा

Jodhpur : भोपालगढ़ कस्बे की बलदेव कॉलोनी निवासी शोभा पत्नी चनणाराम (38 वर्ष) गवारिया को अपने विवाह के बाद न ससुराल में सुख मिला और न पीहर में. यह दुःखद व मार्मिक कहानी बलदेव कॉलोनी निवासी शोभा गवारिया की है. जिनकी बाल्यावस्था में कवास (बाड़मेर) निवासी चनणाराम के साथ विवाह हुआ. मात्र 12 वर्ष बाद फेंफड़े डेमेज होने की वजह से साल 2014 में उनकी मृत्यु हो गई थी.

जिस कारण से ससुराल वालों ने कुछ दिन बाद इनके साथ ऐसा बुरा व्यवहार किया, जिस कारण से इनको 5 बच्चों को लेकर अपने पीहर भोपालगढ़ आना पड़ा. लेकिन बड़े अफसोस की बात है कि अपने पिता की लाडली बेटी को भी अपने पिता के यहाँ रहने के लिए जगह नहीं मिली. जिसका कारण यह था कि पिता के पास एकमात्र आवासीय भूखण्ड था जिसमें उनके 4 पुत्रों का रहना भी मुश्किल था.

आखिरकार उसे मजबूर होकर अपनी समाज के एक खाली पड़े प्लॉट जिसमें चारों कंटीली झाड़ियां व गंदगी का ढेर ही ढेर,जहाँ उनको रहने को मजबूर होना पड़ रहा है. ऐसे स्थान पर लोग जहाँ अपने पशुओं को बांधने से शर्माते हैं. ऐसे स्थान पर कस्बे की बेटी को नारकीय जीवन जीना पड़ रहा है. उन्हें घर घर जाकर महिलाओं के लिए चूड़ियां बेचने के अलावा कोई अन्य आजीविका का स्थायी स्रोत नहीं है. इससे भी इनका घर का खर्चा नहीं चल पाता है. ऐसे में इनके चारों लड़के पढ़ाई छोड़ अपने स्तर की मजदूरी पर जाने को मजबूर हैं.

वर्तमान सरकार द्वारा आमजन के लिए कई लोक कल्याणकारी योजनाएं संचालित हो रही है. लेकिन बड़ी विडम्बना की बात है कि अभी तक न उसे प्रधानमंत्री आवास योजना, खाद्य सुरक्षा, पालनहार एवं विधवा पेंशन योजना इत्यादि किसी भी योजनाओं का लाभ नहीं मिला. इनके साथ ही इनके अस्थायी निवास होने के कारण पानी, बिजली और शौचालय सुविधा जैसी भौतिक सुविधाओं का हमेशा ही अभाव रहा.

यह पिछले 10 वर्षों से यहाँ निवास कर रही है लेकिन आज तक किसी भी जनप्रतिनिधियों या सरकारी अधिकारियों ने इनके सुध नहीं ली. शोभा ने अपने बच्चों के सुनहरे भविष्य को संवारने के लिए स्थानीय प्रशासन, जनप्रतिनिधियों एवं भामाशाहों से राज्य सरकार की मानव कल्याणकारी योजनाओं से लाभ दिलवाने एवं परिवार की आजीविका चलाने हेतु हर सम्भव आर्थिक मदद करने की अपील की है.

 

ये भी पढ़े..

बीवी का गला घोंटकर पिता के पास पहुंचा पति, बोला- बेहोश है, अस्पताल ले जाओ

मल्लिकार्जुन खड़गे की ताजपोशी में CM अशोक गहलोत की तस्वीरों ने दिए कई सवालों के जवाब

 

Trending news