भोपालगढ़: फिक्सेशन में त्रुटि का खामियाजा भुगत रहे 54 हजार प्रबोधक और शिक्षक, जानें
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भोपालगढ़: फिक्सेशन में त्रुटि का खामियाजा भुगत रहे 54 हजार प्रबोधक और शिक्षक, जानें

प्रबोधक संघ के जिला सभाध्यक्ष उमाराम सोऊ ने बताया कि प्रदेश में करीब 54 हजार से अधिक शिक्षकों और प्रबोधकों की नियुक्ति वर्ष 2007-2008 में हुई थी, लेकिन जब उस दौरान इन सभी कार्मिकों का 6वें वेतन आयोग के तहत फिक्सेशन करवाया गया.

फिक्सेशन

Bhopalgarh: गलती किसी अन्य ने की और सजा भुगते कोई और, कुछ ऐसा ही मामला शिक्षा विभाग में देखने को मिल रहा है, जहां दरअसल छठे वेतनमान के तहत किए गए फिक्सेशन के समय 2007-08 में नियुक्त प्रदेश भर के करीब 54000 से अधिक तृतीय श्रेणी शिक्षकों और प्रबोधकों के फिक्सेशन में रही विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के कारण इन शिक्षकों को प्रतिमाह 3000 से 4000 रुपए का नुकसान हो रहा है. इसको लेकर प्रबोधक संघ जोधपुर के जिलाध्यक्ष संग्रामराम बिश्नोई और भोपालगढ़ ब्लॉक अध्यक्ष रामप्रकाश गोदारा की अगुवाई में प्रबोधकों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और वित्त विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र भेजकर फिक्सेशन में रही त्रुटियों को सुधार कर प्रबोधकों और शिक्षकों को उनका पूरा वेतन और अब तक का बकाया एरियर देने की मांग की है.

प्रबोधक संघ के जिला सभाध्यक्ष उमाराम सोऊ ने बताया कि प्रदेश में करीब 54 हजार से अधिक शिक्षकों और प्रबोधकों की नियुक्ति वर्ष 2007-2008 में हुई थी, लेकिन जब उस दौरान इन सभी कार्मिकों का 6वें वेतन आयोग के तहत फिक्सेशन करवाया गया, तो स्टेट स्तर पर लेखाधिकारियों ने इनका मूल वेतन 12900 रुपए देने के स्थान पर 11170 रुपए पर फिक्स कर दिया. इसके साथ ही जब लेखाकर्मियों ने इनकी ग्रेड-पे बदली, उस समय इनकी प्रथम पे-ग्रेड 5200-20200 और ग्रेड-पे 2800 रुपए थी. इसके बाद कर्मचारियों की मांग पर राज्य सरकार की ओर से वेतन विसंगतियों को दूर करने के लिए एक समिति गठित की और उसकी सिफारिशों को लागू कर दिया. इसमें इन शिक्षकों और प्रबोधकों का मूल वेतन और ग्रेड-पे वेतन श्रृंखला 9300-34800 और ग्रेड-पे 3600 किया गया. 

इस समय लेखाकर्मियों द्वारा सन 2008 में नियुक्त शिक्षकों और प्रबोधकों की ग्रेड-पे 2800 के स्थान पर 3600 रुपए तो कर दी, लेकिन वेतन श्रृंखला 9300-34800 के तहत न्यूनतम मूलवेतन 9300 के स्थान पर पुरानी वेतन श्रृंखला 5200-20200 के तहत 8750 की गणना करके ही दिया, जिससे इनका मूल वेतन 11170 ही बना रहा, जबकि असल में इनका मूलवेतन 12900 रुपए होना चाहिए था. जिला सभाध्यक्ष सोऊ ने बताया कि इस प्रकार केवल फिक्सेशन करते समय की गई. लेखाधिकारियों की छोटी सी गलती के कारण प्रदेश भर के इन 54 हजार से अधिक प्रबोधकों और शिक्षकों को प्रतिमाह तीन से चार हजार रुपए का नुकसान हो रहा है.

प्रबोधक संघ ने भेजा ज्ञापन
अखिल राजस्थान प्रबोधक संघ के ब्लॉक अध्यक्ष रामप्रकाश गोदारा ने बताया कि इन प्रबोधकों और शिक्षकों के वेतन का नुकसान फिक्सेशन में लेखाकर्मियों की गलती के कारण हो रहा है. यह वेतन विसंगति का मामला नहीं है. विभागीय अधिकारियों से अपनी लापरवाही को उजागर होने से बचाने के लिए अब तक संशोधित फिक्सेशन की कार्यवाही नहीं कर रहे है, जिसको लेकर संघ के जोधपुर जिलाध्यक्ष संग्रामराम बिश्नोई के नेतृत्व में मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर फिक्सेशन में हुई. गलती को दूर करने और संशोधित आदेश जारी कर सभी प्रबोधकों और शिक्षकों को राहत प्रदान करने की मांग की है. साथ ही ज्ञापन में यह चेतावनी भी दी गई है कि यदि शीघ्र ही उनकी मांगों पर गौर नहीं किया गया, तो संगठन को आंदोलन करने पर मजबूर होना पड़ेगा.

कर्मचारियों को लाखों का नुकसान
प्रदेश में वर्ष 2008 में लगे करीब 54 हजार प्रबोधकों और शिक्षकों को उनके फिक्सेशन के दौरान रही लेखाकर्मियों की गलती की वजह से अब तक लाखों का नुकसान उठाना पड़ा है और इसे सेवानिवृत्ति तक झेलना पड़ेगा. तब तक यह आंकड़ा कहां तक जाएगा. इसमें तत्काल सुधार कर राहत दी जाए.

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