Jodhpur News: प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि न्याय संहिता की मूल भावना ज्यादा से ज्यादा प्रभावी बने यह हम सभी का दायित्व है. दशक बाद गुलामी की मानसिकता से आजादी मिली है. राष्ट्रीय हित के मामलों में न्यायपालिका ने अहम भागीदारी निभाई है.
Trending Photos
Jodhpur News: जोधपुर में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि न्याय हमेशा सरल स्पष्ट होता है, लेकिन प्रक्रियाएं उसे मुश्किल बना देती है . यह हम सब की सामूहिक जिम्मेदारी है कि हम न्याय को ज्यादा से ज्यादा सरल और स्पष्ट बनाएं. प्रधानमंत्री रविवार को जोधपुर में राजस्थान हाई कोर्ट के 75 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर आयोजित प्लेटिनियम जुबली समारोह के समापन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.
राजस्थान हाई कोर्ट के 75 साल हुए पूरे
प्रधानमंत्री ने कहा कि न्याय को सरल और स्पष्ट बनाने के लिए देश ने इस दिशा में कई ऐतिहासिक और निर्णायक कदम उठाए हैं. इसका मुझे संतोष है. इस दिशा में हमने पूरी तरह से अप्रासंगिक हो चुके सैकड़ो कानून को रद्द किया है. आजादी के इतने दशक बाद गुलामी की मानसिकता से देश ने इंडियन पीनल कोड की जगह भारतीय न्याय संहिता को अपनाया है. दंड की जगह न्याय, यह भारतीय चिंतन का आधार भी है . भारतीय न्याय संहिता मानवीय चिंतन को आगे बढ़ाती है . भारतीय न्याय संहिता हमारे लोकतंत्र को कॉलोनियल माइंडसेट से आजाद करवाती है. न्याय संहिता की मूल भावना ज्यादा से ज्यादा प्रभावी बने यह दायित्व अब हम सभी के सामने हैं.
उन्होंने कहा कि राजस्थान हाईकोर्ट के 75 वर्ष ऐसे समय में हुए हैं , जब हमारा संविधान भी 75 वर्ष पूरे करने जा रहा है. इसलिए यह अनेक महान लोगों की न्याय निष्ठा और योगदान को सेलिब्रेट करने का उत्सव भी है. प्रधानमंत्री ने अदालतों में तेजी से हो रहे डिजिटाइजेशन और टेक्नोलॉजी के प्रयोग की सराहना करते हुए कहा कि समय के साथ बदलाव जरूर है.प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इसी 15 अगस्त को मैने लाल किले से सेकुलर सिविल कोड की बात की है. इस मुद्दे पर भले ही कोई सरकार पहली बार मुखर हुई हो लेकिन हमारी ज्यूडिशरी दशकों से इसकी वकालत करती आई है.
राष्ट्रीय एकता के मुद्दे पर न्यायपालिका का यह स्पष्ट रूख ,न्यायपालिका पर देशवासियों में भरोसा और बढ़ाएगा. मोदी ने कहा कि हमारी न्यायपालिकाओं ने निरंतर राष्ट्रीय विषयों पर सजगता और सक्रियता की नैतिक जिम्मेदारी निभाई है . कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने का देश के संवैधानिक एकीकरण का उदहारण सामने है. सीएए जैसे मानवीय कानून का उदाहरण हमारे सामने है. ऐसे मुद्दों पर राष्ट्रीय हित में स्वाभाविक न्याय क्या कहता है यह हमारी अदालतों के निर्णय से स्पष्ट होता है. हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे विषयों पर राष्ट्र प्रथम के संकल्प को सशक्त किया है.
ये भी पढ़ें- Jaipur News: जिनके ठिकानों पर ED-ACB के छापे, उन्हें मिला प्रमोशन का तोहफा, विभाग को मिले 4 नए चीफ
समापन समारोह को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सम्बोधित करते हुए कहा कि कहां आज हम सबके लिए हर्ष और आनंद का समय है राजस्थान हाईकोर्ट का स्वर्णिम इतिहास रहा है. आपातकाल के दौरान देश 09 हाई कोर्ट में राजस्थान भी शामिल था जो नागरिकों की रक्षा के लिए खड़ा रहा और उनके हक में फैसला दिया गया. राजस्थान हाई कोर्ट ने त्वरित कानून के साथ लोगों को न्याय दिया है देश के प्रधानमंत्री ने त्वरित न्याय के लिए नए कानून बनाए हैं आधुनिकरण डिजिटलीकरण व सरलीकरण पर जोर दिया है. कई बार अधिकारी को भी कानून की जानकारी नहीं होती. हमने ऐसा प्लेटफार्म तैयारिया किया है जिसमें अधिकारियों को भी कानून संबंधी जानकारी दी जा सकती है. राजस्थान ऐसा पहला राज्य है जहां 5 लाख कार्मिक उस पर जुडे है.
हमने भी देश के प्रधानमंत्री के बाद नवाचार करने का प्रयास किया है हमने नामांतरण को ऑनलाइन और पेपरलेस किया है ताकि जनता को राहत मिल सके और उनको चक्कर नही लगाने पडे. अधिवक्ताओं के लिए बजट में बडी घोषणाए की है. सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश एवं राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष संजीव खन्ना ने सम्बोधित करते हुए कहा कि देश में आमजन को सस्ता,सरल व सुलभ न्याय के लिए लगातार कार्य किया जा रहा है. नालसा की ओर से लीगल एड के जरिए अधिक से अधिक लोगो को राष्ट्रीय लोक अदालत के जरिए मुकदमों को निस्तारित किया जा रहा है.
केन्द्र सरकार के कानून एवं विधि मंत्री अर्जुनलाल मेघवाल ने सम्बोधित करते हुए कहा कि राजस्थान हाईकोर्ट के 75 साल पूरे हो रहे है ऐसे समय में देश के संविधान को भी 75 साल पूरे हो रहे है. उन्होने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को बधाई देते हुए कहा कि उन्होने नवाचार करते हुए 18 क्षेत्रीय भाषाओं में फैसलो को जनता तक पहुचाने के लिए कदम उठाया वो सराहनीय है. राजस्थान हाईकोर्ट देश का पहला हाईकोर्ट ने जिसने 1950 में ही हिन्दी में काम करना शुरू कर दिया था.
राजस्थान हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एम एम श्रीवास्तव ने भी संबोधित किया. इस दौरान राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ किशन राव बागडे विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी सहित विभिन्न हाईकोर्ट के न्यायाधीश सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश और अधिवक्ता मौजूद रहे. समारोह में मोदी ने स्मारिका का भी विमोचन किया.
बाइट नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री