राजस्थान हाई कोर्ट ने जयदीप सिंह और अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए सीधे संविदा पर नियुक्त करने के आदेश दिए.
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Jodhpur: समग्र शिक्षा अभियान (Samagra Shiksha Abhiyan) के तहत लगे एमआईएस सहायक कर्मचारी (MIS Support Staff) और कनिष्ठ अभियंता को सीधे संविदा पर नियुक्ति देने के खिलाफ दायर याचिका पर राजस्थान हाई कोर्ट (Rajasthan High Court) मुख्य पीठ जोधपुर में सुनवाई हुई. राजस्थान हाई कोर्ट ने जयदीप सिंह और अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए सीधे संविदा पर नियुक्त करने के आदेश दिए.
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता विक्रम सिंह (Vikram Singh) ने बताया कि जोधपुर, बीकानेर, उदयपुर, बूंदी, बारां, दोसा, हनुमानगढ़, कोटा और झालावाड़ जिलों में कार्यरत एमआईएस कनिष्ठ अभियंता और सहायक कर्मचारियों को सीधे संविदा पर ले जाने के आदेश पारित किए हैं.
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याचिकाकर्ताओं का तर्क था कि वित्त विभाग के परिपत्र 27 जून 2014 द्वारा राज्य में संचालित सभी केंद्र प्रायोजित योजनाओं में सीधे संविदा पर कार्मिक लेने का प्रावधान किया जा चुका है. उक्त परिपत्र की पालना में अन्य जिला परिषद जैसे बांसवाड़ा में मनरेगा योजना (MGNREGA Scheme) में भी प्लेसमेंट एजेंसी के जरिए कार्यरत संविदाकर्मियों को सीधे अनुबंध पर किया जा चुका है.
निर्मल भारत अभियान में बी परिपत्र की पालना में हनुमानगढ़ जिला परिषद में ही प्लेसमेंट एजेंसी में कार्यरत संविदा कर्मियों को सीधा अनुबंध पर लिया जा चुका है. राजीव गांधी केंद्र (Rajiv Gandhi Center) केकड़ी अजमेर में भी लगे सुरक्षा गार्ड गोपीराम गुर्जर को भी डायरेक्ट संविदा पर लिया जा चुका है. उक्त याचिका की सुनवाई करते हुए न्यायालय ने समग्र शिक्षा योजना में संबंधित अधिकारियों को आदेश जारी करते हुए प्लेसमेंट एजेंसी से हटाकर सीधे संविदा पर लेने का आदेश दिया. उक्त आदेश के तहत याचिकाकर्ताओं को एक विस्तृत प्रतिवेदन अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक समग्र शिक्षा आयुक्त राजस्थान प्रारंभिक शिक्षा परिषद को करने के भी निर्देश जारी किए.
Reporter- Bhawani bhati