सको लेकर आज एनएसयूआई के पदाधिकारियों और छात्र संघ के प्रत्याशी हरेंद्र सिंह ने स्थिति साफ की. एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष दिलीप चौधरी ने बताया कि एनएसयूआई चुनाव के टिकट वितरण में आरसीए चेयरमैन वैभव गहलोत का कोई दखल नहीं था.
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Jodhpur: हाल ही में संपन्न हुए छात्र संघ चुनाव को लेकर भले ही एसएफआई के बैनर पर जीत हासिल करने वाले और छात्रसंघ अध्यक्ष अरविंद सिंह और पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष रविंद्र सिंह कितने ही गंभीर आरोप एनएसयूआई की जिला कार्यकारिणी और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य वैभव गहलोत पर लगाएं मगर हर कोई जानता है कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य वैभव गहलोत ने एनएसयूआई के जिला अध्यक्ष दिलीप चौधरी व अन्य पदाधिकारियों के आग्रह पर एनएसयूआई के प्रत्याशी हरेंद्र सिंह को जिताने के लिए हर संभव कोशिश की थी.
इस पूरे मामले को लेकर छात्रसंघ अध्यक्ष अरविंद सिंह और पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष रविंद्र सिंह द्वारा लगातार सोशल मीडिया पर अनर्गल आरोप लगाए जा रहे हैं. इसको लेकर आज एनएसयूआई के पदाधिकारियों और छात्र संघ के प्रत्याशी हरेंद्र सिंह ने स्थिति साफ की. एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष दिलीप चौधरी ने बताया कि एनएसयूआई चुनाव के टिकट वितरण में आरसीए चेयरमैन वैभव गहलोत का कोई दखल नहीं था उन्होंने तो एनएसयूआई कार्यकारिणी पर ही छोड़ दिया था कि वह जो उचित समझे उसे ही टिकट दे और बात अगर वैभव गहलोत के चुनाव प्रचार में आने की की जा रही है तो वैभव गहलोत से उन्हीं लोगों ने आग्रह किया था. जिसके बाद वह 2 घंटे के लिए जोधपुर में आकर एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाया था.
वहीं एनएसयूआई के प्रत्याशी रहे हरेंद्र ने कहा कि जिस तरह से छात्रसंघ अध्यक्ष अरविंद सिंह और पूर्व अध्यक्ष रविंद्र सिंह सोशल मीडिया के माध्यम से दुष्प्रचार कर रहे हैं उसकी वे निंदा करते हैं और छात्र हितों को लेकर वह लगातार आवाज उठाते रहेंगेभले ही उनकी हार हो गई हो चुनाव में हार और जीत लगी रहती है.
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वहीं पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष सुनील चौधरी ने वर्तमान छात्र संघ अध्यक्ष अरविंद सिंह और पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष रविंदर सिंह के द्वारा चुनाव परिणाम से 1 दिन पहले आयोजित प्रेस वार्ता करने को लेकर कहा कि रविंदर सिंह और अरविंद सिंह ने फर्जी मतदान और राज्य सरकार की दखलअंदाजी और सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग का आरोप लगाया था लेकिन चुनाव परिणाम आने से स्पष्ट हो गया कि विश्वविद्यालय के चुनाव में सरकार का कोई दखल नही था जहां एक और विश्वविद्यालय प्रशासन ने निष्पक्ष चुनाव करवाएं वही पुलिस प्रशासन द्वारा एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं के वाहनों को सीज भी किया गया था और एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने धरना प्रदर्शन भी किया था जिससे उनके द्वारा जो आरोप लगाए गए थे वह झूठे साबित होते हैं.