जोधपुर सहित पश्चिमी राजस्थान में लम्पी स्किन का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. संक्रमित गौवंश को आइसोलेट रखने के साथ साथ गौशालाओं में हाइपो क्लोराइड का छिड़काव किया जा रहा है
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Bilara : राजस्थान के जोधपुर जिले के बिलाड़ा उपखंड में महामारी की तरह फैली लम्पी स्किन डिजीज से गौवंश को बचाने के लिए गौ सेवकों ने औषधीय रोटी का सहारा लेकर अनूठी पहल की है. लम्पी स्किन महामारी बीमारी से निजात दिलाने के लिए हल्दी-काली मिर्च-कड़कड़ शक्कर और देसी घी की रोटी को रामबाण औषधि माने कर यहां के गो सेवकों और भामाशाह इससे बने आटे की रोटी गौवंश को देनी शुरू की है.
गायों को नहला रहे हैं, फिटकरी युक्त पानी से
गौभक्त और दानदाता ने गौवंश को बचाने के लिए हर संभव कोशिश में जुटे हैं इस बीच गौसेवक फिटकरी युक्त पानी से गायों को नहला रहे हैं और साथ ही नीम की पत्तियों को जलाकर गौवंश के पास धुंआ भी कर रहे हैं. ताकि मक्खी मच्छर से संक्रमित गौवंश बच सके.
जोधपुर सहित पश्चिमी राजस्थान में लम्पी स्किन का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. संक्रमित गौवंश को आइसोलेट रखने के साथ साथ गौशालाओं में हाइपो क्लोराइड का छिड़काव किया जा रहा है. प्रशासन के साथ साथ गौ सेवा विभाग के कार्यकर्ता भी गांव गांव ढाणी ढाणी तक गौवंश को बचाने की कोशिश में जुटे हैं.
ग्रामीण भी विशेष प्रकार का आयुर्वेदिक औषधीय युक्त घोल बना कर पशुधन पर छिड़काव कर रहे है. साथ ही विशेष प्रकार के लड्डू बना कर गौवंशो को सुबह-शाम खिलाने की सलाह दे रहे हैं, ताकि गौवंश को बचाया जा सके.
इधर बिलाड़ा में सोजत मार्ग पर स्थित गौशाला में कन्हैया लाल, अशोक पटेल, किशन सागर, तुलछाराम ,महेंद्र दाधिच, अशोक चौधरी, रमेश वैष्णव, चेतन पटेल रमेश जालोरा सहित कई भक्तों ने औषधियां रोटियां बना कर गायों को खिलाई. इस काम के लिए अब कई भामाशाह और विभिन्न संगठनों सामने आ रहे हैं.
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