जोधपुर जिले के बिलाड़ा उपखंड के विश्नोई समाज के विभिन्न गांवों में होली के पावन पर्व पर पूरे देश में हिन्दू धर्म के रीति-रिवाज से बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है.
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Bilara: राजस्थान के जोधपुर जिले के बिलाड़ा उपखंड के विश्नोई समाज के विभिन्न गांवों में होली के पावन पर्व पर पूरे देश में हिन्दू धर्म के रीति-रिवाज से बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है. इसी दौरान इस होली के त्योहार के मौके पर बिश्नोई समाज द्वारा सम्पूर्ण भारत वर्ष में अपने अलग अंदाज मे पर्यावरण संरक्षण और जीव-जंतुओ को सुरक्षित रखने और अपने धर्म की अडीग पर रहने को लेकर विशेष रूप से इस त्योहार को मनाया जाता है.
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बिश्नोई समाज द्वारा पूरे भारतवर्ष मे बिश्नोई बाहुल्य क्षेत्र हर गांव, हर मौहल्ले हर ढाणी में होलिका दहन को मृतक रूपी सूतक के रूप मे मानते हुए होली के रामा श्यामा के दूसरे दिन सुबह अपने अराध्य देव श्री गुरू जंम्भेश्वर भगवान की 120 शब्दों की शब्दवाणी से घी नारियल की आहुति देकर हवन यज्ञ कर अपने आस-पास कोई भी सूतक रूपी अछूति चीजों का शुद्धिकरण करने के लिए गांव स्थित मंदिर, चोघटे और सार्वजनिक जगह पर गंगा स्वरूप पाहल किया जाता है.
पाहल के दौरान लोग अपने घरो से घी और पक्षियों के लिए अनाज चुंग्गा लेकर आते है और पर्यावरण संरक्षण और वन्यजीव संरक्षण, सामाजिक सरोकार कार्य, समाज में फैली अराजकता रूपी कुरीतिया मिटाने और नशा मुक्त समाज बनाने और समाज मे भाईचारा, एकता प्रेम भाव, रखने के लिए संकल्प रूपी प्रेरणा लेते है, जो इस सामाजिक और धार्मिक परम्परा को निभाने के बिश्नोई समाज में जोधपुर जिले के लूणी तहसील के फिटकासनी गांव की चौपाल चौहटे में सम्पूर्ण भारत वर्ष मे सबसे बड़ा पाहल होता है, जो 9 ग्राम पंचायत और 33 राजस्व गांव और ढाणियों के हजारों घरो के हर घर प्रतिव्यक्ति उपस्थित होकर पाहल ग्रहण करते है और हवन में आहुति देकर पर्यावरण शुद्धिकरण और धार्मिक माहौल को कायम रखने की परम्परा निभाते है.
बाद में अपने-अपने घर परिवार में बच्चों, बुजूर्गों, महिलाओं के लिए पाहल ले जाकर दिया जाता है और कुछ न कुछ कुरूतिया त्यागने का संकल्प दिलवाया जाता है, जिसमें पर्यावरण संरक्षण और वन्यजीव सुरक्षा उनकी देखभाल और सामाजिक, सांस्कृतिक, संस्कार को कायम रखने का मुल उद्देश्य होता है. बिश्नोई समाज में हर वर्ष एक नई अनूठी पहल के रूप में अगले वर्ष की रूपरेखा तैयार की जाती है.
इसी तरह इस वर्ष होली के रामा श्यामा के दूसरे दिन फिटकासनी गांव में हजारों की संख्या में बिश्नोई समाज के लोगो ने उपस्थित होकर इस महान परम्परा को निभाते हुए एक साथ इतना बड़ा पाहल कर लोगो में भाईचारा एकता और आपसी सद्वभाव सौहार्द का उदाहरण पेश किया, जिसमें अलग-अलग गांव और ढाणियों से पाहल लेने आए लोगो द्वारा हवन के लिए घी, पक्षियो के लिए चुंग्गा और अन्य सामग्री के रूप में कही चीजे लाई गई, जिसमे 50 क्विंटल के रूप मे अनाज एकत्रित हुआ.
ज्योति और हवन के लिए डेढ से दो क्विंटल देशी घी और एक लाख रूपये रोकड़ एकत्रित किए गए जो मारवाड सहित सम्पूर्ण भारत वर्ष में बिश्नोई समाज के लिए अपने आप में एक अनूठा उदाहरण है. राष्ट्रीय कार्यकरिणी सदस्य महासभा ओमप्रकाश लोल ने बताया कि इस वर्ष होली के त्योहार के दौरान बिश्नोई समाज की सर्वोत्तम मुख्य संस्था अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा की कमान जोधपुर जिले के लूणी तहसील क्षेत्र के गुडाबिशनोई निवासी श्री देवेन्द्र जी बूडीया के हाथों में राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में है, जो देवेन्द्र बूडीया द्वारा बिश्नोई समाज की मुख्य सर्वोत्तम संस्था अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त होने के बाद अपनी नीजी आय निजी खर्चे से समाज मे करोड़ों रूपयो की लागत से कई विकास कार्य किए जा रहे हैं.
एक अध्यक्ष होने की हैसियत से भामाशाह के रूप मे बहुत बड़ा कार्य और अपने आप में एक अलग उदाहरण है जो मुक्तिधाम मुकाम में श्री गुरू जंम्भेश्वर भगवान की तपोभूमि मुख्य तीर्थस्थल के सौन्दर्यकरण कार्य हो या धार्मिक कार्य हो, या शिक्षा के क्षेत्र का कार्य हो या बिश्नोई समाज की धर्मशालाओं के निर्माण कार्य हो, वन्यजीव एंव पर्यावरण संरक्षण और गौ माता की सेवा का कार्य हो जो सबसे महत्वपूर्ण तरीके से करवाकर अध्यक्ष होने की हैसियत से अपना धर्म और फर्ज निभाया जा रहा है.
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समाज में बढ़ती नशा प्रवृति पर रोक लगाकर नशा मुक्त बिश्नोई समाज का अभियान हो या समाज में बढ़ती अनैतिक रूढीवादी कुरूतियों से छुटकारा दिलाने की कार्रवाई हो या समाज मे शादी समारोह मे बडते अफीम, डोडे या अन्य नशे को त्याग कर उस पर प्रतिबंध लगवाने की मुंहिम हो या युवाओं के पढ़ाई पर विशेष जोर देने की बात हो या समाज मे बढ़ते आपसी सगाई सम्बन्ध के टूटने की घटनाओं पर प्रतिबंध लगाने की बात को बड़े स्तर पर लागू करने की अपील के साथ महासभा का कार्य हो या लोगों में आपसी तालमेल बनाकर सामंजस्य बनाने की बात हैं.
राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेन्द्र बूडीया हमेशा महासभा के नेतृत्व मे बड़े स्तर के पटल पर रखने की मांग करते है जो हाल ही में होली के पाहल पर अपनी तरफ से बिश्नोई समाज के नाम का पत्र लिखकर संदेश दिया गया कि बिश्नोई समाज के साधू संतो की मुख्य पीठ जांम्बा धाम के मंहत श्री भगवानदास जी महाराज और श्री प्रेमदास जी महाराज के नेतृत्व में चलाई जाने वाली मुहिम को लागूकर नशा मुक्त समाज बनाने के लिए बिश्नोई समाज अपनी एकता के साथ मुख्य भूमिका निभाए, जिससे समाज में नशा प्रवृति खत्म कर समाज को आगे बढाया जा सके.
इसी के साथ महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष की अपील को फिटकासनी क्षेत्र में बिश्नोई समाज के सबसे बड़े पाहल पर फिटकासनी के मुख्याओं, युवाओं और वन्यजीव एंव पर्यावरण प्रेमियो द्वारा पाहल के दौरान सभी लोगो को यह संकल्प दिलवाकर इस मुहिम को लागू करने का निर्णय लिया. बिश्नोई समाज के 84 खेड़ो में बडे स्तर पर लागू किया जाता है जो पिछले पन्द्रह वर्षों पूर्व ऐसे ही निर्णय खेजड़ली से लेकर बिश्नोई समाज में नशा प्रवृति खत्म करने और समाज में बढ़ती अनैतिक रूढीवादी कुरूतियों को त्यागने के लिए समाज से अपील की गई थी जो आज भी निभाई जाती है.
Report: Arun Harsh