Khatu Shyam Ji: खाटू श्याम बाबा को क्यों चढ़ाया जाता है निशान?
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan2134164

Khatu Shyam Ji: खाटू श्याम बाबा को क्यों चढ़ाया जाता है निशान?

Khatu Shyam Ji: राजस्थान के सीकर में खाटू श्याम बाबा का डंका आज पूरी दुनिया में बज रहा है. कहते है कि बाबा भक्तों का साथ हमेशा देते हैं. कई भक्त बाबा को निशान चढ़ाते है. ऐसे में जानिए बाबा श्याम को निशान क्यों चढ़ाया जाता है? 

Khatu Shyam Ji

Khatu Shyam Ji: राजस्थान के सीकर में खाटू श्याम बाबा का मंदिर है, जो पूरी दुनिया में फेमस है. इस मंदिर में  भीम के पोते और घटोत्कच्छ के बेटे बर्बरीक की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. 

यहां हर रोज हजारों भक्त बाबा श्याम के दर्शन करने आते हैं. कहते हैं कि जो जो श्रद्धालु बाबा के सच्चे मन से दर्शन करने आता है, उसकी सारी मनोकामना पूरी हो जाती हैं. ऐसे में बहुत सारे भक्त ऐसे हैं कि जो बाबा के दरबार में अपने साथ खाटू श्याम का ध्वज लेकर आते हैं, जिसको बाबा का निशान कहा जाता है. आखिर बाबा को निशान क्यों चढ़ाया जाता है? 

क्यों चढ़ाया जाता है बाबा श्याम को निशान? 
हिंदू धर्म के अनुसार, ध्वज को जीत का प्रतीक माना जाता है. खाटू श्याम बाबा को निशान चढ़ाने के परंपरा कई सालों से चली आ रही है, जो आज भी निभाई जाती है. निशान को झंड़ा और ध्वज भी कहा जाता है. कहते हैं कि इस निशान को बाबा श्याम द्वारा दिए गए बलिदान और दान का प्रतीक माना जाता है. कथाओं के अनुसार, बाबा श्याम ने भगवान कृष्ण के कहने पर धर्म की जीत के लिए अपना शीश दान कर दिया था. साथ ही युद्ध की जीत का श्रेय भगवान श्री कृष्ण को दिया था. 

ऐसा होता है बाबा का निशान
खाटू श्यान बाबा को चढ़ाए जाने वाला निशान केसरिया, नारंगी और लाल रंग का होता है. इस पर बाबा श्याम, भगवान श्री कृष्ण और मोर पंख की फोटो होती है. कहा जाता है कि बाबा को ये निशान चढ़ाने से भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. वहीं, कुछ लोग इच्छा पूरी होने के बाद बाबा को निशान चढ़ाते हैं. 

जानिए कौन है खाटू श्याम बाबा 
बाबा श्याम की कहानी महाभारत काल से जुड़ी हुई है. भीम के पोते और घटोत्कच्छ के बेटे बर्बरीक को ही बाबा श्याम के नाम से जाना जाता है. बर्बरीक बहुत ही शक्तिशाली था, जिससे खुश होकर भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें कलियुग में अपने नाम से पूजे जाने का वरदान दिया था. खाटू बाबा को हारे का सहारा के नाम से जाना जाता है. इसके अलावा खाटू श्याम को कलियुग का देव भी माना जाता है. 

यह भी पढ़ेंः Mahashivratri 2024: कब है इस साल महाशिवरात्रि? जानें पूजा का शुभ मुहूर्त

यह भी पढ़ेंः Khatu Shyamji Birthday 2024: कब है बाबा श्याम का जन्मदिन? जानें मान्यता और पूजा-विधि

Trending news