शीतला पूजन को उमड़ी महिलाओं की भीड़, श्रद्धालुओं ने बासे पकवानों का लगाया भोग
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शीतला पूजन को उमड़ी महिलाओं की भीड़, श्रद्धालुओं ने बासे पकवानों का लगाया भोग

टोडाभीम कस्बे के वार्ड नंबर 5 में स्थित शीतला माता मंदिर पर सोमवार को अलसुबह से शीतला माता के पूजन को महिलाओं का तांता लग रहा. सुबह 4 बजे से ही महिलाओं का मंदिर पर आना शुरू हो गया जो दोपहर तक जारी रहा .

शीतला पूजन को उमड़ी महिलाओं की भीड़, श्रद्धालुओं ने बासे पकवानों का लगाया भोग

 करौली: टोडाभीम कस्बे के वार्ड नंबर 5 में स्थित शीतला माता मंदिर पर सोमवार को अलसुबह से शीतला माता के पूजन को महिलाओं का तांता लग रहा. सुबह 4 बजे से ही महिलाओं का मंदिर पर आना शुरू हो गया जो दोपहर तक जारी रहा . इस दौरान महिलाओं ने शीतला माता को बासे पकवानों का भोग लगाया और अपने परिवार सहित क्षेत्र में सुख समृद्धि की मनौती मांगी.

वहीं, माता के जयकारों से समूचा मंदिर प्रांगण गुंजायमान रहा. इस दौरान महिलाओं ने बताया कि आसाढ़ के महीने में शीतला माता की पूजा अर्चना की जाती है और माता को पुआ, पापड़ी,चावल, आदि बासे पकवानों का भोग लगाया जाता है.  इसे बूढ़े बांसोड़या के नाम से भी जानते हैं. इस दिन महिलाएं सुबह स्नान कर शीतला माता मंदिर पर पहुंचकर माता को शीतल पकवानों का भोग लगाकर पूजा अर्चना कर अपने घर परिवार सहित क्षेत्र में सुख समृद्धि की कामना करती हैं.

महिला श्रद्धालुओं ने बताया कि आषाढ़ के महीने में पूरे बूढ़े बासोडया के अवसर पर शीतला माता की पूजा आराधना की जाती है वही शीतला माता को विभिन्न प्रकार के ठंडे वासी पकवानों का भोग लगाया जाता है. महिलाएं शीतला माता की पूजा आराधना कर सुख समृद्धि की कामना करती हैं. बूढ़े बासोडया का अपना ही एक महत्व है जिसे महिलाएं श्रद्धा भाव के साथ मनाती हैं. महिलाओं ने बताया कि शीतला माता को ठंडे पकवानों का भोग लगाने के बाद कन्या लांगड़ा को भोजन भी कराया जाता है. साथ ही उन्हें दक्षिणा दी जाती है ठंडे पकवानों को बनाने के लिए महिलाएं एक दिन पूर्व ही सभी तैयारियां पूर्ण कर लेती हैं और अलसुबह से ही शीतला माता के मंदिर में पूजा अर्चना के लिए निकल जाती हैं.

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Reporter- Ashish Chaturvedi

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