जाबांज कॉन्स्टेबल नेत्रेश शर्मा ने बताया कि घटनास्थल पर मैं गश्त पर था. सिग्मा से हटवाड़ा बाजार पहुंचा तो देखा कि वहां आगजनी हो रही थी... चारों तरफ धुआं-धुआं और हाहाकार मचा हुआ था... किसी का सिर फूटा था तो किसी के पैर से खून निकल रहा था.
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Karauli: वहां आग की लपटें उठ रहीं थीं... लोगों में चीख-पुकार मची हुई थी...लोगों में अपनी जान बचाने के लिए होड़ मची हुई थी... किसी को कोई फर्क नहीं पड़ रहा था कि दूसरे की मदद की जानी चाहिए या नहीं... खौफ था तो सिर्फ और सिर्फ अपनी जान का...
हिंसा और आगजनी के बीच लोगों के दिलों में दहशत ऐसी थी कि हर किसी को अपनी पड़ी थी... दो महिलाएं अपने साथ में एक नन्हीं सी डरी-सहमी बच्ची को लेकर बचने की जुगत लगा रही थीं कि तभी वो किसी सुपरमैन की तरह आया... महिलाओं से उस नन्हीं सी जान को लेकर अपने सीने से ऐसे चिपका लिया...जैसे कोई मां अपने बच्चे को अपनी छाती से चिपका कर रखती है...
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मसीहा कहें या भगवान... उसने यह तक नहीं देखा कि पत्थरबाजी में आ रहे पत्थर उसे भी चोटिल कर सकते हैं... वहां जल रही आग उसे भी जला सकती है... आव देखा न ताव... बिना कुछ सोचे-समझे घटनास्थल पर कूद कर महिलाओं से बच्ची को लिया और बचाने दौड़ पड़े... कहते हैं न कि मारने वाले से बचाने वाला हमेशा बड़ा होता है... हुआ भी यही, बच्ची को बचाने के लिए कॉन्स्टेबल नेत्रेश शर्मा ने जान की बाजी जो लगा दी थी... उनके इस साहस और कर्तव्य को वहां मौजूद किसी कैमरामैन ने अपने कैमरे में कैद करके खाकी की चमक में चार चांद लगा दिए...
करौली में नव संवत्सर पर निकाली गई रैली पर पथराव के बाद हुई आगजनी की घटना को लेकर जहां वहां के हालात अब काबू आ चुके हैं, वहीं, दूसरी ओर कॉन्स्टेबल नेत्रेश शर्मा लोगों के बीच सुपरहीरो बन चुके हैं. आगजनी के समय उनके इस साहस ने न केवल राजस्थान पुलिस का सिर ऊंचा किया बल्कि नेत्रेश शर्मा की कर्तव्यनिष्ठा और साहस को भी दुनिया समाज से परिचित करवाया. देखा जाए तो जहां एक ओर आए दिन खाकी पर दागदार होने के आरोप लगते रहते हैं, वहीं, इस तस्वीर ने खाकी के सम्मान और उसके प्रति सकारात्मक सोच को भी बढ़ावा दिया है.
कॉन्स्टेबल नेत्रेश शर्मा की कर्तव्यनिष्ठा की यह तस्वीर रातों-रात सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और न जाने कितने ही अधिकारियों की खुशी से छाती फूल गई. एक कॉन्स्टेबल के इस कदम ने मानों उनके ही कंधों के स्टार्स की चमक बढ़ा दी हो. बेहद ही खुशी के साथ कई अधिकारियों ने उनकी इस तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा कि "तम में प्रकाश हूं, कठिन वक़्त की आस हूं..." कल तक जिस कॉन्स्टेबल को केवल करौली ही जानता था, आज उसे पूरा देश जानता है.
"तम में प्रकाश हूँ,
कठिन वक़्त की आस हूँ।"
So proud of constable Netresh Sharma of Rajasthan Police for saving a precious life. This picture is in deed worth a thousand words.. pic.twitter.com/U2DMRE3EpR— Sukirti Madhav Mishra (@SukirtiMadhav) April 4, 2022
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कॉन्स्टेबल नेत्रेश शर्मा ने बयां किया आंखों देखा हाल
जाबांज कॉन्स्टेबल नेत्रेश शर्मा ने बताया कि घटनास्थल पर मैं गश्त पर था. सिग्मा से हटवाड़ा बाजार पहुंचा तो देखा कि वहां आगजनी हो रही थी... चारों तरफ धुआं-धुआं और हाहाकार मचा हुआ था... किसी का सिर फूटा था तो किसी के पैर से खून निकल रहा था. मुझे समझ नहीं आ रहा था कि क्या करूं? पर दिल में एक बात थी कि किसी को भी कोई नुकसान नहीं होने देना है. चाहे कुछ भी हो जाए... नेत्रेश के मन में बस एक ही बात थी कि उनकी आंखों के सामने चार जिंदगियां खाक होने को थीं. अपनी जान भले ही चली जाती, उन्हें किसी भी कीमत पर बचाना उनका फर्ज था.
सीएम गहलोत ने फोन पर की तारीफ
बता दें कि नेत्रेश की बहादुरी को देख मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी उन्हें फोन कर बधाई और शुभकामनाएं दी. साथ ही उनके द्वारा किए गए कार्य की प्रशंसा की. इस दौरान मुख्यमंत्री ने नेत्रेश को कांस्टेबल से हेड कांस्टेबल पर पदोन्नत करने की बात कही. नेत्रेश ने बताया कि लोगों की सेवा के लिए उन्होंने पुलिस सेवा की तैयारी की और वर्ष 2013 में उन्हें पुलिस कांस्टेबल के रूप में नियुक्त किया गया. वर्तमान में नेत्रेश शहर चौकी पर कॉन्स्टेबल के रूप में तैनात हैं और लगातार आम लोगों को अपनी सेवाएं दे रहे हैं.