लहसुन के सही दाम न मिलने से खफा किसान.. बोले - जब तक दुःखी किसान रहेगा धरती पर तूफान रहेगा
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लहसुन के सही दाम न मिलने से खफा किसान.. बोले - जब तक दुःखी किसान रहेगा धरती पर तूफान रहेगा

कोटा के सुल्तानपुर समेत क्षेत्र में इस बार लहसुन फसल के भाव नहीं मिलने से किसान वर्ग कापी परेशान है. किसानों की समस्या को लेकर भारतीय किसान संघ लगातार संघर्ष कर रहा है. 

 

 लहसुन फसल के भाव नहीं मिलने से किसान वर्ग कापी परेशान है.

पीपल्दा: सुल्तानपुर समेत क्षेत्र में इस बार लहसुन फसल के भाव नहीं मिलने से किसान वर्ग कापी परेशान है. किसानों की समस्या को लेकर भारतीय किसान संघ लगातार संघर्ष कर रहा है. इसी के तहत तहसील अध्यक्ष अखिलेश दाधीच के नेतृत्व में किसान सीएडी कॉलोनी में एकत्रित हुए और वहां से वाहन रैली के माध्यम से लहसुन की खरीद चालू करो,केंद्र सरकार होश में आवो,गेंहू पर बोनस दो ,जब तक दुःखी किसान रहेगा धरती पर तूफान रहेगा जैसी नारेबाजी करते हुये थाने के सामने से भौरा चौराहा, मेन मार्केट होते हुए उपतहसील पर पहुंचे.

जहां किसान संघ प्रदेश महामंत्री जगदीश कलमण्डा ने बताया कि पूरे देश में हाडौती श्रेत्र की लहसुन उत्पादन मे अलग ही पहचान है, इस बार किसानों ने क्षेत्र मे खूब पेदावार की है, लेकिन किसानों का दुर्भाग्य है कि जिस फसल की पैदावार अच्छी होती है, उसी फसल के भाव लुड़क जाते है, अभी के भाव से किसानों की लागत मूल्य तो दूर कटाई का मूल्य भी नहीं निकल नहीं पा रहा है.

 किसानों की आत्म हत्या जैसी कोई घटना न हो, इसको लेकर सरकार को तुरंत बाजार हस्तक्षेप योजना के तहत 5000 मुल्य में लहसुन की खरीद करनी चाहिए. जिससे किसानों को संबल मिल सके. इस मौके पर किसानों ने राजस्थान सरकार से खरीद का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भिजवाने का आग्रह भी किया. इसी तरह सह जिला मन्त्री पवन शर्मा ने बताया की हाल में भारत सरकार द्वारा गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया है. जिससे मंडियों में गेहूं के भावों में 300 रुपये क्विंटल.से ज्यादा की गिरावट आ गई है. प्रदेश में बड़ी संख्या में किसान अपना गेहूं बेच नही पाये. गेहूं निर्यात प्रतिबंध की फिर से सामीक्षा समिक्षा करते हुये इस निर्णय के दुष्प्रभाव से किसानों को बचाने को लेकर तत्काल कदम उठाए जाएं. 

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इसी तरह जिला अध्यक्ष गिरिराज चौधरी ने कहा कि चने की सरकारी खरीद में केवल 8 से 10 किसानों को बुलाया जाता है, जबकि कम से कम 50 किसानों को प्रतिदिन बुलाना चाहिए. वहीं, 25 क्विटंल की खरीद सीमा को हटाकर किसान की सम्पूर्ण फसल की खरीद करनी चाहिए. इसी तरह जिला उपाध्यक्ष मुकुट नागर ने भी संबोधित किया. इसके बाद सभी ने नायब तहसीलदार महेंद्र सिंह को ज्ञापन सौंपा, जहां 25 मई तक सरकार की ओर से सकारत्मक रुख नहीं आने पर किसान संघ द्वारा 26 मई से आन्दोलन करने की चेतावनी दी.

इस अवसर पर पर्यावरण प्रमुख दशरथ शर्मा, नगर अध्यक्ष राधेश्याम नागर, तहसील सह मन्त्री महावीर मीणा, दीगोद तहसील मन्त्री बिरधी चंद यादव, विष्णु नागर,राजेन्द्र मालव,चौथमल प्रजापत,शिवप्रकाश भांडाहेडा आदि मौजूद थे.

Report-Himanshu Mittal

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