जेल में करवटें बदल कर इंद्र सिंह राव की रातें कटती हैं तो दिन में उपन्यास पढ़ने में समय कट जाता है.
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केके शर्मा, कोटा: कैदी नंबर 2446, बैरक नंबर 24, कोटा सेंट्रल जेल (Kota Central Jail) अब यही पहचान है बारां (Baran) के निवर्तमान जिला कलेक्टर इंद्र सिंह राव (Indra singh Rao) की. कल तक बारां में शासन के शीर्ष पर बैठा इंद्र राव अब अर्श से फर्श पर आ गया है. अपने गुनाहों की सजा भुगत रहा है.
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अब न यहां घंटी बजाते ही कोई पानी पिलाता है, न ही सोने के लिए आरामदायक गद्दे हैं. जेल में करवटें बदल कर इंद्र सिंह राव की रातें कटती हैं तो दिन में उपन्यास पढ़ने में समय कट जाता है.
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जेल के मच्छरों ने भी इंद्र सिंह राव को चैन से सोने नहीं दिया. जेल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, निवर्तमान कलेक्टर इंद्र सिंह राव ने जेल में बनी मूंग की दाल से रोटियां खाईं और गुमसुम बैठ गया. किसी से बात नहीं की.
वहीं, जेल में अन्य कैदियों के बीच इंद्र सिंह राव को देखने का कौतूहल बना रहा क्योंकि ये कोटा जेल में पहला मौका था कि कोई जिला कलेक्टर जेल में बन्द रहा हो.
वहीं इंद्र राव ने जेल प्रशासन से एक इंग्लिश नॉवेल (English Novel) की मांग की, जिसपर जेल प्रशासन ने इंग्लिश नॉवेल होने से मना कर दिया. इसके बाद एक हिंदी का उपन्यास पढ़ने के लिए उसे दिया गया. फिलहाल 6 जनवरी को अगली सुनवाई होनी है. ऐसे में तब तक इंद्र राव को अपने गुनाहों की सजा भुगतने के लिए सलाखों के पीछे रहना होगा.