Kota News: कोटा में आवारा सांडों के वर्चस्व की लड़ाई से बढ़ी परेशानी, कौन है जिम्मेदार
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Kota News: कोटा में आवारा सांडों के वर्चस्व की लड़ाई से बढ़ी परेशानी, कौन है जिम्मेदार

Kota News: कोटा जिले के रामगंजमंडी शहर की सड़कों पर घूमने वाले आवारा मवेशियों से आम लोगों की परेशानियां बढ़ रही है, आवारा सांडों की लड़ाई से आम जनता परेशान है. आखिर कौन जिम्मेदार है इस मामले पर. 

 

Kota News: कोटा में आवारा सांडों के वर्चस्व की लड़ाई से बढ़ी परेशानी, कौन है जिम्मेदार

Kota News: कोटा जिले के रामगंजमंडी शहर की सड़कों पर घूमने वाले आवारा मवेशियों से लंबे समय बाद भी लोगों को निजात नहीं मिल पाई है पालिका ने जनवरी 2022 से शहर को आवारा मवेशियों से मुक्त कराने के लिए शहर में अभियान चलाया इसमें संवेदक ने साढ़े छह लाख की लागत से पशुओं को पकड़ने के लिए मंगाए पिंजरे का उपयोग किया.

जिससे आवारा पशुओं से राहत मिली थी,किंतु आवारा मवेशियों को पकड़ने का ये अभियान बस फाइलों तक ही सीमित रह चुका है अभी शहर के मुख्य बाजारों में आये दिन आवरों मवेशियों का जमावड़ा लगा रहता है जिस से शहर में आये दिन दुर्घटना हो रहे हैं। ऐसे में ये देखना है कि पालिका प्रशासन आवारा मवेशियों को पकड़ने में कोई ठोस कदम उटाएगा या ये भी बस फाइलों तक ही सीमित रह जायेगा.

पूर्व में भी उप जिला कलेक्टर रहे कनिष्क कटारिया ने पालिका सभागार में आयोजित होने वाली समीक्षा बैठक में मवेशियों को शहर से बाहर करने के लिए अभियान चलाने के निर्देश दिए थे, पालिका ने कुछ दिन सक्रियता दिखाई फिर से वही भी शहर के मुख्य बाजारों में मवेशियों का जमावड़ा लगा हुआ है. 

आवारा मवेशियों को शहर से बाहर भेजने के लिए प्रति मवेशी के ढाई सौ रुपये की राशि अदा की,जिससे से ठेकेदार ने लाखों रुपये आवारा मवेशियों को दिये उसके बाद भी शहर में आवारा मवेशियों के जमावड़ा लगा हुआ है.

आवारा मवेशी मुख्य बाजारों में सड़कों पर बैठे दिखाई देते हैं और लोगों की परेशानी का कारण बन रहे है. इसमें सांडों की संख्या ज्यादा है, सांडो के झुंड को देखते ही लोग अपना रास्ता बदल देते हैं,

कभी-कभी सांड लड़ते हुए वाहन गिरा देते हैं, तो वाहन चालकों को भी चोटे पहुंची है.इससे कई बार यातायात तक ठहर जाता है.मुख्य बाजारों में आवारा पशुओं का जमावड़ा बना रहता है, जिससे वाहन चालकों को भी कई बार मवेशियों के जमावड़े व सांड़ों की लड़ाई के कारण भी चोटिल होना पड़ता है ,कई फल फ्रूट व पताशे के ठेले वालों को भी नुकसान पहुंचा चुके हैं कई बार लोग चोटिल होकर अस्पताल तक पहुंच चुके हैं.

ऐसी समस्या को देखते हुए ही पूर्व तत्कालीन अधिशासी अधिकारी पंकज कुमार मंगल ने मवेशियों के लिये पिंजरा भी बनवाया था. लेकिन इसका उपयोग नगरपालिका द्वारा लंबे समय से नहीं हो पा रहा है। परन्तु अब फिर नगरपालिका को अपना ध्यान आकर्षित करना चाहिए व आवारा मवेशियों की समस्या से रामगंजमंडी को मुक्त करे.समस्या का निराकरण किया जाना ही वक़्त का तकाजा है.

अधिशासी अधिकारी सत्यनारायण राठौर का कहना है कि आवारा मवेशियों के लिये अभियान चलाया जाएगा जिस से शहर वासियों को निजात मिल सके.

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