Sachin Pilot : राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के कोटा में प्रवेश करने से पहले ही पोस्टर वार के तहत प्रशासन ने कथित तौर पर सचिन पायलट और उनके समर्थकों के पोस्टर हटा दिए गए.
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Sachin Pilot : राजस्थान में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा अपने पूरे शबाब पर है. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के गढ़ झालावाड़ से होते हुए यह यात्रा सूबे के सबसे पावरफुल मंत्री शांति धारीवाल के गढ़ यानि कोचिंग नगरी कोटा में प्रवेश कर चुकी है. लेकिन इसके साथ ही एक वायरल वीडियो ने विवाद खड़ा कर दिया है.
दरअसल राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के कोटा में प्रवेश करने से पहले ही पोस्टर वार के तहत प्रशासन ने कथित तौर पर सचिन पायलट और उनके समर्थकों के पोस्टर हटा दिए गए. प्रशासन का कहना है कि बिना परमिशन पोस्टर लगाए गए थे. जबकि कांग्रेस नेताओं का कहना है कि पता नहीं पोस्टर क्यों हटाए गए, राहुल का स्वागत करना हमारा अधिकार है.
प्रियंका गांधी के करीबी और कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद ने भी एक पायलट समर्थक का वीडियो रीट्वीट कर लिखा कि ज़ुल्म के ख़िलाफ़ “ख़ामोश” रहना भी कुफ़्र है. दरअसल पायलट समर्थक ने ट्वीट किया था आखिर गहलोत साहब के मंत्री शांति धारीवाल अपने नेता राहुल गांधी, सचिन पायलट से इतने नाराज क्यों हैं? कोटा से उनके लगे सारे होर्डिंग-बैनर हटाये जा रहे हैं, यह बर्दाश्त करने लायक नहीं है.
ज़ुल्म के ख़िलाफ़ “ख़ामोश”
रहना भी कुफ़्र है. https://t.co/yUlWhQaDlt— Acharya Pramod (@AcharyaPramodk) December 7, 2022
वहीं भाजपा प्रदेश मंत्री लक्ष्मीकांत भारद्वाज ने ट्वीट करते हुए कहा कि राजस्थान की सरकार जनता और भाजपा की आवाज को तो दबाने की कोशिश हमेशा ही करती है… पर सचिन पायलट जी के पोस्टर क्यों उतरवा रही है, वो तो उनके ही नेता है ?
राजस्थान की सरकार जनता और भाजपा की आवाज को तो दबाने की कोशिश हमेशा ही करती है … पर सचिन पायलट जी के पोस्टर क्यों उतरवा रही है , वो तो उनके ही नेता है ? pic.twitter.com/hXoOlZ2Fov
— Laxmikant bhardwaj (@lkantbhardwaj) December 7, 2022
गौरतलब है कि 25 सितम्बर को शांति धारीवाल के नेतृत्व में ही कांग्रेस विधायकों के एक गुट ने CLP बैठक का बहिष्कार कर दिया था. जिसके बाद धारीवाल और पायलट समर्थक विधायकों के बीच तीखी बयानबाजी भी हुई थी, इससे पहले भी दोनों नेताओं के रिश्ते सहज नहीं रहे हैं. जिसकी बानगी वक्त-बे-वक्त सामने आ ही जाती है. इस कार्रवाई को भी पायलट समर्थक इसका ही नतीजा बता रहे हैं.