Lok Sabha Chunav 2024:चुनाव को लेकर निर्वाचन विभाग ने जारी की मतदान प्रतिशत का आंकडा,जाने क्या है जिला निर्वाचन अधिकारियों के लिए चुनौतियां
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Lok Sabha Chunav 2024:चुनाव को लेकर निर्वाचन विभाग ने जारी की मतदान प्रतिशत का आंकडा,जाने क्या है जिला निर्वाचन अधिकारियों के लिए चुनौतियां

Lok Sabha Chunav 2024:लोकसभा चुनाव में मतदान बढ़ाने को लेकर लगातार चल रही स्वीप गतिविधियों के बीच निर्वाचन विभाग ने जिला निर्वाचन अधिकारियों के सामने चुनौती खड़ी कर दी है. यह चुनौती मतदान के प्रतिशत को बढ़ाने की है.

Rajasthan Lok Sabha Election 2024

Lok Sabha Chunav 2024:लोकसभा चुनाव में मतदान बढ़ाने को लेकर लगातार चल रही स्वीप गतिविधियों के बीच निर्वाचन विभाग ने जिला निर्वाचन अधिकारियों के सामने चुनौती खड़ी कर दी है. यह चुनौती मतदान के प्रतिशत को बढ़ाने की है. निर्वाचन आयोग ने जिलों की कैटेगिरी तय करते हुए जिलों को मतदान प्रतिशत का आंकड़ा भी तय कर दिया है. प्रदेश में यह मतदान का आंकड़ा 75.33 प्रतिशत तय किया गया है.

लोकसभा चुनाव में मतदान बढ़ाने को लेकर निर्वाचन आयोग से लेकर निर्वाचन विभाग और जिला निर्वाचन स्वीप गतिविधियां चला रहा है लेकिन निर्वाचन विभाग की ओर से हाल ही में लोकसभा चुनाव के लिए जिलों में मतदान प्रतिशत का आंकडा तय करने के साथ कैटेगिरी बनाने से जिला निर्वाचन अधिकारियों के सामने चुनौती खड़ी हो गई हैं.

प्रदेश में लोकसभा चुनाव में मतदान का आंकड़ा 75.33 प्रतिशत तय किया गया है.इसके लिए निर्वाचन विभाग ने ए कैटेगिरी से लेकर ई कैटेगिरी तक तय की गई हैं.निर्वाचन विभाग द्वारा जारी कैटेगिरी में जयपुर जिला बी श्रेणी में शामिल है.

इसकी वजह यह रही की जयपुर में वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव और 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में मतदान में 7 प्रतिशत का अंतर रहा.जयपुर में 2018 के विधानसभा चुनाव में 74.40 प्रतिशत और 2019 के लोकसभा चुनाव में 67.48 प्रतिशत वोट डाले गए.जबकि इस बार का टारगेट 75.33फीसदी है.ऐसे में आठ प्रतिशत वोटों की पूर्ति करने के लिए यहां अब प्रशासन को काफी मशक्कत करनी होगी.

इसी तरह करौली और बीकानेर जिले को सबसे नीचे ई कैटेगिरी में रखा गया हैं. क्योंकि करौली में 2018 के विधानसभा चुनाव में 69.50 प्रतिशत और 2019 के लोकसभा चुनाव में 51.69 प्रतिशत वोट डाले गए.

अब 75 फीसदी वोटिंग का टारगेट पूरा करने के लिए 23 फीसदी पोलिंग को बढाना होगा.वहीं बीकानेर में लोकसभा चुनाव में 75.33 फीसदी का टारगेट पूरा करने के लिए फीसदी वोटिंग बढानी होगी.इसके लिए प्रशासन को जो मतदाता घरों से मतदान दिवस के दिन बाहर नहीं निकलते हैं या जिन जगहों पर मतदान प्रतिशत कम रहता है वहां मतदाताओं को मतदान के प्रति जागरूक करना होगा.

दरअसल निर्वाचन विभाग ने ऐसे जिले जहां 2018 में हुए विधानसभा चुनाव के मतदान और 2019 के लोकसभा चुनाव के मतदान प्रतिशत में 1 से 4 प्रतिशत की कमी आई है उन्हें ए कैटेगिरी, 4 से 7 प्रतिशत की कमी वालों जिलों को बी कैटेगिरी, 7 से 10 प्रतिशत कमी वाले जिलों को सी कैटेगिरी और 10-15 प्रतिशत कमी वाले जिलों को डी और 15 से अधिक प्रतिशत कमी वाले जिलों को ई कैटेगिरी में रखा है.

गौरतलब है की लोकसभा चुनाव 2019 में देशभर में 67.3 फीसदी मतदान प्रतिशत और राजस्थान में 25 संसदीय सीटों पर 66.7 फीसदी मतदान हुआ था.जो की राष्ट्रीय औसत से पीछे ही रहा.मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया की विधानसभा चुनाव 2018 और लोकसभा चुनाव 2019 में हुई वोटिंग के आंकड़े सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को शेयर करते हुए इस बार लोकसभा चुनाव में अधिक से अधिक मतदान बढ़ाने और इसके लिए स्वीप के तहत गतिविधियां आयोजित करने के निर्देश दिए हैं.

इसकी मॉनिटरिंग राज्य स्तर पर हो रही है.उद्देश्य सिर्फ मतदान का प्रतिशत बढ़ाना है ताकि अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी हो सके.
कैटेगिरी वाइज जिलों की स्थिति

ए कैटेगिरी

जिला::विधानसभा चुनाव (2018)::::::लोकसभा चुनाव (2019):अंतर
प्रतापगढ:79.82:78.02::1.80 फीसदी
जालौर::69.17::66.16::3.01 फीसदी
उदयपुर::73.29::70.00::3.29 फीसदी
पाली::64.83::61.36:3.47 फीसदी
सिरोही:68.34:64.84:3.50 फीसदी
डूंगरपुर:71.22:67.70:3.52 फीसदी
बाडमेर:76.61:73.08:3.53 फीसदी

बी कैटेगिरी

जिला:विधानसभा चुनाव (2018):लोकसभा चुनाव (2019):अंतर
राजसमंद:71.67:67.61:4.06 फीसदी

अजमेर:71.29:67.08:4.21 फीसदी

कोटा::74.74:::::::70.40:::::::4.34 फीसदी

जोधपुर:72.09:::::::67.32:::::::4.77 फीसदी

स.माधोपुर:67.48:61.96:5.52 फीसदी

बांसवाडा:82.27:75.67:6.60 फीसदी

जयपुर:74.40:67.48:6.92 फीसदी

श्रीगंगानगर:81.75:73.08:6.98 फीसदी

 

सी कैटेगिरी
जिला:विधानसभा चुनाव (2018):लोकसभा चुनाव (2019):अंतर

झालावाड:80.23:::::::72.94:::::::7.29 फीसदी
टोंक:::72.02:::::::64.38:::::::7.64 फीसदी
बारां::78.56:::::::70.79:::::::7.77 फीसदी
भीलवाडा:::::::::::::::::::74.12:::::::65.98::8.14 फीसदी
बूंदी:::75.26:::::::66.48::::::8.78 फीसदी
चित्तौडगढ:80.65:::::::71.88::::::8.77 फीसदी
सीकर:73.04:::::::63.78:::::::9.26 फीसदी
जैसलमेर:83.15:::::::73.43:::::::9.72 फीसदी

डी कैटेगिरी

जिला:विधानसभा चुनाव (2018):लोकसभा चुनाव (2019)अंतर
अलवर:74.70:::::::64.70:::::::::::::::10 फीसदी

हनुमानगढ:82.80:::::::72.65:::::::::::::::::10.15 फीसदी

झुंझुनूं:72.41:::::::61.89::::::::::::::::10.52 फीसदी

नागौर:72.79:::::::62.20:10.59 फीसदी

चूरू:75.27:::::::64.13:.11.14 फीसदी

भरतपुर:71.20:::::::71.88::::::12.54 फीसदी

धौलपुर:73.37:63.78:14.10 फीसदी

दौसा:::::75.16:::::::73.43:::::::14.41 फीसदी

ई कैटेगिरी
जिला:विधानसभा चुनाव (2018):लोकसभा चुनाव (2019)अंतर

करौली:69.50:51.69:::::::17.81 फीसदी
बीकानेर::75.19:56.86:::::::18.33 फीसदी

लोकसभा चुनाव में कोई मतदाता अपने मताधिकार से वंचित न रहे और लोकतंत्र की मजबूती के लिए हर एक मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करे इसको लेकर जिले में स्वीप गतिविधियों को बढ़ाने के लिए जोर दिया जा रहा है.

साथ में गर्मियों में मतदाताओं को असुविधा ना हो इसके लिए भी मतदान केंद्रों पर विशेष इंतजाम करने के निर्देश दिए.मतदान दिवस पर बूथ पर उपलब्ध पीने के पानी, बैठने की व्यवस्था, छाया सहित विशेष योग्यजन एवं वरिष्ठ नागरिकों की सुविधा के लिए रैम्प, व्हीलचेयर और परिवहन की सुविधाओं प्रोवाइड करवाई जाएंगी.

आओ बूथ चलों अभियान के तहत वोटर्स को मतदान के प्रति जागरूक किया जाएगा..जयपुर जिला निर्वाचन की ओर से जिले में मतदाताओं को जागरूक करने के लिए स्वीप गतिविधियां चलाई जा रही हैं..

जयपुर में हो रहे आईपीएल मैचों के दौरान एसएमएस स्टेडियम के बाहर और अंदर सेल्फी पाइंट, जगह-जगह होर्डिंग्स-पोस्टर बैनर्स लगाए गए हैं.गौरतलब हैं की नए वोटर्स और मिशन 75 के जरिए टारगेट पूरा करने का प्लान प्रदेश के 22 हजार मतदान केंद्रों पर 75 प्रतिशत से अधिक मतदान करने का प्लान किया गया है.इसके लिए मुख्य फोकस नए वोर्टस पर रहेगा.

प्रदेश में 83 लाख 55 हजार 392 नए मतदाता हैं और जो पिछले तीन सालों में नए रजिस्टर्ड हुए हैं.निर्वाचन विभाग का पूरा फोकस इन मतदाताओं को लेकर है.इसके लिए एनजीओ का सहारा भी लिया जाएगा.

बहरहाल, विधानसभा चुनावों की तुलना में लोकसभा चुनाव का मतदान प्रतिशत हर बार गिर जाता है.इसकी सबसे बड़ी वजह है मौसम की मार.अप्रैल और मई की भीषण गर्मी मतदान पर भी असर डालती है यह आंकड़ों से साफ है.

हालांकि आंकड़े ये भी दर्शाते हैं कि विधानसभा चुनाव के करीब चार-पांच माह बाद होने वाले लोकसभा चुनावों में मतदान गिरने का अंतर भी कम हो रहा है.यह निर्वाचन आयोग की कोशिशों और मतदाताओं की जागरुकता का नतीजा है.पिछले कुछ सालों वर्षों में स्वीप गतिविधियों और नवाचारों के जरिये मतदाता जागरुकता बढ़ाने में सफलता हासिल की है.इसके सुखद नतीजे भी देखने को मिले हैं.

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