Rajasthan Lok Sabha Elections 2024: इन 3 सीटों पर कांग्रेस गठबंधन करके BJP के साथ कर सकती है 'खेला',भाजपा की क्लीन स्वीप की आस रह ना जाए अधूरी?
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Rajasthan Lok Sabha Elections 2024: इन 3 सीटों पर कांग्रेस गठबंधन करके BJP के साथ कर सकती है 'खेला',भाजपा की क्लीन स्वीप की आस रह ना जाए अधूरी?

Rajasthan Lok Sabha Elections 2024:  3 सीटों पर कांग्रेस गठबंधन के साथ चुनाव लड़कर बीजेपी को कड़ी चुनौती दे सकती है. जानिए ये तीन सीटें कौन सी हैं?

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Rajasthan Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस की आज दो महत्वपूर्ण बैठकें हैं. सेंट्रल वर्किंग कमेटी और सेंट्रल इलेक्शन कमेटी की बैठकें होंगी. दिल्ली AICC मुख्यालय पर बैठक का आयोजन होगा. बैठक में राहुल गांधी–सोनिया गांधी सहित अन्य दिग्गज नेता भी मौजूद रहेंगे. 

सेंट्रल इलेक्शन कमेटी की बैठक शाम 4 बजे होगी. कांग्रेस सूत्रों की माने तो शाम को बैठक के बाद कांग्रेस तीसरी सूची को लेकर प्रत्याशियों पर मुहर लगा सकती है और राजस्थान की बची सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर सकती है. आज की इस बैठक में कांग्रेस राजस्थान की 3 सीटों को लेकर मंथन कर सकती है.

ये तीन सीटें हैं सीकर, नागौर और बांसवाड़ा. इन तीनों सीटों पर गठबंधन के साथ कांग्रेस चुनाव लड़ सकती है. ऐसे में आज इस पर कांग्रेस की बैठक में निर्णय लिया जाएगा. कांग्रेस सूत्रों की माने तो वोटों की गणित को देखते हुए कांग्रेस इन तीन सीटों पर गठबंधन के साथ चुनाव लड़ना चाहती है. पार्टी के कुछ नेताओं का मानना है कि बीजेपी के क्लीन स्वीप को रोकने के लिए गठबंधन के साथ चुनाव लड़ना बेहतर विकल्प हो सकता है.

2019 के चुनाव की बात करें तो बांसवाड़ा सीट से बीजेपी को 49.44 प्रतिशत वोट मिले थे. वहीं कांग्रेस को 28.22 प्रतिशत वोट मिले थे.ऐसे में इस बात को लेकर कांग्रेस में चर्चा है कि अगर कांग्रेस को बीएपी यानी भारतीय आदिवासी पार्टी का भी साथ मिल जाता है तो इस बार चुनाव में कांग्रेस बांसवाड़ा सीट से जीत हासिल कर सकती है.

नागौर सीट की बात करें तो ये जाट बहुल सीट है. यहां से आरएलपी (Rashtriya Loktantrik Party )के मौजूदा सांसद हनुमान बेनीवाल सबसे बड़े नेता हैं. ऐसे में बीजेपी को इस सीट पर जीतने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ सकती है.

नागौर लोकसभा सीट के अंतर्गत 6 विधानसभा सीटें आती हैं, इनमें 70 फीसदी आबादी जाटों की है.  इस सीट से जाट समुदाय के कार्यकर्ता को ही टिकट देने की मांग हमेशा उठती रही है. चर्चा है कि नागौर से बीजेपी के पास कोई बड़ा जाटा चेहरा नहीं होने की वजह से उन्होंने ज्योति मिर्धा को टिकट दिया. हालांकि इलाके में मिर्धा परिवार की मजबूत पकड़ है जिसका फायदा बीजेपी को मिल सकता है. 2019 के चुनाव में बीजेपी ने आरएलपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था और दोनों पार्टियों यानी बीजेपी और आरएलपी को मिलाकर कुल 6.60 लाख वोट मिले थे. जबकि उस समय ज्योति मिर्धा को 40 प्रतिशत वोट हासिल हुए थे.

इस बार बीजेपी ने ज्योति मिर्धा को प्रत्याशी नागौर सीट से घोषित किया है. ऐसे में अगर आरएलपी और कांग्रेस गठबंधन के साथ चुनाव लड़ती है तो बीजेपी को कड़ी टक्कर मिल सकती है.

इसके अलावा सीकर सीट की बात करें तो 2019 के चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के अलावा सीपीएम के अमराराम ने भी चुनाव लड़ा था. अमराराम को 31464 वोट मिले थे. अमराराम ने कांग्रेस और बीजेपी के प्रत्याशी के वोट काटे. हालांकि बीजेपी पर इसका कोई ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा. ऐसे में कांग्रेस इस बार वोट बैंक बचाने के लिए सीपीएम के साथ मिलकर चुनाव लड़ सकती है.

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