मुख्यमंत्री कैसे करेगें समाधान जब नियम तोड़ खुद किया ऐलान
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मुख्यमंत्री कैसे करेगें समाधान जब नियम तोड़ खुद किया ऐलान

बजट सत्र की चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री द्वारा मेड़ता में घोषित विशेष न्यायालय को नागौर स्थानांतरित करने के आदेश से नया कानूनी विवाद खड़ा हो गया है. 

विशेष न्यायालय.

Merta City: बजट सत्र में मुख्यमंत्री द्वारा मेड़ता में विशेष न्यायालय खोलने की घोषणा किए जाने के बाद मेड़ता बार एसोसिएशन सहित सभी ने खुशी का इजहार कर मुख्यमंत्री को धन्यवाद ज्ञापित किया. मगर बजट सत्र की चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री द्वारा मेड़ता में घोषित विशेष न्यायालय को नागौर स्थानांतरित करने के आदेश से नया कानूनी विवाद खड़ा हो गया है. जहां नागौर के अधिवक्ता पोक्सो कोर्ट सहित जिला एवं सेशन न्यायालय भी नागौर स्थानांतरित करने की मांग कर रहे हैं. 

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वहीं मेड़ता बार काउंसिल सहित कई संगठन नियमानुसार जिला एवं सेशन न्यायालय में पोक्सो कोर्ट स्थापित करने एवं मेड़ता को जिला बनाने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. पोक्सो कोर्ट मेड़ता में खोलने और मेड़ता को जिला घोषित करने की मांग को लेकर पांचवें दिन भी संघर्ष समिति का अनशन जारी रहा. संघर्ष समिति को अन्य राजनीतिक दलों एवं स्वयंसेवी संगठनों का समर्थन मिलने से मेड़ता को जिला बनाने एवं पोक्सो कोर्ट नियमानुसार जिला एवं सेशन न्यायालय क्षेत्र में ही खोलने की मांग जोर पकड़ने लगी है. 

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मुख्य अधिवक्ता हेमाराम बेड़ा का कहना है कि वर्ष 1950 में मेड़ता जिला था. आपसी समझौते के तहत राजस्व जिला नागौर को बनाने एवं न्यायिक जिला मेड़ता बनाए रखने की सहमति पर नागौर को जिला बनाया गया था. वर्तमान में जिला एवं सेशन न्यायालय मेड़ता में संचालित है. जिसके तहत नियमानुसार पोक्सो कोर्ट मेड़ता में ही खोला जा सकता है. मुख्यमंत्री द्वारा कुछ लोगों को खुश करने के लिए पोक्सो कोर्ट नागौर स्थानांतरित कर दिया गया जो नियम विरुद्ध है. संघर्ष समिति मेड़ता जब तक पोक्सो कोर्ट मेड़ता में स्थानांतरित नहीं होता एवं मेड़ता को जिला नहीं बनाया जाता तब तक अपना अनिश्चितकालीन अनशन जारी रखेगी.

Reporter: Damodar Inaniya

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