नागौर: जिला परिषद की बीच बैठक में भाग गए अधिकारी, जानिए वजह
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नागौर: जिला परिषद की बीच बैठक में भाग गए अधिकारी, जानिए वजह

साधारण सभा में जिला कलेक्टर पीयूष समारिया ने अधिकारियों को जनप्रतिनिधियों द्वारा अवगत करवाई गई विभिन्न समस्याओं का त्वरित निस्तारण करने के निर्देश दिए. 

नागौर: जिला परिषद की बीच बैठक में भाग गए अधिकारी, जानिए वजह

नागौर: नागौर जिला परिषद साधारण सभा की बैठक बुधवार को जिला प्रमुख भागीरथराम चौधरी की अध्यक्षता में संपन्न हुई. जिला प्रमुख भागीरथराम चौधरी ने विभिन्न क्षेत्रों से आए जिला परिषद सदस्यों की समस्याएं सुनते हुए उनके निस्तारण के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए. 

उन्होंने कहा कि आमजन की समस्याओं को दूर करते हुए पात्र लोगों को विभिन्न सरकारी योजनाओं से लाभान्वित करना सुनिश्चित करें. इस मौके पर खींवसर विधायक नारायण बेनीवाल ने विद्युत व जल आपूर्ति, शिक्षा, चिकित्सा, क्षतिग्रस्त सड़कों सहित विभिन्न विभागों से संबंधित जन समस्याओं की बात करते हुए विभिन्न मुद्दो पर चर्चा की.

साधारण सभा में जिला कलेक्टर पीयूष समारिया ने अधिकारियों को जनप्रतिनिधियों द्वारा अवगत करवाई गई विभिन्न समस्याओं का त्वरित निस्तारण करने के निर्देश दिए. उन्होंने सभी अधिकारियों से कहा कि विकास कार्यों को त्वरित गति से पूर्ण करें और सरकार द्वारा बनाई गई योजनाओं का लाभ आमजन को दिलवाना सुनिश्चित करें. 

इस दौरान उन्होंने डीओआईटी के अधिकारी को निर्देश दिया कि नागौर जिले से संबंधित सभी अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के नाम, दूरभाष व मेल आईडी सहित विवरण ऑनलाइन अपडेट करने व बिजली विभाग के अधिकारियों को बोर्ड परीक्षा को ध्यान में रखते हुए निर्बाध बिजली आपूर्ति करने के निर्देश दिए.

इस दौरान प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अन्तर्गत शेष लंबाई के लिए उन्नयन कार्यो हेतु डीपीआरपी. केन्डीडेट रोड़ एवं सीयूसीपीएल के प्रस्तावों, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजनान्तर्गत वर्ष 2022-23 की वार्षिक कार्य योजना, राजकीय संस्थाओं यथा विद्यालय भवनों आदि हेतु भूमि आवंटन, ग्राम पंचायत भवन निर्माण कार्यो हेतु प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति जारी किए जाने के संबंध में अनुमोदन किया गया. 

इसके साथ ही जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हीरालाल मीणा ने बिजली, पानी एवं मौसमी बीमारियों के संबंध में विचार विमर्श करते हुए विभिन्न मुद्दों से संबंधित अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई करने के दिशा-निर्देश दिए.

इस दौरान जनप्रतिनिधियों द्वारा फसल बीमा योजना के क्लेम, कॉ-ऑपरेटिव बैक द्वारा मिलने वाले ऋण, बिजली कनेक्शन, बिजली वोल्टेज, पोर्टल पर दर्ज होने वाली शिकायतों का निस्तारण करवाने, टूटे बिजली पोल बदलवाने, आबादी के अनुसार पर्याप्त जलापूर्ति करवाने सहित अनेक मुद्दो पर विस्तृत चर्चा की गई. 

इस पर जिला कलेक्टर ने विभिन्न समस्याओं का निस्तारण करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया तथा जनप्रतिनिधियों को विभिन्न विभागों के अधिकारियों के दूरभाष नंबर की सूची उपलब्ध करवाई. वहीं, बैठक में जिला परिषद में हुई एसीबी की कार्रवाई पर भी मुद्दा उठा.

इस दौरान खींवसर विधायक नारायण बेनीवाल सहित सदस्यों ने इस मामले में जो भी अधिकारी लिप्त हैं, उन पर कारवाई करने की भी बात कही गई. साथ ही जिन अधिकारियों के नाम इस मामले में आ रहे हैं उनको इस जिले से दूसरे जिले में लगा देना चाहिए. 

बता दें कि पाली एसीबी की कार्रवाई में नागौर सीईओ कार्यालय के नरेगा में कनिष्ठ सहायक सुरेश कुमार को 94 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था. इसके बाद पूछताछ में आरोपी कनिष्ठ सहायक सुरेश कुमार ने सीईओ कार्यालय के अधिशासी अभियंता रमज़ान अली का भी नाम लिया था. फिर भी अधिशासी अभियंता रमजान अली बुधवार को जिला स्तरीय साधारण सभा की बैठक में मौजूद रहा.

वहीं, एसीबी और कार्रवाई सभा में मुद्दा उठा तो कुछ देर बाद ही रमजान अली बैठक से गायब हो गए. बाद में पूरी बैठक में ही रमजान वापस बैठक में नहीं दिखाई दिए. ऐसे में बड़ा सवाल होता है कि जिन अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं वहीं जिला स्तरीय साधारण सभा की बैठक में भाग कैसे ले सकते हैं? 

वहीं, खींवसर विधायक नारायण बेनीवाल ने गुढ़ा भगवानदास गांव के आसपास पत्थर ले जाने वाले ट्रेक्टर चालकों से कांटा पर्ची के नाम अवैध वसूली करने पर माइनिंग विभाग के अधिकारियों को इन माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए. 

(इनपुट-दामोदर ईनाणियां)

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