Nagaur: श्याम सुंदर और मैनजर गणपत राम की चाल हुई बेनकाब, धोखाधड़ी का मामला दर्ज, पुलिस ने की कसावट
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Nagaur: श्याम सुंदर और मैनजर गणपत राम की चाल हुई बेनकाब, धोखाधड़ी का मामला दर्ज, पुलिस ने की कसावट

नागौर के लाडनूं में मनीपुरम गोल्ड लोन फाइनेंस कंपनी में धोखाधड़ी के मामले में पुलिस ने सफलता प्राप्त की है. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए बैंक मैनेजर और एक अन्य आरोपी को गिरफ्तार किया है.

पुलिस ने कार्रवाई करते हुए बैंक मैनेजर व एक अन्य आरोपी को गिरफ्तार किया.

लाडनूं: नागौर के लाडनूं में मनीपुरम गोल्ड लोन फाइनेंस कंपनी में धोखाधड़ी के मामले में पुलिस ने सफलता प्राप्त की है. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए बैंक मैनेजर और एक अन्य आरोपी को गिरफ्तार किया है.आपकों बता दें कि फाइनेंस कंपनी के प्रबंधक विक्रम प्रताप सिंह ने 6 तारीख को लाडनूं थाने में एक रिपोर्ट दी थी जिसमें उन्होंने बताया कि मनीपुरम गोल्ड लोन फाइनेंस कंपनी सोने के बदले पैसे उधार देती है. कंपनी की लाडनू शाखा में बैंक कार्मिको और ग्राहकों द्वारा फाइनेंस कंपनी को 64 लाख का नुकशान पहुंचाया गया है. पुलिस प्रबंधक विक्रम सिंह की रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी.

पुलिस द्वारा पूरे मामले में जांच पड़ताल के बाद मुख्य आरोपी श्याम सुंदर पुत्र कुंदनमल सोनी निवासी नागौर और फाइनेंस कंपनी के मैनेजर गणपत राम पुत्र गोविंद मेघवाल निवासी जोधपुर को गिरफ्तार किया गया था. दोनों ही आरोपियों से पूछताछ करने के बाद मामले का खुलासा हुआ.

फाइनेंस कंपनी के साथ 64 लाख की धोखाधड़ी
मुख्य आरोपी श्याम सुंदर और फाइनेंस कंपनी के मैनजर गणपत राम दोनों ने साथ मिलकर गरीब भोले-भाले लोगों को सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी देते थे और उनसे उनके सारे डोकोमेंट लेकर उनके नाम से कंपनी में लोन उठाते थे. यही नहीं लोन पास होने के बाद गरीब ठेले चालकों और रेवड़ी वालो को 5 से 7 हजार रुपये भी देते थे कि आपको सरकारी योजना का फायदा मिला है, जो डोकोमेंट आपने लगाए उसके लिए आपको 5 से 7 हजार रुपये सरकार द्वारा दिये गए है. जबकि हाथ ठेले चालकों और भोले -भाले लोगों को यह मालूम ही नहीं होता था कि उनके नाम से गोल्ड लोन ले लिया गया है.

1 लाख के सोने को 4 लाख में बदल देते थे
लाडनू सीआई राजेन्द्र कमांडो ने बताया कि मुख्य आरोपी श्याम सुंदर अपनी जेब से पैसे खर्च करके सोना लाता था. उसमें लोहे की रॉड और प्लेट लगाकर सोने का वजन बढ़ाकर उसपर लोन उठा लेता था. बैंक मैनेजर इस पूरे मामले उसके साथ था, तो सोने की जांच खुद बैंक मैनेजर ही करता था. 1 लाख के सोने को 4 लाख का बताकर लोन को पास कर देता था.

करीब 2 सालों में दोनों आरोपियों ने फाइनेंस कंपनी के साथ 64 लाख की धोखाधड़ी की और भोले -भाले लोगों को सरकारी योजना का लाभ दिलाने के नाम पर उनके डोकोमेंट से लोन उठाए. कंपनी ने लोन के पैसे जमा नहीं होने पर सोने की नीलामी शुरू की तो मालूम चला कि जिस सोने के आभूषण का वजन 10 ग्राम है. उसमें तो 6 ग्राम लोहा मिक्स किया हुआ है. फिलहाल पुलिस इस पूरे मामले में जांच कर रही है, दोनों ही आरोपियों को रिमांड पर लिया गया है.

Reporter- Damodar Inaniya

 

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