वर्तमान जवाई बांध से 15-15 दिनों से पेयजल का वितरण किया जा रहा है और डेड स्टोरेज से पानी निकालने के कारण पेयजल मात्र 15 दिनों तक का अब शेष रह गया है.
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Sumerpur: सुमेरपुर विधायक जोराराम कुमावत ने जवाई बांध का निरीक्षण कर डेड स्टोरेज से पंपिंग कर पानी को निकालने का निरीक्षण किया. मौके पर मौजूद अधिकारियों से इस सम्बन्ध में जल वितरण करने की जानकारी ली.
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वर्तमान जवाई बांध से 15-15 दिनों से पेयजल का वितरण किया जा रहा है और डेड स्टोरेज से पानी निकालने के कारण पेयजल मात्र 15 दिनों तक का अब शेष रह गया है. इस पर विधायक कुमावत ने जलदाय विभाग के एक्सईन से वार्ता कर पंपिंग कर पानी वितरण शीघ्र और समस्त गांवो तक करने हेतु निर्देश दिये तथा जिला कलेक्टर पाली से वार्ता कर जोधपुर से आ रही पाइपलाइन को शीघ्र शुरू करवाने तथा जल्द ही वाटर ट्रेन शुरू करवाने और की मांग की.
ये लोग रहे मौजूद
जवाई बांध पर पंपिंग स्टेशन के निरीक्षण के दौरान विधायक कुमावत के साथ नगरपालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि अनोपसिंह राठौड, भाजपा मंडल अध्यक्ष महेन्द्र माली, पूर्व मंडल अध्यक्ष बांकली लालाराम देवासी, रविकान्त रावल, पार्षद परबतसिंह राठौड, प्रेमचंद बरूत, नटवर रामीणा तथा घीसुलाल देवासी मौजूद रहे.
जल स्त्रोतों को बढ़ाने की मांग
मुख्य अभियन्ता आर के मीणा से मुलाकात कर क्षेत्र की गम्भीर स्थिति के बारे में अवगत करवाया. इससे पूर्व सुमेरपुर विधायक जोराराम कुमावत ने सुमेरपुर विधानसभा क्षेत्र में उत्पन्न जल संकट के बारे में राज्य सरकार और विभाग को अवगत करवाते हुये मुख्य अभियन्ता आर. के. मीणा से भी जयपुर में मुलाकात की और इस जल संकट से निपटने के लिये जल स्त्रोतों को बढ़ाने की मांग की.
क्या बोले विधायक कुमावत
विधायक कुमावत ने मुख्य अभियन्ता को बताया कि पाली जिले में भयंकर अकाल और बरसात की कमी से जवाई बांध में पानी का संकट उत्पन्न हो गया है. जवाई बांध में मात्र एमसीएफटी पानी शेष बचा है, जो डेड स्टोरेज में है. जिसे पंपिंग कर निकाला जा रहा है, जो सिर्फ 15 दिन तक चलेगा. बरसात आने से पहले 05 महीने तक आमजन को पेयजल हेतु और पशु पक्षियों के पीने हेतु देना है. पूरे क्षेत्र में आधे गांवो को जलदाय विभाग ने 15-15 दिन तक पानी देना बन्द कर दिया है. पेयजल का क्षेत्र में विकराल संकट खडा हो गया है. चारों तरफ त्राहि-त्राहि मची हुई है. सरकार आमजन और पशुओें को 5 महीने कैसे पानी पिलायेगी, इसकी कोई कार्ययोजना नहीं है. वर्तमान में सभी गांवों में ट्यूबवेल और हैण्डपम्प खुदवाने की आवश्यकता है और प्राइवेट निजी कुंओं का अधिग्रहण कर टंकियों से जोडकर पेयजल देने की जरूरत है.
जलदाय विभाग में अधिकारियों और कर्मचारियों की कमी
जलदाय विभाग के अधिकारियों के ज्यादातर पद रिक्त हैं, जिससे अधिकारी गांवों में नहीं पहुंच पा रहे हैं. पद रिक्त होने से आमजन और पशुओं के पेयजल की कार्ययोजना नहीं बन पा रही है. सरकार की तरफ से योजनायें बन भी जाये तो की मैन पावर स्टाफ कमी के कारण ये योजनाये धरातल पर लागू नहीं हो पा रही हैं. इसलिये आवश्यक है कि इस जल संकट से उबरने के लिये पर्याप्त मैन पावर हो.
इन गांवों में जल संकट की स्थिति रहेगी गम्भीर
क्षेत्र में रोजडा, जाखोडा, गोगरा, पिचावा, कोसेलाव, साण्डेराव, धणा, भावनगर, साकदडा, साली, देवतरा, लापोद, चांचोडी, सेदरिया, चांगवा, मांडल, सोनाईमांझी, हेमावास, जवडिया, केरला, बल्दो भाटो की ढाणी, रूपावास, दयालपुरा, गिरादडा, गुन्दोज, टेवाली, सोडावास, डिंगाई, डेन्डा, भांवरी, डरी, मणिहारी, गुडा प्रतापसिंह, पादरला, कूरना, गुडा एन्दला, खौड, किरवा, बूसी, भांगेसर, सांपा, बोमादडा, बाणियावास, वडेरवास, खैरवा, पोयणा आदि गांवों में भयंकर जल संकट है. इन गांवों में ट्यूबवैल ओपनवेल हैण्डपम्प शीघ्र स्वीकृत करने हेतु विधायक कुमावत ने मुख्य अभियन्ता से मुलाकात कर मांग की, जिससे बरसात से पूर्व 05 महीनों तक इन गांवों में पेयजल आपूर्ति सुचारू रूप से की जा सके.
Reporter- Subhash Rohiswal