Ashok Gehlot Mission 2030 : राजस्थान में सरकार विधानसभा चुनाव से पहले अशोक गहलोत विजन-2030 जुट गए हैं. राजस्थान को देश के नम्बर वन राज्यों लाने के लिए विजन-2030, अलग-अलग सेक्टर के एक्सपर्ट और स्टेक होल्डर्स से संवाद, सीएम गहलोत करेंगे बिरला सभागार में एक हजार प्रतिभागियों से संवाद
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Ashok Gehlot Mission 2030 : राजस्थान में सरकार विधानसभा चुनाव से पहले अब मिशन मोड में विजन 2030 में जुट गई है. इसके लिए कोर ग्रुप की बैठक के बाद अब सरकार बिरला ऑडिटोरियम में तकरीबन दो हज़ार लोगों का एक बड़ा कार्यक्रम करने में जुटी है. इसके जरिये सरकार आगामी सात साल में प्रदेश को विकसित राज्यों की कतार में लाने के साथ ही देश में सबसे अव्वल लाने का टार्गेट लेकर चल रही है. सीएम अशोक गहलोत का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट अलग-अलग सेक्टर के एक्सपर्ट और स्टेक होल्डर्स की राय से तैयार होगा. इसके जरिये सरकार अलग-अलग लक्ष्य साधने की कोशिश करेगी. सबसे पहला तो सरकार आगामी सात साल के लिए अपना विज़न जनता के सामने रखेगी. इसे सरकार में आने से पहले सत्ताधारी पार्टी के घोषणा पत्र के रूप में भी देखा जा सकता है. सरकार से जुड़े नेता और कुछ अधिकारी इसे तुरूप का पत्ता मान रहे हैं. ऐसा इसलिए कि विज़न 2030 के कार्ड पर सवार होकर या तो मौजूदा सरकार ही सत्ता में वापसी कर लेगी और अगर किसी कारण से ऐसा नहीं भी हो सका तो आगामी सरकार पर इस विज़न को पूरा करने का दबाव रहेगा.
इसको लेकर गहलोत सरकार विजन 2030 में जुट गई हैं. हालांकि 2030 तक पता नहीं कौन सीएम रहेगा. कौन सरकार रहेगी. यह अगल बात है. पर विजन-2030 के प्लान पर गहलोत सरकार ने काम शुरू कर दिया हैं. राजस्थान को देश के नम्बर वन राज्यों की श्रेणी में कैसे लाया जाए. .शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, उद्योग,सामाजिक सुरक्षा, शहरी विकास, पर्यटन, वित्तीय प्रबंधन और रोजगार सहित हर क्षेत्र में राज्य के विकसित बनाने के लिए का गहलोत सरकार एक विजन डॉक्युमेंट तैयार कर रही है ...जिसमें प्रदेश के हर परिवार की सम्पन्नता के लक्ष्य को ध्यान में रखकर काम किया जा रहा है, ताकि हर राजस्थानी देश की अग्रिम पंक्ति में आ सके. विजन डॉक्युमेंट-2030 के लिए 30 सितंबर तक अभियान चलेगा. इसके लिए कल बिरला सभागार में मुख्यमंत्री गहलोत 14 विभागों के अलग अलग सेक्टर के जुडे एक हजार से ज्यादा एक्सपर्ट और स्टेक होल्डर्स से संवाद करेंगे और उनके सुझाव लेंगे. जिसमें अर्थशास्त्रियों, लेखकों, विद्यार्थियों, सरकारी कर्मचारियों, अधिवक्ताओं, किसानों, मजदूरों, महिलाओं, युवाओं, बुद्धिजीवियों, खिलाड़ियों, एनजीओ से सुझाव लिए जाएंगे. इसके लिए बकयादा एक फार्मेट भी तैयार किया गया हैं.
बिडला सभागार में राज्य स्तरीय संवाद के बाद प्रत्येक विभाग द्वारा जिला और संभाग स्तर पर भी अलग-अलग सेक्टर के एक्सपर्ट और स्टेक होल्डर्स के साथ विकसित राजस्थान विजन दस्तावेज-2030 के लिए राय ली जाएगी. उपयोगी सुझावों और महत्वपूर्ण बिंदुओं को अपने-अपने विभाग से संबंधित विकसित राजस्थान के विजन डॉक्युमेंट-2030 के प्रारूप में शामिल किया जाएगा. विभागों को जिला और संभाग स्तर पर होने वाले संवाद-सुझाव कार्यक्रम 23 अगस्त से 15 सितंबर तक करने के बाद आयोजना विभाग को प्रारूप बनाकर देना होगा. इस ड्राफ्ट को कंपाइल करके पूरा विजन डॉक्यूमेंट बनाने का काम करेगा आयोजना विभाग करेगा और उसके बाद विजन 2030जारी होग. इतना ही नहीं विभाग की परामर्श बैठकों का प्रचार-प्रसार भी अलग अलग सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर किया जाएगा. जिसमें बैठकों के फोटो, वीडियो को अपने सोशल मीडिया हैंडल्स पर #RAJASTHANMISSION2030 के साथ अपलोड करने होंगे. अच्छा सुझाव देने वाले आमजन और हितधारक को पुरस्कृत भी किया जाएगा. सभी विभागों को राजस्थान की स्थिति की तुलना देश की वर्तमान स्थिति से करने की भी टॉस्क दिया गया हैं. .
सेक्टर-संबंधित विभाग का नाम---------------------प्रतिभागियों की संख्या
कृषि एवं उद्यानिक--------------------------------------50
पशुपालन एवं डेयरी--------------------------------------30
सहकारिता-----------------------------------------------30
राहत-----------------------------------------------------10
कुल-----------------------------------------------------120
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सेक्टर-संबंधित विभाग का नाम---------------------प्रतिभागियों की संख्या
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य----------------------------------------65
चिकित्सा शिक्षा---------------------------------------------30
आयुर्वेद----------------------------------------------------10
महिला एवं बाल विकास-------------------------------------20
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति-----------------------------------10
कुल-----------------------------------------------------135
सेक्टर-संबंधित विभाग का नाम---------------------प्रतिभागियों की संख्या
उच्च एवं तकनीकी शिक्षा-------------------------------------35
स्कूल शिक्षा-------------------------------------------------40
संस्कृत शिक्षा-------------------------------------------------5
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी-----------------------------------------5
कुल-------------------------------------------------------85
सेक्टर-संबंधित विभाग का नाम---------------------प्रतिभागियों की संख्या
4- उद्योग एवं व्यापार
उद्योग--------------------------------------------------------75
खान एवं भू विज्ञान---------------------------------------------25
पेट्रोलियम-----------------------------------------------------10
कुल---------------------------------------------------------110
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता----------------------------------50
बाल अधिकारिता------------------------------------------------10
जनजाति क्षेत्रीय विकास--------------------------------------------15
अल्पसंख्यक मामलात---------------------------------------------15
महिला एवं बाल विकास-------------------------------------------35
सैनिक कल्याण---------------------------------------------------10
श्रम-------------------------------------------------------------20
कुल-------------------------------------------------------------155
सेक्टर-संबंधित विभाग का नाम---------------------प्रतिभागियों की संख्या
6-आधारभूत संरचना
ऊर्जा----------------------------------------------------25
सडक----------------------------------------------------15
परिवहन--------------------------------------------------15
नागरिक उड्डयन--------------------------------------------5
कुल-------------------------------------------------------60
ग्रामीण विकास एवं राजीविका---------------------------30
पंचायतीराज---------------------------------------------20
कुल----------------------------------------------------50
नगरीय विकास एवं आवासन------------------------------30
स्वायत्त शासन विभाग-------------------------------------30
कुल----------------------------------------------------60
जल संसाधन--------------------------------------------25
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी---------------------------------25
भू-संरक्षण एवं जल संग्रहण-------------------------------5
कुल----------------------------------------------------55
पर्यटन------------------------------------------------30
कला एवं संस्कृति--------------------------------------15
देवस्थान----------------------------------------------10
कुल------------------------------------------------55
कौशल, रोजगार एवं उद्यमिता---------------------------40
युवा मामलात एवं खेल----------------------------------30
कुल---------------------------------------------------70
वन-----------------------------------------------------20
पर्यावरण------------------------------------------------20
आपदा प्रबंधन-------------------------------------------5
कुल---------------------------------------------------45
गृह---------------------------------------------------25
प्रशासनिक सुधार--------------------------------------15
कार्मिक विभाग और एचसीएम रीपा---------------------5
कानून------------------------------------------------0
सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग---------------------------20
राजस्व------------------------------------------------20
कुल---------------------------------------------------85
बहरहाल, जैसा की सीएम गहलोत अपनी स्वीच में कहते रहे हैं की 2030 तक प्रदेश के हर परिवार की सम्पन्नता के लक्ष्य को ध्यान में रखकर काम किया जा रहा है. ताकि हर राजस्थानी देश की अग्रिम पंक्ति में आ सके. ..आम लोग राजस्थान को 2030 तक देश में नंबर वन राज्य बनाने में योगदान दें. राजस्थान को हमें नवंर वन स्टेट बनाना हैं. लेकिन इसे सरकार में रहते फिर से सरकार में आने की तैयारी के रूप में देखा जा रहा है. गहलोत ने 2030 का विजन देकर सियासी तौर पर विरोधियों को मैसेज देने का प्रयास किया है. गहलोत ने इसके जरिए साफ कर दिया है कि अगले विधानसभा चुनावों के बाद भी वे सियासी रूप से सक्रिय रहेंगे.
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