भाजपा विधायक कन्हैया लाल चौधरी ने राजस्थानी भाषा में कहावत बोलते इतना बेपटरी हुए कि कांग्रेस को कुत्ता...और जनता को काल्या की उपाधि दे गए
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Rajasthan BJP: राजस्थान में भाजपा की परिवर्तन संकल्प यात्रा टोंक जिले में क्या पहुंची नेताओं के सुर-ताल ही बदल गए. एक मंत्री ने सांसदों के नाम बदल दिए. तो एक विधायक राजस्थानी भाषा में कहावत बोलते इतना बेपटरी हुए कि कांग्रेस को कुत्ता. और जनता को काल्या की उपाधि दे गए. हद तो तब हुई जब टोडारायसिंह की ऐतिहासिक सभा का इंतजार कर रहे यात्रा के संयोजक अरुण चतुर्वेदी, केंद्रीय राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति,सांसद सुखबीर सिंह जौनापुरिया उस समय हक्के बक्के रह गए. जब टोंक जिले में एक मात्र भाजपा विधायक कन्हैया लाल चौधरी ने मंच से संबोधित करते हुए अपने नेताओं को ही कटघरे में खड़ा कर दिया. पिछले चार विधानसभा चुनावों का उदाहरण देकर भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं की कलई खोल दी.
भाजपा की परिवर्तन संकल्प यात्रा को लेकर जो दावे टोंक जिले से लेकर प्रदेश को नेताओं की ओर से किए थे उन दावों की पोल पहले ही दिन से खुलकर सामने आ गई थी. निवाई में यात्रा के प्रवेश पर जहां मुठ्ठी भर कार्यकर्ता नजर आए थे. तब यात्रा संयोजक अरुण चतुर्वेदी और राजस्थान प्रभारी अरूण सिंह दोनों ही नाराज हो गए थे. हद तब हुईं जब निवाई की सभा में 500 से ज्यादा लोगों की कुसियां खाली नजर आई. चलिए यहां तक भी ठीक था कि जनसभा में लोग नहीं पहुंचे.
इस यात्रा में भाजपा के बयानवीरों की जुबान ऐसी चली की नेता बंगले झांकने लगे. उनियारा में हुई जनसभा में भाजपा के पूर्व विधायक राजेंद्र गुर्जर ने मंच से संबोधित करते हुए राजस्थानी में कहावत कहते हुए कहा ''''काल्यों जाग्यो,कुत्तों भाग्यों''''इस कहावत का अर्थ भी राजेंद्र गुर्जर ने समझाते हुए भी कहा कि जनता तो काल्या है और कुत्ता कांग्रेसी. इस बार काल्या जाग गया है. कांग्रेस को राजस्थान से भगा देगा..सुनिए. उधर केंद्रीय राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति अपनी ही पार्टी फायर ब्रांड नेता राज्य सभा सांसद किरोड़ी लाल मीना का नाम भूल गई. और मंच से संबोधित करते हुए निगोड़ी लाल. निगोड़ी लाल जी लगातार दो बार संबोधित किया. .इतना ही राज्य सभा सांसद सुरेंद्र सिंह नागर का नाम भी ग़लत संबोधित किया.
इसके बाद यात्रा तय समय से करीब 3 घंटे की देरी से मालपुरा विधानसभा के टोडारायसिंह पहुंची तो भाजपा विधायक कन्हैया लाल चौधरी के सब्र का बांध टूट गया और मंच से संबोधित करते हुए यहां तक कह दिया कि एक गोट लगाया 10-5 आदमी खड़े हुए वहां अपने दो तीन घंटे स्वागत में लगा दिए. यहां 10 हजार लोग आपका इंतजार कर घर लौट गए. विधायक यहीं नहीं रूके. पिछले चार विधानसभा चुनावों का उदाहरण देते हुए कहा कि कुछ मुठ्ठीभर भाजपा नेता और कार्यकर्ता हैं जो हर बार माहौल खराब करते हैं लेकिन उन पर कार्रवाई नहीं की जाती. मैं यह नहीं कहता कि मुझे टिकट दो. लेकिन पहले उनका इलाज करो. मेरा नाम अगर सर्वे में नहीं आता है तो मुझे मत दो . लेकिन इन कर्मठ कार्यकर्ताओं ने पंचायतराज चुनावों से लेकर विधानसभा और उपचुनावों में अब तक भाजपा को ऐतिहासिक जीत दिलाई. और आज भाजपा का गढ़ बना दिया. मेरे दो चुनावों से पहले यह कांग्रेसी गढ़ था. मामला यहीं शांत हो जाता तो ओर बात थी. लेकिन कन्हैयालाल चौधरी का एक समर्थक वरिष्ठ कार्यकर्ता मंच पर चढ़ गया और भाषण देने लगा. पूर्व विधायक अजीत सिंह मेहत और अन्य नेताओं ने उसे बीच में रोका. सुनिए कन्हैया लाल चौधरी क्या कुछ कह गए.
तीन दिन की इस यात्रा में आज अंतिम दिन भाजपा नेताओं की सियासी जमीन उस समय खिसक गई जब बीते दिन कन्हैयालाल चौधरी के मंच से बयानों के बाद यात्रा संयोजक अरुण चतुर्वेदी और केंद्रीय राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने आज की प्रेसवार्ता रद्द कर दी. ताकि मीडिया के सवालों से बचा जाए. अब यह कारण क्या है यह तो समझना ज्यादा मुश्किल नहीं है. लेकिन यह भाजपा नेताओं की हड़बड़ाहट साफ नजर आ रही है कि कांग्रेस की योजनाएं और सीएम गहलोत की सौगाती पिटारे से अभी जादूगरी जारी है.