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Ashok Gehlot : प्रदेश में सरकार की तरफ से महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के रूप में महंगाई राहत अभियान शुरू करने के बाद से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अलग-अलग जिलों के दौरे का एक चरण पूरा कर चुके हैं. पहले चरण में सीएम गहलोत ने 20 जिलों का दौरा किया. इन दौरों के जरिए मुख्यमंत्री ने प्रदेश के 6 संभाग और 142 विधानसभा सीट को टार्गेट किया. अब जल्द ही मुख्यमंत्री की तरफ से जिलों के दौरों का दूसरा चरण शुरू होगा. मोटे अनुमान के मुताबिक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 10 जून से पहले प्रदेश की लगभग सभी 200 सीट तक महंगाई के खिलाफ़ लड़ाई के जरिये अपनी सरकार का मैसेज पहुंचा चुके होंगे.
लोकतंत्र में जनता से जुड़ाव महत्वपूर्ण होता है, जनता की सेवा महत्वपूर्ण होती है और इस सेवा के लिए आम तौर पर सत्ता पहली जरूरत मानी जाती है. एक बार सत्ता में आने के बाद काम करना, लोगों के बीच जाना और जनादेश लेकर फिर से राज में आना हर सरकार की कोशिश होती है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनकी सरकार भी इन दिनों इसी जुगत में लगे हुए दिख रहे हैं. यही कारण है कि 24 अप्रैल से प्रदेश में सरकार की योजनाओं को जनता तक पहुंचाने के लिए महंगाई राहत कैंप का महत्वाकांक्षी अभियान शुरू करने के बाद से, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगातार जिलों के दौरे कर रहे हैं.
सीएम गहलोत ने जयपुर के महापुरा में पहले कैंप का उद्घाटन किया. 24 अप्रैल को हुई इस शुरुआत के बाद अगले 20 दिन में मुख्यमंत्री ने प्रदेश के 20 जिले नाप लिए. हालांकि इस अवधि में उनका कर्नाटक चुनाव प्रचार का ढाई दिन का समय भी शामिल है. लेकिन चुनाव प्रचार और सरकारी कामकाज की तमाम व्यवस्थाओं के बीच मुख्यमंत्री ने महंगाई राहत कैंप को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जनता को महंगाई से राहत दिलाने को अपनी प्राथमिकता बताते हैं. उनका कहना है कि जनता को राहत मिलेगी तो लोग अपने आप जुड़ते हैं. इसी आधार पर मुख्यमंत्री पहले ही आगामी विधानसभा चुनाव के लिए मिशन 156 की बात कह चुके हैं. शायद यही कारण है कि मिशन 156 में जुटे सीएम अशोक गहलोत सरकार के मुखिया और पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा संगठन के चेहरे के तौर पर साथ-साथ दौरे कर रहे हैं. पार्टी का भी मानना है कि गहलोत और डोटासरा के साथ पहुंचने से सरकार का मैसेज लोगों में पहुंचता है, तो संगठन की बात भी प्रभावी तरीके से रखने की कोशिश हो रही है.
जयपुर के महापुरा में पहले कैंप का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री अब तक 6 संभागों में दौरे कर चुके हैं . इनमें से जयपुर, अजमेर, उदयपुर, जोधपुर और बीकानेर का संभाग मुख्यालय शामिल है. जबकि भरतपुर संभाग के धौलपुर और करौली जिले में मुख्यमंत्री महंगाई राहत कैंप का जायजा लेने के साथ ही जनसभा को भी संबोधित कर चुके हैं.
मुख्यमंत्री ने अब तक जिन 20 जिलों का दौरा किया है, उनमें जयपुर, बीकानेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू, सीकर, उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, अजमेर, धौलपुर, करौली, दौसा, भीलवाड़ा, अलवर, पाली, जोधपुर और नागौर जिला शामिल है. इन सभी जिलों में अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में मुख्यमंत्री की सभाएं हुई हैं. हालांकि अधिकांश जिलों में मुख्यमंत्री की एक सभा ही हुई है लेकिन इस सभा में भी जिले के अधिकांश कांग्रेस विधायक मौजूद रहे हैं. इस लिहाज से यह माना जा सकता है कि ज़िले में मुख्यमन्त्री गहलोत की एक सभा ने भी पूरे जिले के विधानसभा क्षेत्रों तक सरकार और संगठन का मैसेज पहुंचाया है. सीएम के दौरों वाले ज़िलों की स्थिति देखें तो अब तक सरकार 200 में से 142 विधानसभा क्षेत्र तक पहुंच चुकी है.
जयपुर – 19 सीट,
बीकानेर – 7,
गंगानगर – 6,
हनुमानगढ़ – 5
चूरू – 6,
सीकर – 8,
उदयपुर – 8,
डूंगरपुर – 4,
बांसवाड़ा – 5,
चित्तौड़गढ़ – 5,
राजसमंद – 4,
अजमेर – 8,
धौलपुर – 4,
करौली – 4,
दौसा – 5,
भीलवाड़ा - 7,
अलवर - 11,
पाली - 6,
जोधपुर - 10,
नागौर - 10,
सीएम के महंगाई राहत कैंप के जरिए हो रहे दौरों में 6 संभाग अब तक कवर हो चुके हैं, लेकिन कोटा संभाग अभी तक पूरी तरह अछूता है. ऐसा माना जा रहा है कि अब अगले चरण की शुरुआत कोटा से हो सकती है. बहरहाल सत्ता और संगठन ने साथ-साथ चलते हुए कांग्रेस पार्टी का मैसेज भी लोगों तक पहुंचाने में दूसरी पार्टियों के मुकाबले बढ़त बना ली है. ... कांग्रेस में चर्चा है कि विपक्ष इन दौरों से संभलेगा उससे पहले सीएम और पीसीसी चीफ पूरे राज्य का एक दौरा कर चुके होंगे.
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