धारीवाल बोले- अशोक गहलोत ने पानी पिला दिया तो दिव्या मदेरणा का जवाब, आलाकमान को आपने पिलाया था
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धारीवाल बोले- अशोक गहलोत ने पानी पिला दिया तो दिव्या मदेरणा का जवाब, आलाकमान को आपने पिलाया था

Rajasthan : जोधपुर के ओसियां से विधायक दिव्या मदेरणा और शांति धारीवाल एक बार फिर से आमने सामने है. धारीवाल ने अशोक गहलोत की तारीफ में 1998 के चुनाव का जिक्र करते हुए कहा था कि उन्होनें अच्छों अच्छों को पानी पिला दिया था. जवाब में दिव्या मदेरणा ने कहा कि 25 सितंबर को आपने आलाकमान को पानी पिला दिया था. परसराम जी को पानी पिलाने वाला पूरे देश में कोई नहीं था.

धारीवाल बोले- अशोक गहलोत ने पानी पिला दिया तो दिव्या मदेरणा का जवाब, आलाकमान को आपने पिलाया था

Divya Maderna vs Shanti Dhariwal : राजस्थान में इन दिनों अशोक गहलोत और सचिन पायलट की सियासत में अब दूसरे विधायक भी बयानबाजी में सामने आ रही है. शांति धारीवाल ने जयपुर में हुए एक कार्यक्रम में अशोक गहलोत की तारीफ करते हुए कहा कि वो ऐसे नेता है जिन्होनें अच्छों अच्छों को पानी पिला दिया. तो इससे गुस्साई दिव्या मदेरणा ने ट्वीटर पर ज़ी राजस्थान का वीडियो शेयर करते हुए जवाब दिया और अजीव पहाड़ भी बोल दिया. 

धारीवाल ने क्या कहा

यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने जयपुर में हुए एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए 1998 के चुनावों का जिक्र किया. बोले- 

दिव्या मदेरणा का जवाब

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ओसियां विधायक दिव्या मदेरणा ने शांति धारीवाल के बयान के साथ ज़ी राजस्थान का वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा कि- जीव तो जानते ही है व अजीव पहाड़, रास्ते इत्यादि भी चिल्ला चिल्लाकर इस बात की पुष्टि करेंगे कि 1998 में 153 सीटों का जनादेश स्वर्गीय परसराम मदेरणा के नाम पर आया था और 1998 के बाद कांग्रेस कभी 100 का आँकड़ा पार नहीं कर पायी. ट्रिपल डिजिट से डबल डिजिट में ही सिमटी रही. राजस्थान एवम हिंदुस्तान के किसी नेता में दम नहीं था कि उन्हें पानी पिला देते. वे जानता के नेता थे लेकिन उसूलों और सिद्धांतों के नेता भी थे.

दिव्या मदेरणा ने लिखा- पं. नवल किशोर शर्मा के मूर्ति अनावरण कार्यक्रम में शांति धारीवाल जी का यह बयान कि अशोक गहलोत ने कई बड़े-बड़े लोगो को पानी पिला दिया. जब पीसीसी चीफ थे,तो कई बड़े बड़े उम्मीदवार थे मुख्यमंत्री के लिए लेकिन किसी को नहीं बनने दिया. मैं शांति धारीवाल जी के इस बयान की कड़े शब्दों में निंदा करती हूं. परसराम मदेरणा कांग्रेस के निष्ठावान सिपाही थे व उन्होंने नेहरू गांधी परिवार की किसी बात को कभी नहीं टाला. 1998 उनके जीवन का आख़िरी चुनाव होगा इसकी घोषणा चुनाव से पहले उन्होंने कर दी थी फिर भी आलाकमान का आदेश सर आँखो पर और इसीलिए 1998 में उन्होंने ही माइक पर एक लाइन का प्रस्ताव पारित करवाया था की कांग्रेस आलाकमान जो निर्णय लेंगे व सब कांग्रेस जन को मंज़ूर होगा.

25 सितम्बर को अधिकृत विधायक दल का बहिष्कार कर समांतर विधायक दल की मीटिंग अपने ख़ुद के सरकारी आवास पर रख कर आलाकमान को पानी पिलाने का काम करने वाले आप स्वयं ही थे.

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