Rajasthan Politics : राजस्थान लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की 8 सीटों में जीत ने क्या सचिन पायलट के राजनीतिक करियर में जान फूंक दी है?
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Rajasthan News : लोकसभा चुनाव में राजस्थान की 25 में से आठ सीटें जीतने के बाद कांग्रेस में खुशी का माहौल है. इसी बीच मंगलवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट के खेमे ने अपनी ताकत दिखाई. पूर्व केंद्रीय मंत्री और सचिन पायलट के पिता स्वर्गीय राजेश पायलट की पुण्यतिथि पर दौसा जिले के भंडाना में एक प्रार्थना सभा का आयोजन हुआ.
इस सभा में कांग्रेस के सभी आठ सांसद, दो दर्जन पूर्व मंत्री और विधायक सहित कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए. कांग्रेस की आंतरिक राजनीति में पायलट के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री रहते हुए स्वर्गीय राजेश पायलट की पुण्यतिथि और जन्मदिवस पर होने वाले कार्यक्रमों में सिर्फ सचिन पायलट के समर्थक नेता ही हिस्सा लेते थे.
अक्सर यह चर्चा होती रही है कि गहलोत खेमे ने मंत्रियों और विधायकों को राजेश पायलट की पुण्यतिथि और जयंती पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में शामिल होने से रोका था. लेकिन मंगलवार को लोकसभा चुनाव के बाद सभी आठ सांसदों और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का भंडाना पहुंचना कांग्रेस की आंतरिक राजनीति में सचिन पायलट के मजबूत होने के संकेत के रूप में देखा जा रहा है.
दौसा में मंगलवार को पहुंचने वालों में गहलोत खेमे के कई नेता भी शामिल थे. आठ में से छह सांसदों को सचिन पायलट ने टिकट दिलवाया था और उनके लिए रोड शो और जनसभाओं को संबोधित किया था. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री के खेमे के चार प्रत्याशियों को टिकट मिला, लेकिन वे सभी हार गए, जिनमें गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत भी शामिल हैं, जो जालौर-सिरोही से चुनाव हार गए.
लोकसभा चुनाव परिणामों के बाद यह माना जा रहा है कि कांग्रेस की आंतरिक राजनीति में सचिन पायलट की स्थिति पहले से अधिक मजबूत होगी. आने वाले समय में प्रदेश कांग्रेस संगठन में होने वाले परिवर्तनों में पायलट की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी. सांसद बृजेंद्र ओला, मुरारीलाल मीणा, हरीश मीणा, भजनलाल जाटव, संजना जाटव, राहुल कस्वा, कुलदीप इंदौरा और उम्मेदाराम बेनीवाल राजेश पायलट की पुण्यतिथि पर आयोजित प्रार्थना सभा में शामिल हुए.
साथ ही तीन हारे हुए प्रत्याशी, दो दर्जन विधायक और कई वरिष्ठ नेता भी श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंचे. सांसद मुरारीलाल और संजना ने कहा कि सचिन पायलट पहले से ही प्रदेश में कांग्रेस के सर्वमान्य नेता हैं और वे हमेशा पार्टी को मजबूत करने में सक्रिय रहते हैं.