राज्यवर्धनसिंह राठौड़ बोले- अगर सोनिया गांधी ने उस समय राहुल के कान खीचें होते तो आज ये हाल नहीं होते
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राज्यवर्धनसिंह राठौड़ बोले- अगर सोनिया गांधी ने उस समय राहुल के कान खीचें होते तो आज ये हाल नहीं होते

Rajasthan के 74 वें स्थापना दिवस पर दिल्ली में राजस्थानी मित्र मंडल की ओर से आयोजन किया गया.  जिसमें केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल,  बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राज्यवर्धन सिंह राठौर ने हाल ही में राहुल गांधी की सांसदी छीनी जाने पर मीडिया से बात करते हुए अपना पक्ष रखा. 

राज्यवर्धनसिंह राठौड़ बोले- अगर सोनिया गांधी ने उस समय राहुल के कान खीचें होते तो आज ये हाल नहीं होते

Rajasthan : Rajasthan के 74 वें स्थापना दिवस पर दिल्ली में राजस्थानी मित्र मंडल की ओर से आयोजन किया गया. इसमें दिल्ली में रह रहे प्रदेश के ब्यूरोक्रेट्स, राजस्थान के सांसद और मंत्री, सरकारी कर्मचारी, पदाधिकारी और तमाम राजस्थानी परिवार मौजूद रहे. इसमें केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राज्यवर्धन सिंह राठौर और राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी भी मौजूद थे.  स्थापना दिवस  के कार्यक्रम में  बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने राहुल गांधी की सासंदी छिन जाने के मुद्दे को लेकर मीडिया के समक्ष अपना पक्ष रखा. 

बीजेपी के दोने नेताओ ने  कहा कि पिछले 8 साल से राहुल गांधी को संसद में बोलेने की पूरी खुली छूट दी गई थी. उन्होंने बार-बार अपना अवतार बदलने की कोशिश की. भले वह किसी भी अवतार में आए लेकिन सब में एक चीज कॉमन थी वो थी उनकी निम्न स्तर की भाषा. जो वह बोलते हैं. देश के संविधान, देश , भारत की सेना और  प्रधानमंत्री पद के लिए  जो उनकी आदत में  शामिल है.

2013 मं सासंद में फाड़े गए प्रधानमंत्री के ऑर्डिनेंस  उनके कर्म है. उन्होंने  उस ऑर्डिनेंस को फाड़ने पर प्रधानमंत्री की इज्जत नहीं की.  उनके उन्हीं कर्मों का फल है कि आज वह अपनी सासंदी से  डिसक्वालीफाई हो गए . अगर वह अपनी जबान पर लगाम लगाते तो वह डिसक्वालीफाई नहीं हुए होते.  उस समय उनकी मां(सोनिया गांधी) ने  अगर उनका कान खींचा होता तो आज उनके साथ ऐसा ना होता. मैं बड़े सरल शब्दों में समझाता हूं क्यों हम मुद्दा भटकाने की कोशिश नहीं कर रहे हैं. उन्होंने हर तरीके की मोदी जी को गाली  दी लेकिन उस पर कोई एक्शन नहीं हुआ.

उन्होंने  पीएम के लिए 'कब्र खोद देंगे, मार देंगे' इन शब्दों पर कोई एक्शन नहीं हुआ लेकिन जब उन्होंने एक समुदाय को बोला जिसका भी नाम ये है वह चोर है तो उसमें से एक व्यक्ति उस समुदाय का कोर्ट चला गया और कोर्ट ने बी उनके शब्दों पर  माफी मांगने को कहा लेकिन उन्होंने माफी नहीं मांगने पर अड़े रहें जिस पर कोर्ट ने सासंदी डिसक्वालीफाई  करने की चेतवानी भी दी. लेकिन फिर भी वह नहीं माने. जिसका नतीजा सामने है.

 वहीं बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राज्यवर्धन सिंह राठौड़ के बाद  केंद्रीय  मंत्री अर्जुन राम मेघवाल  ने भी राहुल गांधी  की  सासंदी से लेकर बंगला खाली करने वाले मुद्दों पर  अपनी राय मीडिया के सामने रखी. उन्हंने बातचीत के दौरान कहा कि  राहुल गांधी  जितने भी आरोप लगाए है वह बेुबुनियाद है . उनका बड़ा आरोप है कि हमें बोलने नहीं दिया जाता लेकिन, 2019 में उन्होंने किसी सभा में बोला था तभी तो यह सब हुआ है. इस देश में बोलने की आजादी है. गाली देने की आजादी नहीं है,आलोचना करने की भी आजादी है लेकिन पूरे समाज को चोर कहने की आजादी नहीं है.

केंद्रीय  मंत्री अर्जुन राम मेघवाल  ने  कहा 

इसके साथ ही 2013 में सासंद में ऑर्डिनेस राहुल गांधी को लगता है कि वह देश के कानून से ऊपर है उन्हें कानून सजा नहीं दे सकता है उनको उसी कानून के तहत सजा हुई है जिस कानून को उन्होंने फाड़ दिया था.
हाउसिंग कमेटी के चेयरमैन का कर्तव्य है कि वह नोटिस देते हैं कि 1 महीने का समय है आपके पास. खाली थोड़ी करा रहे हैं वह तो नोटिस दे रहे हैं और 6 महीने तक वो रह भी सकते हैं लेकिन बाजार दर पर किराया देकर.
खाली कराने का नोटिस eviction का नोटिस अलग होता है यह eviction का नोटिस नहीं है वो इसके बाद आएगा. किसी भी पार्टी का नेता हो जब वह मंत्री नहीं रहते या सांसद नहीं रहते तो हाउसिंग कमेटी उनसे घर खाली करवाती है ये नियम है , राहुल गांधी क्या बाक़ी सांसदों से अलग हैं या उन पर नियम लागू नहीं होता.

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