प्रतापगढ़: जलझूलनी एकादशी पर निकले ठाकुरजी के बेवाण, पहलवानों ने दिखाए हेरत अंगेज करतब
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प्रतापगढ़: जलझूलनी एकादशी पर निकले ठाकुरजी के बेवाण, पहलवानों ने दिखाए हेरत अंगेज करतब

नगर के सभी मंदिरों के भगवान का बैंडबाजों के साथ बेवाण निकाला गया. बेवाण नगर के प्रमुख चारभुजा मंदिर से दोपहर 3 बजे बैंडबाजों, ढोल-नगाड़ों और अखाड़े के साथ शुरू हुआ. 

प्रतापगढ़: जलझूलनी एकादशी पर निकले ठाकुरजी के बेवाण, पहलवानों ने दिखाए हेरत अंगेज करतब

Pratapgarh: छोटीसादड़ी नगर सहित उपखंड क्षेत्र में जलझूलनी एकादशी धूमधाम के साथ मनाई गई. नगर के सभी मंदिरों के भगवान का बैंडबाजों के साथ बेवाण निकाला गया. बेवाण नगर के प्रमुख चारभुजा मंदिर से दोपहर 3 बजे बैंडबाजों, ढोल-नगाड़ों और अखाड़े के साथ शुरू हुआ. यहां हरि मंदिर, विश्वकर्मा जांगीड़ समाज मंदिर, सांई की कुई हनुमान मंदिर, मेघवाल समाज राधा कृष्ण मंदिर, लखारा मंदिर, पाटीदार समाज चारभुजा मंदिर, माली समाज चारभुजा मंदिर, यादव मोहल्ला के राधा कृष्ण मंदिर के बेवाण समिलित हुए. बेवाण सदर बाजार होते हुए प्रताप चौक पहुंचा. 

उसके बाद नृसिंह मंदिर चौक पर नृसिंह मंदिर का बेवाण भी सम्मिलित हो गया. नगर भ्रमण करने निकले भगवान के बेवाण में सबसे आगे घोड़ों पर सवार युवक धार्मिक पताका लिए चल रहे थे. इसके पीछे बैंडबाजों और ढोल-नगाड़ों के साथ आर्य वीर दल अखाड़ा के पहलवान हेरतअंगेज करतब दिखाते चल रहे थे. पीछे से ट्रैक्टर-ट्रॉली में लोग पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ भजन किर्तन कर रहे थे.  

नगर के सभी मार्गो में लोगों ने अपने घरों छतों से भगवान के बेवाणों पर पुष्पवर्षा कर स्वागत किया. शाम को गांधी चौराहे होकर सभी बेवाण नीमच मार्ग स्थित गोविंदेश्वर महादेव मंदिर पहुंचे. यहां सभी मंदिरों के भगवान को पवित्र कुंड के जल से स्नान कराकर पूजा-अर्चना की. आरती के बाद हजारों की संख्या में मौजूद श्रद्धालुओं को प्रसाद का वितरण किया गया. वहीं, उपखंड क्षेत्र के समस्त ग्रामीण इलाकों में भगवान के भव्य तरीके से बेवाण निकाले गए. 

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गांवों में भी प्रसिद्ध और प्रमुख बावड़ियों और कुओं पर भगवान को स्नान कराया गया. जलझूलनी एकादशी पर्व भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को भगवान श्री कृष्ण के जन्म के 11वें दिन माता यशोदा का जलवा पूजन किया था इसलिए इस पर्व को डोल ग्यारस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन भगवान विष्णु करवट बदलते है इसलिए इस पर्व को परिवर्तनी एकादशी भी कहा जाता है. इस दिन भगवान श्री कृष्ण को डोल में बिठाकर तरह- तरह की झांकी के साथ हर्षोल्लास के साथ जूलुस निकाला जाता है. 

Reporter- Vivek Upadhyay

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