गरीबों की रोटी पर भी अब लालची ठेकेदारों की नजर, इंदिरा रसोई के संचालन में लाखों का गड़बड़झाला
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गरीबों की रोटी पर भी अब लालची ठेकेदारों की नजर, इंदिरा रसोई के संचालन में लाखों का गड़बड़झाला

सरकार के हर गरीब तक खाने पहुंचाने के दावे को प्रशासन कितना पूरा कर पा रहा है. इसकी लापरवाही का एक उदाहरण जिले के छोटीसादड़ी उपखंड मुख्यालय में देखने को मिला है.

गरीबों की रोटी पर भी अब लालची ठेकेदारों की नजर, इंदिरा रसोई के संचालन में लाखों का गड़बड़झाला

Pratapgarh: सरकार के हर गरीब तक खाने पहुंचाने के दावे को प्रशासन कितना पूरा कर पा रहा है. इसकी लापरवाही का एक उदाहरण जिले के छोटीसादड़ी उपखंड मुख्यालय में देखने को मिला है. हर महीने लाखों रुपए खर्च करने के बाद हर गरीब तबके तक खाना पहुंचाने का दावा करने वाली सरकार की योजनाओं को किस तरीके से पलिता लगाया जा रहा है.

छोटीसादड़ी शहर में कृषि उपज मंडी, गांधी चोराहा और महाराणा प्रताप बस स्टैंड पर संचालित तीनों इंदिरा रसोई के ठेकेदारों द्वारा हर रोज फर्जी आंकड़े ऑनलाइन दर्ज कर सरकार और प्रशासन को लाखों रुपए का चूना लगाया जा रहा है. इससे पहले इंदिरा रसोई में अनियमितता और शुद्धता को लेकर ही सवाल खड़े हो रहे थे और अब ठेकेदारों द्वारा फर्जी ऑनलाइन आंकड़े दर्ज कर योजना के नाम पर लाखों रुपए का घपला किया जा रहा है.

इंदिरा रसोई में हो रहे घपले अब तक तो जग जाहिर हो नहीं पा रहे थे. लेकिन एक अब एक वायरल वीडियो में इंदिरा रसोई में की जा रही लापरवाही और गड़बड़ झाले को आमजन के सामने लाकर रख दिया है. इंदिरा रसोई के ऑपरेटर द्वारा मोबाइल से फर्जी आंकड़े चढ़ाने का वीडियो वायरल होते ही इंदिरा रसोई के संचालक की पोल खुल गई है. नगर पालिका एवं जिला मुख्यालय से प्राप्त जानकारी अनुसार छोटीसादड़ी शहर में संचलित तीनो इंदिरा रसोई में से प्रत्येक इंदिरा रसोई का सुबह व शाम 150 व्यक्तियों का भोजन सहित 300 व्यक्तियों के आंकड़े प्राप्त हो रहे है. मगर दूसरी ओर गांधी चोराहे, महाराणा प्रताप बस स्टैंड पर स्तिथ इंदिरा रसोई में कार्यरत ठेकेदार के व्यक्ति ने बताया कि यहां प्रतिदिन औसतन सुबह ओर शाम 10 से 15 व्यक्ति ही भोजन करते है तो संचालक द्वारा सरकार के पास आंकड़ा प्रतिदिन 300 पार कैसे पहुंच रहा है.

इंदिरा रसोई में भोजन करने पहुचे चितौडगढ़ निवासी ने बताया कि उसे बिना टोकन काटे ही भोजन करवाया गया एवं भोजन के पश्यात उसके 10 रुपये के दर से राशि ली गई. वही महाराणा प्रताप बस स्टैंड पर संचालित इंदिरा रसोई में भोजन करने पहुचे व्यक्ति को खाना खत्म हो जाने की बात कह कर मना कर दिया, व्यक्ति द्वारा नगर पालिका में शिकायत के बाद मौके पर पहुंचे पालिका कर्मचारी ने उसी इंदिरा रसोई से स्वयं के नाम से टोकन कटवा कर व्यक्ति को भोजन करवाया. इस बारे में नगरपालिका एवं सम्बंधित अधिकारियों और इंदिरा रसोई ठेकेदार से जानकारी मांगी गई तो उन्होनें इस बारे में कोई भी जानकारी नहीं होना बताया.

जानकारी का नहीं होना यानी घपला होना साफ है. माना जा रहा है कि इस लापरवाही में कहीं ना कहीं प्रशासनिक अधिकारियों की भी मिलीभगत हो सकती है फर्जी इंट्री के साथ लाखों रुपए हर महा गबन करने का यह मामला अब शहर में चर्चाओं का विषय बना हुआ है इंदिरा रसोई संचालक आमजन और गरीबों तक भोजन पहुंचाने के नाम पर फर्जी इंट्री कर कर लाखों रुपए गबन करने में लगे हुए हैं.

Reporter- Vivek Upadhyay

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