Pratapgarh News: अफीम की फसल को सुरक्षित करने के लिए कड़े इंतजाम, चारों तरफ लगी जालियां
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Pratapgarh News: अफीम की फसल को सुरक्षित करने के लिए कड़े इंतजाम, चारों तरफ लगी जालियां

Pratapgarh News: प्रतापगढ़ में अफीम के खेतों पर परिंदा भी नहीं मार सकता पर,चारों तरफ लोहे की जालियों से की गई है सुरक्षा, पक्षियों से सुरक्षा के लिए खेत के ऊपर लगाई प्लास्टिक की जाली.

अफीम की फसल को सुरक्षित करने के लिए कड़े इंतजाम.

Pratapgarh News: प्रतापगढ़ में काला सोना कही जाने वाली अफीम की फसल इन दिनों यौवन पर है. जहां फूल से डोडे बनने की अवस्था चल रही है. वहीं, कई जगह डोडे बन गए हैं. ऐसे में कुछ ही दिनों में डोडा से चीरा लगाकर अफीम दूध संग्रहण किया जाएगा. इसके साथ ही फसल की पूरी तरह से सुरक्षा की जा रही है.अफीम की फसल की सुरक्षा के लिए किसान गत वर्षों से काफी सावचेत हो गए हैं.

 फसलों की सुरक्षा इस प्रकार से की जा रही है कि फसल में परिंदा भी पर नहीं मार सकें. जहां किसानों ने खेतों के चारों तरफ तारबंदी और जाली लगाकर मवेशियों से सुरक्षा की है.

वहीं, फसल की पक्षियों से सुरक्षा के लिए खेत के ऊपर प्लास्टिक की जाली लगाई गई है. जिससे पक्षियों से डोडों की सुरक्षा हो सके.वहीं, अब किसानों को डेरा खेतों पर ही रहेगा. जिससे अफीम की पूर्ण रूप से सुरक्षा हो सके.

इन दिनों अफीम की फसल लहलहाले लगी है.अफीम की फसल पर फूलों से डोडे बनने लगे है. जिससे किसानों ने फसल की सुरक्षा के लिए जतन कर लिए है. इसके लिए कई किसानों ने तो खेतों पर झोपड़ियां बना ली हैं. जहां रहकर दिन-रात रखवाली कर रहे हैं.अफीम की फसल पर फूल और डोडा बनने लगे है. वहीं, मवेशियों और प्राकृतिक प्रकोप से भी खतरा कम नहीं होता है. किसानों ने मवेशियों से फसल की सुरक्षा के लिए तारबंदी, लोहे की जालियां लगा दी हैं.

नारकोटिक्स विभाग की ओर से इस वर्ष जिले में जिले में 9 हजार 267 किसानों को अफीम बुवाई के लाइसेंस दिए थे. इसमें से 24 किसानों ने अफीम की फसल बुवाई नहीं की है. जिसमें 271 गांवों में किसानों ने फसल की बुवाई की है. नारकोटिक्स विभाग की ओर से प्रतापगढ़ औैर अरनोद को प्रथम खंड में शामिल किया गया है. इस वर्ष खंड प्रथम में चीरा लगाने के कुल 3211 लाइसेंस दिए गए.

 इनमें से सात किसानों ने बुवाई नहीं की है.वहीं, इस वर्ष कुल 851 किसानों को सीपीएस के तहत लाइसेंस मिले थे. इनमें से 11 किसानों ने बुवाई नहीं की है. 

इसी प्रकार छोटीसादड़ी खंड में इस वर्ष कुल 5205 किसानों को लाइसेंस दिए गए.इनमें से चीरा लगाने के कुल 3085 लाइसेंस है. इनमें से दो ने बुवाई नहीं की. जबकि कुल 2120 किसानों को सीपीएस के लाइसेंस दिए गए थे. इनमें से चार किसानों ने बुवाई नहीं की है. इस वर्ष जिले के 271 गांवों में अफीम की फसल लहलहा रही है.

इन गांवों में कुल 9243 हेक्टेयर इलाके में फसल लहलह रही है. इसमें प्रतापगढ़ खंड में 173 गांवों में अफीम फसल बोई हुई है, जबकि छोटीसादड़ी क्षेत्र में 90 गांवों में अफीम की फसल लहलहा रही है.

रिपोर्टर-हितेष उपाध्याय

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