राजस्थान के विधानसभा में अभिभाषण के दौरान विधायक रामलाल मीणा ने राजनीति को एक बार फिर से गर्मा दिया है.
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Pratpgarh: राजस्थान के विधानसभा में अभिभाषण के दौरान विधायक रामलाल मीणा ने राजनीति को एक बार फिर से गर्मा दिया है. विधायक मीणा ने विधानसभा में दलित और जनजाति वर्ग पर अत्याचार का मामला उठाते हुए अपनी ही सरकार के अधिकारियों को निशाने पर ले लिया. उन्होंने एसटी, एससी, ओबीसी, एमबीसी के उत्थान की मांग को पुरजोर तरीके से रखा. विधायक ने कहा कि भाजपा की सरकार हो या हमारी कांग्रेस की सरकार हो, एससी- एसटी के अधिकारियों को आज भी टारगेट किया जाता है.
उन्होंने उदयपुर रेंज आईजी पर सीधा आरोप लगाया कि उन्होंने तस्करी करवाने के लिए जिले के एक थाने से एसटी के थानेदार को हटा दिया और अपना चहेता आदमी लगवा दिया. विधायक मीणा अनुसूचित जाति से जुड़े मुद्दों पर बोल रहे थे.
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इस दौरान उन्होंने अपने भाषण के अंत में कहा ''आज भी सभी कह रहे हैं कि भाजपा सरकार हो या हमारी सरकार हो आदिवासी अधिकारी हमेशा टारगेट पर रहा है. उनके खिलाफ जानबूझकर कार्रवाई की जाती हैं उन्हें परेशान किया जाता है. अभी मेरे यहां रठाजना थाने के अंदर भी एसटी के अधिकारी को सस्पेंड करके दूसरी जगह लगा दिया. वह इसलिए लगा दिया क्योंकि आई जी साहब को वहां तस्करी करवानी थी और उनके अधिकारी को लगाना था. इसलिए एसटी के अधिकारी को बलि का बकरा बना दिया. इसलिए मैं आप सभी से कहना चाह रहा हूं एसटी एससी के अधिकारियों को प्रोत्साहन देने के लिए मुख्य पदों पर लगाया जाए.
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इससे पहले विधायक मीणा ने अनुसूचित जाति के संबंधित मुद्दे उठाए. उन्होंने कहा कि आजादी के 75 साल बाद भी अनुसूचित जाति और जनजाति के लोग दबे कुचले हैं. इसके लिए सभी सरकारों को मिलकर काम करना होगा. चाहे भाजपा की सरकार हो या कांग्रेस की. मीणा ने कहा कि टीएसपी क्षेत्र में जनसंख्या के अनुपात में अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों के आरक्षण का अनुपात बढ़ाया जाना चाहिए. उदयपुर संभाग में जनसंख्या के हिसाब से अधिकारियों की भर्ती में आरक्षण दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि टीएसपी क्षेत्र में जनजाति को वनाधिकार पट्टे मिलने की कार्रवाई शुरू हो गई लेकिन वहां अनुसूचित जाति के लोग भी जंगल में रहते हैं. उन्हें भी वहां वनाधिकार पट्टा दिया जाना चाहिए.
Reporter: Vivek Upadhyay