Rajsamand News: कुंभलगढ़ में नियम-कायदों की खुलेआम उड़ रही धज्जियां, धडल्ले से हो रही पहाड़ और पेड़ों की कटाई
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Rajsamand News: कुंभलगढ़ में नियम-कायदों की खुलेआम उड़ रही धज्जियां, धडल्ले से हो रही पहाड़ और पेड़ों की कटाई

Rajasthan News: कुंभलगढ़ अभ्यारण्य में प्रतिबंध के बाद भी खुलेआम धडल्ले से पहाड़ और पेड़ कांटे जा रहे हैं, जिस वजह से कुंभलगढ़ की खूबसूरती अब खत्म होती जा रही है. साथ ही पर्यावरण को नुकसान भी पहुंच रहा है. 

 

Rajsamand News: कुंभलगढ़ में नियम-कायदों की खुलेआम उड़ रही धज्जियां, धडल्ले से हो रही पहाड़ और पेड़ों की कटाई

Rajsamand News: ऐतिहासिक कुंभलगढ़ दुर्ग, प्राकृतिक सौन्दर्य से लबरेज पहाड़ और कुंभलगढ़ अभ्यारण्य परिक्षेत्र में कतिपय लोग कानून कायदे दरकिनार कर जल, जंगल, जमीन और पहाड़ों से छेड़छाड़ कर रहे हैं. कहीं खुलेआम पहाड़ काटे जा रहे हैं, तो कहीं पेड़ों की अंधाधुंध कटाई की जा रही है. पर्यटन की दृष्टि से कुंभलगढ़ का विकास खूब हुआ, मगर दो दशक में जिस रफ्तार से पर्यटक बढ़े थे, अब उसी ही रफ्तार से लगातार पर्यटक घटते भी जा रहे हैं. व्यवस्थित सड़कों का अभाव भी एक कारण है. इस बीच नियम कायदों के विरुद्ध धड़ल्ले से बहुमंजिला भवनों का निर्माण, कृषि और आवासीय जमीनों का खुलेआम व्यवसायिक उपयोग भी हो रहा है, लेकिन जिम्मेदार जानकर भी अनजान बने हुए हैं. 

पेड़ और पहाड़ों की अंधाधुंध कटाई करने वालों पर होगी कार्रवाई 
कुंभलगढ़ उपखंड अधिकारी अंशुल आमेरिया ने ऐसे हालात पर चिंता व्यक्त करते हुए सख्त कार्रवाई और नियमों की पालना करवाने की बात कही है. अब सवाल यह है कि क्या कुंभलगढ़ क्षेत्र में हो रही पेड़ और पहाड़ों की अंधाधुंध कटाई पर सरकार लगाम लगा पाएगी या इसी तरह प्रकृति से छेड़छाड़ जारी रहेगी. साथ ही होटलों में तेज आवाज में बजता म्यूजिक और शादी-पार्टी के जश्न में होने वाली आतिशबाजी से जंगल के जीव जन्तुओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. जानकारी के अनुसार, जून 2021 में तत्कालीन जिला कलेक्टर अरविंद पोसवाल ने अवैध निर्माण और पुरा महत्व के स्थल को संरक्षित करने और अतिक्रमण ध्वस्त करने के लिए पुरातत्व सर्वेक्षण जोधपुर मंडल के अधीक्षण पुरातत्वविद को पत्र भेजकर कार्रवाई के निर्देश दिए थे, लेकिन न तो पुरातत्व विभाग ने कोई ठोस कार्रवाई की और न ही वन, पर्यावरण के साथ प्रशासन ने ही कोई कदम उठाया. 

पहले भी दिए जा चुके हैं निर्देश 
बता दें कि कुंभलगढ़ उपखंड क्षेत्र के केलवाड़ा, गवार, आंतरी ग्राम पंचायत क्षेत्र में भवनों के निर्माण के लिए पेड़ों के साथ पहाड़ भी काटे जा रहे हैं. हालांकि, अधिकांश होटल निर्माण की स्वीकृति है, मगर पहाड़ और पेड़ों की कटाई को लेकर सवाल उठ रहे हैं. बता दें कि वन विभाग ने 31 मार्च 2015 को आदेश जारी कर अभयारण्य संरक्षित क्षेत्र की सीमा से 1 किमी क्षेत्र में वाणिज्यिक और औद्योगिक गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया था. साथ ही राजस्व अधिकारियों को कुंभलगढ़ वन्यजीव अभयारण्य और जवाई तेंदुआ संरक्षण रिजर्व के संरक्षित क्षेत्रों की सीमाओं से 1 किमी तक के क्षेत्रों में किसी भी भूमि का रूपांतरण नहीं करने का निर्देश दिए थे. आपको बता दें कि 18 जनवरी 2022 को हाईकोर्ट जोधपुर के जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस विनोद कुमार भरवानी की खंडपीठ ने राजसमंद और पाली कलेक्टर को निर्देश दिए थे. हाईकोर्ट ने कहा कि कहा कि "कुंभलगढ़ वन अभ्यारण्य की सीमा से 1,000 मीटर के भीतर की जाने वाली सभी निर्माण गतिविधियों पर रोक रहेगी. 

रिपोर्टर- देवेंद्र शर्मा

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