सवाई माधोपुर: अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस पर कार्यशाला का आयोजन, जंगल है तो बाघ हैं
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan1801752

सवाई माधोपुर: अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस पर कार्यशाला का आयोजन, जंगल है तो बाघ हैं

राजस्थान के  सवाई माधोपुर जिले अन्तर्राष्ट्रीय बाघ दिवस के अवसर पर रणथम्भौर बाघ परियोजना सवाई माधोपुर द्वारा बाघों को बचाएं थीम पर जिला मुख्यालय के रणथंभौर रोड स्थित रणथम्भौर नेशनल रिसोर्ट में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया.
  

 

सवाई माधोपुर: अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस पर कार्यशाला का आयोजन, जंगल है तो बाघ हैं

Sawai madhopur news: राजस्थान के  सवाई माधोपुर जिले अन्तर्राष्ट्रीय बाघ दिवस के अवसर पर रणथम्भौर बाघ परियोजना सवाई माधोपुर द्वारा बाघों को बचाएं थीम पर जिला मुख्यालय के रणथंभौर रोड स्थित रणथम्भौर नेशनल रिसोर्ट में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में भरतपुर संभागीय आयुक्त भरतपुर सांवरमल वर्मा मौजूद रहे. कार्यक्रम के दौरान संभागीय आयुक्त ने बाघ संरक्षण को लेकर आयोजित हुई चित्रकला एवं भाषण प्रतियोगिता के विजेताओं को सम्मानित किया. 

इस दौरान संभागीय आयुक्त ने कहा कि बाघों का संरक्षण हमारा सामूहिक दायित्व है. उन्होंने कहा कि जंगल है तो बाघ हैं, बाघ हैं तो हम हैं. उन्होंने कहा कि मानसून के दौरन अधिक से अधिक पौधारोपण कर अपने आस पास के क्षेत्र को हरा भरा कर पर्यावरण संरक्षण करें. कार्यक्रम के दौरान जिला कलक्टर सुरेश कुमार ओला ने कहा कि बाघ सवाई माधोपुर में रहने वाले हजारों लोगों की आजीविका का माध्यम है. हम इनके संरक्षण के लिए आगे आएं. उन्होंने वन विभाग को बाघों की बच्चों के तरह देखभाल करने पर वन विभाग के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि प्रशासन वन विभाग एवं नागरिक समिति वन संरक्षण में अमूल्य योगदान है. 

यह भी पढ़ें- ओपेनहाइमर : इंटीमेट सीन में भगवत गीता को पढ़ा गया, फिर आहत हुई हिंदुओं की आस्था

वहीं जिला पुलिस अधीक्षक हर्षवर्धन अगरवाला ने कहा कि रणथम्भौर टाईगर रिजर्व का मुख्य आकर्षण बाघ हैं. उन्होंने कहा कि रणथम्भौर का विश्व पटल पर छाने का मूल कारण वन विभाग का कठिन परिश्रम है. इस अवसर पर सामाजिक वानिकी विभाग के उप वन संरक्षक श्रवण कुमार रेड्डी ने भी वन विभाग की प्रशंसा की. उप वन संरक्षक एवं उप क्षेत्र निदेशक रणथम्भौर बाघ परियोजना मोहित गुप्ता ने बताया कि वन विभाग द्वारा बाघ संरक्षण के उद्देश्य से 25 जुलाई को शिक्षा विभाग के माध्यम से 200 विद्यालयों में चित्रकलां एवं महाविद्यालयों में भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था. 

जिसके विजेताओं को कार्यक्रम के दौरान अतिथियों द्वारा पुरस्कृत किया गया है. कार्यशाला में रणथम्भौर बाघ परियोजना के स्टॉफ को सरीसृप सांप, मगरमच्छ इत्यादि पकड़ने के गुर भी सिखाएं गए. इस दौरान प्रशिक्षु आई.ए.एस. सहायक कलक्टर यशार्थ शेखर, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी गोविन्द बंसल सहित अन्य अधिकारी, विद्यालय एवं महाविद्यालय छात्र-छात्राएं मौजूद रहें.

Trending news