सवाईमाधोपुर के बामनवास विधानसभा क्षेत्र के बौंली में लंपी वायरस की 450 से अधिक पशुओं में पुष्टि हो चुकी है, वहीं 9 गौवंश लंपी वायरस के चलते काल का ग्रास बन चुके हैं.साथ ही 170 से अधिक पशु लंपी वायरस से रिकवर हो चुके हैं.
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Sawai-madhopur: जिले के बामनवास विधानसभा क्षेत्र के बौंली में लंपी वायरस अब कहर बरपाने लगा है. पूरे विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो 450 से अधिक पशुओं में लंपी वायरस की पुष्टि हो चुकी है, वहीं 9 गौवंश लंपी वायरस के चलते काल का ग्रास बन चुके हैं. लंपी वायरस के संक्रमण को देखते हुए बौंली प्रधान कृष्ण पोसवाल क्षेत्र में दौरा कर पशुपालकों को जागरूक कर सामाजिक सरोकार निभा रहे है, वहीं बामनवास में गौ सेवक मनीष कुमार के नेतृत्व में युवा टीम द्वारा न केवल स्थानीय लोगों को जागरूक किया जा रहा है वरन आवश्यक उपचार में भी गौ सेवक अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहें हैं.
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नोडल बौंली की बात करें तो पशुधन सहायक लड्डू लाल सैनी के मुताबिक पशु चिकित्सा अधिकारी अरुण खंडेलवाल के नेतृत्व में दूधिया पशुओं में फैल रही महामारी को लेकर लगातार ग्राउंड सर्वे किया जा रहा है. क्षेत्र में 97 पशुओं में लंपी वायरस की पुष्टि हो चुकी हैं, वहीं 2 गौवंश लंपी वायरस के चलते मौत का शिकार हो चुके हैं और टीम की कुशल मॉनिटरिंग के चलते 9 पशु लंपी वायरस से रिकवर भी हो चुके हैं. टीम द्वारा क्षेत्र की भेडोली, बागडोली व बौंली स्थित तीनों गौशालाओं में पूर्ण टीकाकरण किया जा चुका है. गाइडलाइन के अनुसार वायरस की चपेट में आए पशुओं का उपचार किया जा रहा है. पशु चिकित्सा दल के वीरभान गुर्जर द्वारा पशुपालकों को गौवंश को आयुर्वेदिक काढ़ा पिलाने के लिए भी जागरूक किया जा रहा है.
बामनवास नोडल में लंपी वायरस अपना रौद्र रूप दिखा रहा है. नोडल अधिकारी डॉ. संजय मीणा ने बताया कि 350 से अधिक पशुओं में लंपी वायरस की पुष्टि हो चुकी हैं, साथ ही 170 से अधिक पशु लंपी वायरस से रिकवर हो चुके हैं. बामनवास नोडल में वायरस के कारण 7 पशुओं की मौत की पुष्टि की गई है. क्षेत्र में पर्याप्त चिकित्सकीय व्यवस्था न होने से लंपी वायरस लगातार बढ़ता जा रहा है. अधिकृत आंकड़ों के विपरीत स्थानीय लोगों की माने तो क्षेत्र में 50 से अधिक पशुओं की मौत लंपी वायरस के चलते हो चुकी है, हालांकि गौ सेवक टीम लगातार ग्राउंड सर्वे कर बीमार पशुओं का उपचार कर सामाजिक सरोकार निभा रही है. स्थानीय गौ सेवकों ने पशु चिकित्सा स्टाफ बढ़ाकर महामारी के प्रभाव को कम करने की मांग की है. पशु चिकित्सा विभाग की गाइड लाइन के अनुसार बीमार पशुओं को आइसोलेट करने व सोडियम हाइपोक्लोराइट का छिड़काव करने के निर्देश भी दिए जा रहें हैं. पशु चिकित्सा टीम द्वारा पशुपालकों को आवश्यक उपचार उपलब्ध करवाया जा रहा है लेकिन वायरस के बढ़ते प्रकोप के कारण वर्तमान में मिल रहा चिकित्सकीय लाभ नाकाफी साबित हो रहा है.
Reporter - Arvind Singh
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