Siker: शेखावाटी साहित्य संगम के दूसरे दिन ज्वलंत विषयों पर चर्चा परिचर्चा का दौर चला. सुबह के सत्र में सामर्थ्यवान भारत के स्वप्नदृष्टा- ''वीर सावरकर'' विषय पर चर्चा परिचर्चा हुई. प्रखर चिंतक उदय माहुरकर ने बतौर मुख्य वक्ता कहा कि केंद्र सरकार वीर सावरकर के "नेशन फर्स्ट" स्लोगन के पैटर्न पर चल रही है.
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Shekhawati Sahitya Sangam: शेखावाटी साहित्य संगम के दूसरे दिन ज्वलंत विषयों पर चर्चा परिचर्चा का दौर चला. सुबह के सत्र में सामर्थ्यवान भारत के स्वप्नदृष्टा- ''वीर सावरकर'' विषय पर चर्चा परिचर्चा हुई. प्रखर चिंतक उदय माहुरकर ने बतौर मुख्य वक्ता कहा कि केंद्र सरकार वीर सावरकर के "नेशन फर्स्ट" स्लोगन के पैटर्न पर चल रही है. राष्ट्र का गौरव धर्म और जाति का गौरव के बाद है. सावरकर का नेशन फर्स्ट सीखाता है कि हम जाति - धर्म प्रथा से उठकर देश को प्राथमिकता दें.
सावरकर के ''हिंदू राष्ट्र'' और "नेशन फर्स्ट" में अंतर
जी न्यूज के रीजनल हैड मनोज माथुर ने सावरकर के ''हिंदू राष्ट्र'' और "नेशन फर्स्ट" में अंतर पर जानकारी दी. आयोजक मंडल ने जी न्यूज के रीजनल हैड मनोज माथुर का प्रतीक चिन्ह भेंटकर सम्मान किया. दूसरे सत्र में फिल्म अभिनेता आशीष शर्मा, जी न्यूज के रीजनल हैड मनोज माथुर, पत्रकार संगीता प्रणवेंद्र, सामाजिक कार्यकर्त्ता एडवोकेट सुबुही खान और प्रखर चिंतक उदय माहुरकर ने हिस्सा लिया.
अभिनेता आशीष कुमार ने कहा कि हमें रुट लेवल पर काम करना होगा. सिर्फ सिनेमा की वजह से व्यभिचार नहीं बढ़ा. सांस्कृतिक विरासत और धरोहर को मजबूत करना होगा. संस्कृत-संस्कृति-संस्कार के सिद्धांत को बढ़ाना होगा. धर्म को मजबूत करने लिए धारणा को मजबूत करना होगा. हमें समानता की शुरुआत घर से करनी होगी. अपने बेटे-बेटी को समान रखने से होगी. पिछले कुछ समय से फिल्मी फैमिली के बाहर से युवा पीढ़ी सिनेमा में आई. नये आविष्कार से परिवर्तन संभव है. हमें पता होता है कि पुलिस, प्रशासनिक अधिकारियों या सचिवालय में कहां कौन से रंग का पता चलता है. नये विचारों का आना जरुरी है.
जनसंख्या नियंत्रण हमारा आंतरिक एजेंडा होना चाहिए- मनोज माथुर
जी न्यूज के रीजनल हैड मनोज माथुर ने कहा कि हम सुपर पावर बन सकते हैं. कोई दिवास्वप्न नहीं है. भ्रष्टाचार और जातिवाद के खिलाफ लड़कर हमारी जीत हमें विश्वगुरु हमें बना देगी. सभी समस्याओं के समाधान का मूल भ्रष्टाचार और जातिवाद में है. आर्थिक समानता संभव नहीं है, हां आर्थिक सक्षमता जरुरी की जा सकती है. आज के पूंजीवाद में हमें चाहिए कि साथी आर्थिक रुप से सक्षम हो, भले ही आर्थिक रुप से समान ना हो. विश्वगुरु के पद तक पहुंचने के लिए जनसंख्या नियंत्रण हमारा आंतरिक एजेंडा होना चाहिए. न्यू एजुकेशन पालिसी को लेकर कयास लगाना अभी गलत है. इसकी वजह से हम सुपर पावर बन पाएंगे, ये कहना अभी दूर की कौड़ी है.
लेकिन ये जरुर है कि स्किल डवलपमेंट का काम लाभकारी होगा. भौगोलिक रुप से अखंड भारत का सपना देखना हमारा खुद के साथ एक धोखा है. सांस्कृतिक रुप से अखंड भारत की सीमा अफगानिस्तान के पार तक होनी चाहिए.
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सुबुही खान ने कहा कि समाजवाद और पूंजीवाद दोनों भारत के लिए नहीं है. भारत प्रकृतिवाद से चलता है. हमें अहं ब्रह्मास्मि के सिद्धांत को समझना होगा. सारे मुसलमान बुरे नहीं-विधर्मी नहीं. राष्ट्र कल्याण के मंच पर भी काफी मुसलमान हैं. भारत को कन्वर्ट करने की साजिश पर लगाम लगाने की जरुरत है. किसी भी एज्युकेशन पालिसी से असमानता का समाधान नहीं होने वाला. भारत धर्मसत्ता-समाजत्ता-राजसत्ता-अर्थसत्ता से चलता है.