Rameshwaram Seva Samiti Shiv Temple History: एक ऐसा मंदिर जहां हर भक्त की भक्ति का लेखा-जोखा मिलता है.
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Rameshwaram Seva Samiti Shiv Temple: क्या आपने कभी ऐसा मंदिर देखा है जहां हर एक भक्तों की भक्ति का हिसाब रखा जाता है, कौन कितना समय भगवान को दे रहा है, यहां तक कि कौन कितनी बार माला जप रहा है, इसका भी लेखा-जोखा मंदिर में आपको हर समय मिल जाएगा. आज हम आपको ऐसे ही एक मंदिर की कहानी बताने जा रहे हैं, जो आपको भक्तों की भक्ति का लेखा-जोखा बताएगी.
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रामेश्वरम सेवा समिति शिव मंदिर
राजस्थान के श्रीगंगानगर में अग्रसेन चौक पर यह मंदिर स्थित है, जो रामेश्वरम सेवा समिति शिव मंदिर के नाम से जाना जाता है. कहा जाता है कि यहां अभी तक सबसे ज्यादा यानी 5 करोड़ बार जाप हो चुका है, यहां श्रद्धालु सावन में भगवान भोलेनाथ के पंच श्री मंत्र ओम नमः शिवाय का भी जाप करते हैं.
20 साल पहले हुई थी मंदिर की स्थापना
इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि इसका लेखा-जोखा यहां के प्रवक्ता पवन मित्तल रखते हैं जो पेशेवर एक सीए हैं. मंदिर समिति अध्यक्ष उमाशंकर मित्तल का कहना है कि मंदिर की स्थापना 20 साल पहले की गई थी.
ओम नमः शिवाय का होता है जाप
समिति के पदाधिकारी सादुलशहर के एक शिव मंदिर में गए थे और वहां ओम नमः शिवाय का जाप होते हुए देखा था, उन्होंने रामेश्वर मंदिर में भी इसकी शुरुआत करने की सोची और इसके बाद वर्ष 2007 में मंदिर में एक लक्ष्य लेकर ओम नमः शिवाय का जाप किया गया.
करोड़ों जाप का रखा लक्ष्य
अध्यक्ष का कहना है कि इससे पहले अयोध्या राम मंदिर निर्माण के लिए सियाराम जय जय सियाराम, सियाराम जयराम जय जय राम के करोड़ों जाप करवाने का लक्ष्य दिया गया था और तभी मंदिर में सिद्धि के लिए ओम नमः शिवाय के करोड़ों जाप का भी लक्ष्य रखा गया था.
2007 में रखा 21 लाख जाप का लक्ष्य
मंदिर के प्रवक्ता सीएम पवन मित्तल का कहना है कि 2007 में 21 लाख जाप का लक्ष्य रखा गया था और इसके लिए कुछ मालाएं मंगवाई गई थी, उनका कहना है कि आप जितना भी जाप करें, इसे पुजारी को दर्ज करवाएं.
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2008 में रखा 51 लाख जाप का लक्ष्य
साथ ही उन्होंने बताया कि उन्हें विश्वास नहीं था कि यह लक्ष्य पूरा हो जाएगा और 1 महीने बाद जब इन्हें जोड़ा गया तो कुल 27 लाख जाप हुए और इससे उनका हौंसला और बढ़ गया और धीरे-धीरे उनका हौंसला ऐसा बड़ा कि वर्ष 2008 में 51 लाख जाप का लक्ष्य रखा गया और इसको भी भक्तों ने पूरा कर दिखाया.
2019 में हुए सफल
मंदिर समिति पदाधिकारी का कहना है कि जितने अक्षर का मंत्र है उतने करोड़ जाप, यदि एक ही स्थान पर हो जाते हैं तो स्थान सिद्धि हो जाती है और इसी को ध्यान में रखते हुए हर वर्ष यह प्रयास किया गया और 2019 में सफल हुए और मंदिर में सावन के महीने में 5 करोड से ज्यादा का जाप हुआ. जाप किए गए मंत्रों का ब्यौरा यहां के पुजारी को देना पड़ता है और पुजारी इन मंत्रों का हिसाब किताब बनाकर मंदिर के प्रवक्ता को भेज देते हैं.
15 श्रद्धालुओं को किया जाता है सम्मानित
मंदिर प्रवक्ता जो कि पेशे से सीएम है वह अंतिम बार इसकी जांच करते हैं और सबसे ज्यादा जाप करने वाले 15 श्रद्धालुओं को सम्मानित भी किया जाता है. उनका कहना है कि भक्ति के हिसाब किताब के लिए रजिस्टर मेंटेन किया जाता है और हर श्रद्धालु का हिसाब किताब उसके नाम के साथ रखा जाता है और यह जाप केवल सावन महीने में ही होता है.
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