Chaitra Navratri 2024: करीब 800 साल पुराना है मां कंकाली का यह मंदिर, फर्श पर जडे़ हैं चांदी के सिक्के
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan2200805

Chaitra Navratri 2024: करीब 800 साल पुराना है मां कंकाली का यह मंदिर, फर्श पर जडे़ हैं चांदी के सिक्के

Chaitra Navratri 2024: मुगल शासनकाल में अकबर की सेना ने मंदिर की मूर्तियों के साथ छेड़छाड़ कर नुकसान पहुंचाने की कोशिश की थी लेकिन माता के चमत्कार से मंदिर परिसर में मधुमक्खियों ने सैनिकों पर हमला कर दिया. इससे पूरी सेना वहां से भाग गई. आज भी मंदिर परिसर में अकबर का शिलालेख उर्दू और फारसी में लिखा है. 

Chaitra Navratri 2024: करीब 800 साल पुराना है मां कंकाली का यह मंदिर, फर्श पर जडे़ हैं चांदी के सिक्के

Chaitra Navratri 2024: 9 अप्रैल से देश भर में मां दुर्गा के पावन दिनों चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है. मंदिरों में भक्तों की भीड़ जुट रही है. वहीं, घरों-मंदिरों में नवरात्रि के 9 दिनों के लिए घट स्थापना हुई. मरुधरा के सभी देवी मंदिर दुल्हन की तरह सजे हैं. ऐसे में आपको टोंक में स्थित माता रानी के ऐसे चमत्कारी मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां के बारे में कहा जाता है कि निसंतानों को संतानों का वरदान मिलता है.

रानी विक्टोरिया ऐसा नाम जिसके बारे में शायद ही कोई नहीं जानता हो. यह वो महिला थी, जिसने भारत पर करीब 100 वर्षों तक राज किया था लेकिन राजस्थान के टोंक जिले में निवाई कस्बे के कंकाली माता मंदिर में एक भक्त ने ऐसा किया कि इस रानी के शासनकाल में प्रचलित मुद्रा में चांदी के सिक्के इस मंदिर की फर्श पर जड़वा दिए. मुगल शासक अकबर तक ने शिलालेख लिखकर यहां लगवाया था कि इस मंदिर को कोई नुकसान नहीं पहुचाएं.

टोंक जिले के निवाई में 800 साल पुराने मां कंकाली का मंदिर आज भी भक्तों की आस्था का केंद्र बना हुआ. निवाई की पहाड़ियों में माता कंकाली ने दरबार सजाया गया है. यहां हर वर्ष नवरात्रि उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. रोज करीब 2000 कन्याओं को भोजन कराकर दक्षिणा दी जाती है. मंदिर में अष्टमी और महानवमी पर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है.

मुगल शासन काल में मंदिर में किया था हमला
मान्यताओं के अनुसार, मुगल शासनकाल में अकबर की सेना ने मंदिर की मूर्तियों के साथ छेड़छाड़ कर नुकसान पहुंचाने की कोशिश की थी लेकिन माता के चमत्कार से मंदिर परिसर में मधुमक्खियों ने सैनिकों पर हमला कर दिया. इससे पूरी सेना वहां से भाग गई. आज भी मंदिर परिसर में अकबर का शिलालेख उर्दू और फारसी में लिखा है. उसका मतलब है कि यह मंदिर साक्षात चमत्कार का रूप है. इसे तोड़ने और क्षतिग्रस्त करने की कोशिश ना करें. यह शिलालेख मंदिर के मुख्य द्वार पर आकर्षण का केंद्र है.

फर्श पर गाड़े हुए करीब 1500 सिक्के
मंदिर परिसर में विक्टोरिया और ब्रिटिश काल के पुराने सिक्के मंदिर परिसर के मुख्य द्वार की फर्श पर गाड़े हुए हैं. यह सिक्के चांदी के बताए जाते हैं, जो श्रद्धालुओं का आकर्षण का केंद्र होते हैं.

मंदिर परिसर में आज भी मधुमक्खियां
मंदिर परिसर में आज भी मधुमक्खियों के छाते दिखाई देते हैं. पौराणिक मान्यता के अनुसार, यह वर्षों से ही मंदिर परिसर में मधुमक्खियों का छाता है. मगर यह किसी श्रद्धालुओं को किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचाती है.

कैंसर, निसंतानों को संतान और भी कई तरह के चमत्कार
स्थानीयों के अनुसार, मां कंकाली माता मंदिर में कई प्रकार के चमत्कार देखने को मिले है. कई श्रद्धालुओं के कैंसर जैसी बड़ी बीमारियां के मरीज पूर्ण रूप से स्वस्थ हुए हैं. कई महिलाओं को संतान प्राप्ति हुई है और कई तरह की बड़ी-बड़ी बीमारियां माता के दरबार में आने से ठीक हो जाती है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, आस्थाओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE Rajasthan इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

Trending news