देवली में पद के दुरुपयोग मामले में VDO को मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने किया निलंबित, धोखाधड़ी का लगा है आरोप
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देवली में पद के दुरुपयोग मामले में VDO को मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने किया निलंबित, धोखाधड़ी का लगा है आरोप

Tonk, Devli news: पंचायत समिति की विकास अधिकारी ममता चौधरी की ओर से  4 अप्रैल को देवली थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी. रिपोर्ट के आधार पर तीन अलग-अलग आरोप सामने आए हैं. जिसमें धोखाधड़ी और राजकीय राशि का अनियमित भुगतान करने का भी आरोप है.

देवली में पद के दुरुपयोग मामले में VDO को मुख्य कार्यकारी अधिकारी  ने किया निलंबित, धोखाधड़ी का लगा है आरोप

Tonk, Devli news:  टोंक जिले के देवली में हिसामपुर ग्राम पंचायत के ग्राम विकास अधिकारी को मुख्य कार्यकारी अधिकारी टोंक ने बुधवार को आदेश जारी कर निलंबित कर दिया है. दरअसल बुधवार की शाम को जिला परिषद टोंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी देशलदान ने आदेश जारी कर देवली पंचायत समिति के ग्राम पंचायत हिसामपुर में कार्यरत ग्राम विकास अधिकारी अमित दाधीच को निलंबित किया है.

रिपोर्ट कराई दर्ज 

गौरतलब है कि पंचायत समिति की विकास अधिकारी ममता चौधरी की ओर से  4 अप्रैल को देवली थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी. रिपोर्ट के आधार पर तीन अलग-अलग आरोप सामने आए हैं. इनमें ग्राम पंचायत देवली गांव के पूर्व सरपंच राजबहादुर रेगर व उनकी पत्नी व पूर्व सरपंच मंजू देवी, तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी अमित दाधीच द्वारा वर्ष 2013-14 में निर्बाध योजना के तहत मशीन का उपयोग करते हुए कम राशि में कार्य पूर्ण बताकर बिल वाउचर प्रस्तुत कर भुगतान उठाने का आरोप है. 

रिकॉर्ड  हुए गायब

इसी तरह स्वयं के नाम से पद का दुरुपयोग करते हुए तीन पट्टे अनियमित तरीके से जारी किए गए. साथ ही इस समय का ग्राम पंचायत की ओर से रिकॉर्ड गायब किया गया. इसके अलावा सभी कार्यों के पेटे 6 अप्रैल 2017 द्वारा कमेटी का गठन कर जांच करवाई गई. कमेटी द्वारा जांच के आधार पर रिकॉर्ड खुर्द बुर्द कर गायब करने का भी इन लोगों पर आरोप लगाया गया है. वही पट्टों के नवीनीकरण करने व रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए तत्कालीन सचिव अमित दाधीच, पूर्व सरपंच राजबहादुर व उनकी पत्नी पूर्व सरपंच मंजू देवी को दोषी माना है. जांच कमेटी ने सरपंच को 19 लाख 63 हजार 500 रुपए की संपत्ति को धोखाधड़ी कर हड़पने का आरोप पाया है. जिसमे जांच कमेटी ने स्पष्ट रूप से फर्जीवाड़ा पाया गया है. इसके अलावा अमित दाधीच के विरुद्ध राजकीय राशि 11 लाख 79 हजार 258 रुपयों का अनियमित भुगतान करने का भी आरोप साबित हुआ है.

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