सुनीता की तबीयत खराब हुई तो परिजनों ने इलाज कराने के बजाए टोने-टोटके का सहारा लिया.
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Chittorgarh: आत्मा, टोना, टोटके के अंधविश्वास की झूठी कहानी में चित्तौड़गढ़ जिले के रावतभाटा शहर की एक बस्ती में महिला की जान चली गई. स्थिति इतनी गंभीर थी कि जिस मकान में टोना, टोटका, अंधविश्वास का शोर- शराबा और नाटकीय घटनाक्रम चल रहा था. उस घर में 6 से अधिक छोटे बच्चे, 4 महिलाएं और दो पुरूष कमरे में बंद थे.
कहानी यह है कि चर्च बस्ती की गीताबाई की 5 बेटियां हैं. उसके पति मोहनलाल का निधन हो चुका है. गीताबाई की 30 वर्षीय बेटी सुनीता भाट निवासी भीम ब्यावर घर पर आई हुई थी. वहीं, सुनीता की तबीयत खराब हुई तो परिजनों ने इलाज कराने के बजाए टोने, टोटके का सहारा लिया (Resorted to Sorcery) और 18 घंटे तक घर में टोने, टोटके की झूठी कहानियां चलती रही.
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इस दौरान महिला की तबीयत अधिक खराब हुई तो पुलिस को बुलाया गया. पुलिस की मौजूदगी में पड़ोसी महिला को अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया. जानकारी के अनुसार, पूरा परिवार साइको बीमारी से ग्रस्त था. वहीं, महिला की मौत के बाद यह बात सामने आई कि परिवार के और लोग भी कमरे में हैं. इसके अलावा सुनीता के दो बच्चे और अन्य बेटियों के बच्चे भी कमरे में थे. साथ हीं, सभी को पुलिस और मेडिकल टीम ने बाहर निकाला और अस्पताल पहुंचाया. गीताबाई का कहना था कि उसकी बहन की बेटी ने कुछ कर दिया, जिस कारण हमारे घर स्थिति बिगड़ गई.
इधर, प्रारंभिक रूप से अंधविश्वास को ही मौत का कारण माना जा रहा है. घटना में महिला सुनीता के चेहरे के साथ-साथ अन्य लोगों के शरीर पर भी चोट के निशान थे. बस्ती के लोगों ने बताया कि एक-दूसरे के साथ मारपीट कर रहे थे और किसी को सामने नहीं आने दे रहें थे. वहीं, बस्ती के कई लोग भी परिवार की अंधविश्वास की बात को सच मान रहे थे. फिलहाल, पुलिस अनुसंधान (Police Investigation) में जुटी हैं.
Reporter-Deepak Vyas