udaipur murder उदयपुर में कन्हैयालाल मर्डर केस के बाद राजस्थान में हिंदू मुस्लिम में शांति बनाने में Rajasthan की अशोक गहलोत सरकार कामयाब रही है. लेकिन एक नजर राजस्थान में मुस्लिम आबादी और उसकी सियासी ताकत पर.
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Muslim population in Rajasthan : उदयपुर में कन्हैयालाल मर्डर केस के बाद राजस्थान में तनाव जरुर बढ़ा है. शांति कायम रखने के लिए राजस्थान सरकार ने इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी है. मुख्यमंत्री जोधपुर का दौरा रद्द कर जयपुर पहुंचे. और अगले ही दिन वो खुद आला अधिकारियों के साथ उदयपुर पहुंच गए.
जहां कुछ जगह तनाव बना है. तो पूरे प्रदेश में शासन प्रशासन मुस्लिम और हिंदू समाज के लोगों के साथ मिलकर शांति बनाए रखने में कामयाब रहा है.
देश में आखिरी जनगणना साल 2011 में हुई थी. 2011 की जनगणना के अनुसार राजस्थान की जनसंख्या 6 करोड़ 85 लाख है. राजस्थान में करीब 9 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है. राजस्थान में 33 जिले है. जिलेवार मुस्लिम आबादी देखें तो सबसे ज्यादा मुस्लिम उदयपुर में है. उदयपुर में मुस्लिम आबादी 1 लाख 4 हजार से ज्यादा है. उदयपुर में हिंदू आबादी 28 लाख से ज्यादा है.
उदयपुर में इससे पहले भी 1970 और 1992 में दो बार सांप्रदायिक तनाव के हालात बने थे जिसमें इलाके में कर्फ्यू लगाया गया था. लेकिन शहर की युवाओं को ऐसा कोई वाकया याद नहीं है. राजस्थान में पिछले कुछ दिनों में सांप्रदायिक तनाव की घटनाएं जरुर बढ़ी है. पहले करौली में नवरात्र के दिन पथराव की वजह से इलाके में कई दिनों तक तनाव बना रहा. उसके बाद ईद के मौके पर जोधपुर में जालोरी गेट पर तनावपूर्ण हालात बने. तो भीलवाड़ा में भी माहौल बिगाड़ने की कोशिश हुई थी. हालांकि भीलवाड़ा में पुलिस ने वक्त रहते हालातों को संभाल लिया था.
अब उदयपुर में हुई घटना यहां के युवाओं के लिए पूरी तरह से चौकाने वाली है. राजस्थान में पिछले 8 सालों की बात करें तो प्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस दोनों की सरकारें रही है. NCRB के आंकड़ों पर नजर डालें तो साल 2016 को छोड़कर हर साल राजस्थान में सांप्रदायिक हिंसा हुई है.
साल 2014- सांप्रदायिक हिंसा के 26 मामले
साल 2015- 16 मामले
साल 2016- 0 मामले
साल 2017- 16 मामले
साल 2018- 18 मामले
साल 2019- 18 मामले
साल 2020- 3 मामले
राजस्थान में पिछले तीन महीने में करौली से लेकर जोधपुर, भीलवाड़ा और अब उदयपुर में तनाव के हालात बने है. अगर भीलवाड़ा को छोड़ दें तो अन्य तीनों जगहों पर कर्फ्यू और इंटरनेट सेवाएं बंद करने जैसे फैसले लेने पड़े. कई दिनों तक ये शहर पुलिस पहरे में रहे थे. करौली में नवरात्रा के दिन निकलने वाले जुलूस पर पथराव हुआ था. जोधपुर में जालोरी गेट पर बालमुकुंद बिस्सा की प्रतिमा पर इस्लामिक झंडा लगाने से विवाद हो गया था. तो अब उदयपुर में कथित तौर पर नुपुर शर्मा के समर्थन में पोस्ट करने वाले कन्हैयालाल साहू की हत्या कर दी गई है.
राजस्थान में 9 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है. राज्य की करीब 36 विधानसभा सीटों पर मुस्लिम आबादी का प्रभाव है. इसमें से 15 सीटें तो ऐसी है जहां सीधे तौर पर मुस्लिम आबादी निर्णायक भूमिका में है. तो वहीं करीब एक दर्जन सीटें ऐसी है जहां मुस्लिम वोटर जीत हार की दिशा तय करते है.
राजस्थान में डीडवाना, मकराना, मूंडवा, नागौर, टोंक, मसूदा, पुष्कर, लाडपुरा के साथ साथ जयपुर संभाग की किशनपोल, आदर्शनगर, हवा महल, जौहरी बाजार, तिजारा, रामगढ़ और फतहपुर मुस्लिम सीटें है. इसके अलावा जोधपुर संभाग की पोकरण, शिव, चोहटन और सूरसागर सीटों पर राजनीति दल अक्सर मुस्लिम कैंडिडेट ही उतारती है. इसके अलावा कामां, धौलपुर, सवाई माधोपुर और नगर विधानसभा भी इसी श्रेणी में आती है.
पिछले 20 सालों में राजस्थान में 9 चेहरे मुख्यमंत्री बने है. वर्तमान में अशोक गहलोत सरकार में सालेह मोहम्मद और ज़ाहिदा खान मंत्री है. इसके अलावा वसुंधरा राजे की सरकार में युनूस खान मंत्री रहे है. बाड़मेर के शिव से विधायक अमीन खान भी पिछली कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे है. दुर्रू मिंया पिछली गहलोत सरकार में चिकित्सा मंत्री रहे है तो वहीं तैय्यब हुसैन 1998 में बनी अशोक गहलोत सरकार में चिकित्सा मंत्री रहे थे. अब्दुल अजीज भी 1998 में मंत्री बने थे. को वहीं तकीउद्दीन अहमद और हबीबुर्रहमान भी राजस्थान सरकार में मंत्री रहे है.
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