Rajasthan News: बांसवाड़ा में माही बांध के टापू के नामकरण रामायण के पात्रों के बजाय आदिवासी समाज में प्रमुख योगदान देने वाले के नाम से नामकरण करने की मांग को लेकर आदिवासी समाज के लोगों ने बुधवार को धरना प्रदर्शन किया.
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Udaipur News: बांसवाड़ा में माही बांध के टापू के नामकरण को लेकर आदिवासी समाज ने आवाज उठाई है. प्रदेश के आदिवासी अंचल क्षेत्र में लगातार विभिन्न संगठन और राजनीतिक दल अपने-अपने स्तर पर ज्ञापन सौंप कर प्रशासन से टापू का नाम आदिवासी नेताओं के नाम पर रखने का की मांग कर रहे हैं. इसी कड़ी में सलूंबर जिला मुख्यालय पर बुधवार को भारतीय आदिवासी पार्टी के बैनर तले विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ताओं ने अपनी आवाज को बुलंद करते हुए धरना प्रदर्शन देकर ज्ञापन सौंपा.
संभागीय आयुक्त के स्टेटमेंट के विरोध में धरना
ज्ञापन में प्रदर्शनकारियों ने बताया कि संभागीय आयुक्त बांसवाड़ा नीरज पवन के स्टेटमेंट में कहा गया कि बांसवाड़ा के सौ टापुओं का नामकरण रामायण के पात्रों पर किया जाएगा. आयुक्त कि इस पोस्ट के बाद चौरासी विधायक राजकुमार रोल द्वारा विरोध जताते हुए कहा गया कि रामायण के पात्रों के अलावा भी आदिवासी समाज की भावना का सम्मान करते हुए, जिन्होंने सहदात दी है उनके नाम से नामकरण होना चाहिए. हम विधायक के इस स्टेटमेंट का समर्थन करते हैं.
आदिवासी समाज में प्रमुख योगदान देने वाले के नाम से हो नामकरण
प्रदर्शनकारियों ने बताया कि माही बांध आदिवासी क्षेत्र में अवस्थित होने से माही बांध से विस्थापित आदिवासियों के पूर्वजों या बांसवाड़ा को बचाने वाले बांसिया चरपोटा तथा आदिवासी समाज के महापुरुषों के नाम से नामकरण किया जाना चाहिए, क्योंकि आदिवासी समाज आदि अनादि काल से प्रकृति पूजक रहा है तथा इस क्षेत्र में निवास कर रहे आदिवासी समाज में प्रमुख योगदान गोविंद गुरु महाराज तथा मामा बालेश्वर दयाल का रहा है, जिन्होंने आदिवासी समाज के साथ हो रहे अन्याय अत्याचार और शोषण के खिलाफ लड़ाई लड़ी. उन्होंने संवैधानिक अधिकारों तथा शिक्षा के प्रति जागृति लाने का काम आदिवासी समाज में किया है. ज्ञापन के दौरान सैकड़ों लोग मौजूद रहे. वहीं, प्रशासन की ओर से पुलिस जाब्ता मौके पर तैनात रहा.
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