'पाकिस्तान को अपनाने के लिए तैयार लेकिन...', पड़ोसी मुल्क से दोस्ती को लेकर राजनाथ ने रख दी ये शर्त
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'पाकिस्तान को अपनाने के लिए तैयार लेकिन...', पड़ोसी मुल्क से दोस्ती को लेकर राजनाथ ने रख दी ये शर्त

Rajnath Singh: जम्मू कश्मीर चुनाव में चुनाव प्रचार करने पहुंचे राजनाथ ने पाकिस्तान के सामने रिश्ते सुधारने की असली शर्त बता दी. साथ ही उन्होंने कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी पर पाकिस्तान के प्रॉक्सी के रूप में काम करने का आरोप लगाया.

'पाकिस्तान को अपनाने के लिए तैयार लेकिन...', पड़ोसी मुल्क से दोस्ती को लेकर राजनाथ ने रख दी ये शर्त

Jammu Kashmie Election: भारत-पाकिस्तान के रिश्तों पर हमेशा बात होती रहती है. दोनों तरफ के नेताओं के बयान भी सामने आते रहते हैं. लेकिन हाल फिलहाल में रिश्ते ठंडे बस्ते में हैं. इसी बीच भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को कहा कि भारत पाकिस्तान को अपनाने और उसके साथ फिर से बातचीत शुरू करने के लिए तैयार है, लेकिन शर्त यह है कि पड़ोसी देश पहले इस बात की गारंटी दे कि वह भारतीय सरजमीं पर आतंकवाद को बढ़ावा देना बंद कर देगा. 

रिश्ते सुधारने की असली शर्त

असल में जम्मू कश्मीर चुनाव में चुनाव प्रचार करने पहुंचे राजनाथ ने पाकिस्तान के सामने रिश्ते सुधारने की असली शर्त बता दी. साथ ही उन्होंने कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) पर ‘पाकिस्तान के ‘प्रॉक्सी’ (प्रतिनिधि)’ के रूप में काम करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) किसी को भी जम्मू-कश्मीर में इस्लामाबाद के ‘नापाक एजेंडा’ को चलाने की अनुमति नहीं देगी. 

चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए

कोटरंका और सुंदरबनी में चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए राजनाथ ने कहा कि देश की प्रगति के लिए हिंदू-मुस्लिम एकता जरूरी है. उन्होंने भाजपा उम्मीदवारों चौधरी जुल्फिकार अली (बुधल विधानसभा क्षेत्र से मैदान में उतरे) और ठाकुर रणधीर सिंह (कालाकोट-सुंदरबनी सीट से नामांकित) के समर्थन में कोटरंका और सुंदरबनी में चुनावी रैलियों को संबोधित किया. 

अगर पाकिस्तान गारंटी देता है कि..

राजनाथ ने कहा कि वे (नेकां और पीडीपी) पाकिस्तान के साथ बातचीत की वकालत कर रहे हैं, एक ऐसा देश जो जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को समर्थन और बढ़ावा दे रहा है. आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते, लेकिन अगर पाकिस्तान गारंटी देता है कि वह भारतीय भूमि पर आतंकवाद को बढ़ावा देना बंद कर देगा, तो हम उसे अपनाने और बातचीत शुरू करने के लिए तैयार हैं. रक्षा मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद ने जम्मू-कश्मीर में जिन हजारों लोगों की जान ले ली है, उसमें 80 फीसदी पीड़ित मुसलमान हैं.

उन्होंने पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ की उस कथित टिप्पणी का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने कहा है कि उनके देश और नेकां-कांग्रेस गठबंधन का संविधान के अनुच्छेद 370 की बहाली पर समान रुख है. इस पर सिंह ने कहा कि गरीबी से जूझ रहा पाकिस्तान भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप कर रहा है. सिंह ने कहा कि पाकिस्तानी नेता का बेशर्म बयान भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप के समान है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान गरीबी और कंगाली का एक अंतरराष्ट्रीय ब्रांड बन गया है और वह खुद के मामलों को संभालने में असमर्थ है, लेकिन भारत के आंतरिक मामलों को लेकर चिंतित है. 

पाकिस्तान को भीख का कटोरा लेकर घूमने की आदत

राजनाथ ने कहा कि पाकिस्तान को भीख का कटोरा लेकर घूमने की आदत है और वर्तमान में वह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से सात अरब अमेरिकी डॉलर की सहायता मांग रहा है, जो जम्मू-कश्मीर के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा घोषित पैकेज से कम है. रक्षा मंत्री ने राहुल गांधी की हालिया अमेरिका यात्रा का जिक्र करते हुए कांग्रेस नेता पर विदेशी धरती पर भारत को बदनाम करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को इस चुनाव में करारा जवाब दिया जाना चाहिए.

रक्षा मंत्री ने कहा कि अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त किए जाने के बाद सरकार को जम्मू-कश्मीर के पुनर्निर्माण का मौका मिला है. उन्होंने कहा कि कोई भी ताकत अनुच्छेद 370 को दोबारा बहाल नहीं कर सकती. उन्होंने नेकां, कांग्रेस और पीडीपी के चुनावी घोषणापत्रों पर सवाल उठाया, जो जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल करने की बात करते हैं और कहा कि प्रधानमंत्री पहले ही वादा कर चुके हैं कि राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा. ये पार्टियां इस मुद्दे पर लोगों को गुमराह कर रही हैं.

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