Ram Mandir Ayodhya: जैसे-जैसे अयोध्या में भगवान राम के मंदिर में विराजमान होने की घड़ी करीब आ रही है, तैयारियां पूरी होती जा रही हैं. अब केंद्रीय मंत्री ने बताया है कि भगवान राम की मूर्ति फाइनल कर ली गई है. मूर्तिकार कर्नाटक के योगीराज अरुण हैं.
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जहां राम हैं, वहां हनुमान हैं... यह कहते हुए केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने अयोध्या राम मंदिर के बारे में करोड़ों हिंदुओं को महत्वपूर्ण जानकारी दी है. उन्होंने एक ट्वीट में बताया कि भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के लिए मूर्ति का चयन हो गया है. हमारे देश के सुप्रसिद्ध मूर्तिकार श्री योगीराज अरुण की तराशी गई भगवान राम की मूर्ति अयोध्या में स्थापित की जाएगी. मोदी सरकार के मंत्री ने कहा कि यह राम और हनुमान के अटूट रिश्ते का एक और उदाहरण है. इसमें कोई दो राय नहीं है कि हनुमान की भूमि, कर्नाटक से रामलला के लिए एक महत्वपूर्ण सेवा है. मंत्री ने योगीराज अरुण के साथ मूर्ति की तस्वीर शेयर की है.
"ಎಲ್ಲಿ ರಾಮನೋ ಅಲ್ಲಿ ಹನುಮನು"
ಅಯೋಧ್ಯೆಯಲ್ಲಿ ಶ್ರೀರಾಮನ ಪ್ರಾಣ ಪ್ರತಿಷ್ಠಾಪನಾ ಕಾರ್ಯಕ್ಕೆ ವಿಗ್ರಹ ಆಯ್ಕೆ ಅಂತಿಮಗೊಂಡಿದೆ. ನಮ್ಮ ನಾಡಿನ ಹೆಸರಾಂತ ಶಿಲ್ಪಿ ನಮ್ಮ ಹೆಮ್ಮೆಯ ಶ್ರೀ @yogiraj_arun ಅವರು ಕೆತ್ತಿರುವ ಶ್ರೀರಾಮನ ವಿಗ್ರಹ ಪುಣ್ಯಭೂಮಿ ಅಯೋಧ್ಯೆಯಲ್ಲಿ ಪ್ರತಿಷ್ಠಾಪನೆಗೊಳ್ಳಲಿದೆ. ರಾಮ ಹನುಮರ ಅವಿನಾಭಾವ ಸಂಬಂಧಕ್ಕೆ ಇದು… pic.twitter.com/VQdxAbQw3Q
— Pralhad Joshi (@JoshiPralhad) January 1, 2024
योगीराज अरुण कौन हैं
अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल होंगे. राम की मूर्ति मैसूरु के मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाई है. कर्नाटक के पूर्व सीएम और भाजपा के दिग्गज नेता येदियुरप्पा ने कहा, 'मैसूरु के मूर्तिकार अरुण योगीराज की बनाई भगवान राम की मूर्ति को अयोध्या के भव्य श्रीराम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के लिए चुना गया है. इससे राज्य की प्रसन्नता दोगुनी हो गई है. मूर्तिकार योगीराज अरुण को हार्दिक बधाई.’
कुछ घंटे पहले योगीराज ने मीडिया से कहा था कि उन्हें अभी तक इस बारे में कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है कि उन्होंने जो मूर्ति बनाई थी उसे स्वीकार कर लिया गया है या नहीं. हालांकि भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने 'एक्स' पर लिखा है जिससे विश्वास हो गया कि उनके काम को स्वीकार कर लिया गया है. अरुण ने बताया कि वह 'रामलला' की मूर्ति तराशने के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र द्वारा चुने गए तीन मूर्तिकारों में से थे. योगीराज ने कहा, 'मुझे खुशी है कि मैं देश के उन तीन मूर्तिकारों में शामिल था, जिन्हें 'रामलला' की मूर्ति तराशने के लिए चुना गया था.’
शंकराचार्य- सुभाष की भी मूर्ति बनाई
केदारनाथ में स्थापित आदि शंकराचार्य की मूर्ति और दिल्ली में इंडिया गेट के पास स्थापित सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति बनाने वाले प्रसिद्ध मूर्तिकार ने कहा कि उनके लिए चुनौती आसान नहीं थी. योगीराज ने कहा, ‘मूर्ति एक बच्चे की बनानी थी, जो दिव्य हो क्योंकि यह भगवान के अवतार की मूर्ति है. जो लोग मूर्ति को देखते हैं उन्हें दिव्यता का एहसास होना चाहिए.’
किष्किंधा आज का कर्नाटक
येदियुरप्पा के बेटे और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र ने कहा कि कर्नाटक का भगवान राम से गहरा संबंध है क्योंकि किष्किंधा इसी राज्य में स्थित है. वह किष्किंधा ही है जहां राम के परम भक्त हनुमान का जन्म हुआ था.