'द कश्मीर फाइल्स (The Kashmir Files)' फिल्म रिलीज होने के बाद देश और दुनिया में चर्चित हो गई है. आजतक जो अनकही बातें लोगों के दिल में छिपी हुई थीं, वह सब सामने आ गई हैं.
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नई दिल्ली: 19 जनवरी 1990 को कश्मीर घाटी में कश्मीरी पंडितों का जो पलायन हुआ था, उस पर रोंगटे खड़े कर देने वाली फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स (The Kashmir Files)'11 मार्च को रिलीज हो गई है. उस फिल्म की रिलीज के बाद अब लोग अपनी पीड़ा को बयान करने सामने आ रहे हैं. इन्हीं कश्मीरी पंडितों में से एक नाम है कुलदीप का.
कुलदीप ने बताया, "वह रैनावारी श्रीनगर में रहता था. वही थी काली रात जिसमें 19 जनवरी का हादसा हुआ था. हम सभी के साथ हुआ था. कैसे वो मस्जिदों से, अभी भी वो आवाजें हैं वो गूंजती है कानों में..."
कुलदीप ने डरते हुए बताया, "नारे थे जो एक साथ उभर कर आए. पता ही नहीं चला, हमारे साथ ऐसा हो क्यों रहा है. हम लोग तो प्यार-मोहब्बत से रहने वाले लोग थे...हम तो समझते थे सारे अपने हैं..."
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कत्ल की रात के बारे में बात करते हुए अनुपम बोला, "अचानक से ही शुरू हो गया, कई सारी मौतें शुरू हो गईं. एक-एक मौत इतनी दर्दनाक थी कि हम बयान नहीं कर सकते. आज ये पहली बार हुआ है कि किसी ने इतनी जबरदस्त हिम्मत दिखाई है. इसको स्क्रीन पर दिखाने की हिम्मत दिखाई है. हम तो लोगों को बताने में असफल रहे कि हमारे साथ हुआ किया. मेरे साथ सुशील कौतरू था. बचपन से हम साथ पढ़ते थे. बाल घसीटकर घर से निकाल कर गोलियों से उसकी बॉडी को तहस-नहस कर दिया..."
जम्मू में आकर अनुपम ने जो भोगा, वह ही था. उसने कहा, "कश्मीर से निकलने के बाद जिंदगी बहुत कठोर हो गई...मैं 20 साल का था तब...क्या-क्या सोचा था...ग्रैजुएशन बस किया ही था...जम्मू में क्लाइमेट अलग था...हमें पता ही नहीं था कूलर क्या है, फ्रिज क्या है...कैसे रातें गुजारी हम लोगों ने कैसे धक्के खाए..."
श्रीनगर की रात को याद करते हुए अनुपम बोला, "हम सिर्फ मम्मी-पापा को ही देखते रहे...खून के आंसू रोते थे...मेहनत से घर बसाया हुआ था...सालों से रह रहे थे...अचानक से बोला गया कि भाग जाओ यहां से..."
इस व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कुलदीप बोला, "सरकारें कहां थी...होम मिनिस्टर थे महबूबा के पिताजी...वो क्या कर रहे थे, वो सबको पता है...किसी ने हमारी फरियाद नहीं सुनी...हम अपनी कौम के नरसंहार को बताने में असफल रहे...अग्निहोत्री जी ने बॉलीवुड से पंगा ले लिया है. एक-एक कश्मीरी पंडित उनके साथ है, एक-एक घटना सत्य है."
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