जेल में बंद रेलिगेयर कंपनी के प्रमोटर मलविंदर सिंह (Malvinder Singh) और शिविंदर सिंह (Shivinder Singh) के परिवार वालों से 200 करोड़ रुपये वसूलने की लपटें अब बॉलीवुड तक पहुंच गई हैं. ईडी ने अभिनेत्री जैकलीन फर्नांडीज (Jacqueline Fernandez) और नोरा फतेही (Nora Fatehi) को पूछताछ का नोटिस भेजा है.
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नई दिल्ली: जेल में बंद रेलिगेयर कंपनी के प्रमोटर मलविंदर सिंह (Malvinder Singh) और शिविंदर सिंह (Shivinder Singh) को जमानत दिलवाने के नाम पर वसूले गए 200 करोड़ के मामले में अब बॉलीवुड अभिनेत्री जैकलीन फर्नांडीज (Jacqueline Fernandez) और नोरा फतेही (Nora Fatehi) भी रडार पर आ गई हैं. जांच के दौरान इन दोनों एक्ट्रेस के नाम सामने आया था. जिसके बाद ईडी दोनों अभिनेत्रियों को को बारी बारी समन भेजकर पूछताछ के लिए बुला रही है.
जैकलीन को सबसे पहले 30 अगस्त को ईडी (ED) ने पूछताछ के लिए बुलाया था, जहां उनसे करीब 5 घंटे तक पूछताछ की गई. वहीं जैकलीन (Jacqueline Fernandez) को जब दोबारा पूछताछ के लिए बुलाया गया तो वह नहीं आईं. वहीं नोरा को भी 14 अक्टूबर को ईडी के सामने पेश होने का समन दिया गया था. नोरा (Nora Fatehi)तय समय पर ईडी के दफ़्तर पर पहुंच गईं, जहां उनसे करीब 9 घंटे तक पूछताछ की गई. वहीं जैकलीन को अब तीसरा समन देकर 16 अक्टूबर को बुलाया गया है.
सूत्रों के मुताबिक सुकेश ने दोनों अभिनेत्रियों से भी कई बार संपर्क किया था. आरोप है कि ठगी करने वाले सुकेश चंद्रशेखर (Sukesh Chandrashekhar) ने अपनी पत्नी लीना मारिया पॉल को बॉलीवुड में स्थापित करवाने के लिए नोरा (Nora Fatehi) को लेकर एक शो भी किया गया था. जिसमें सुकेश की तरफ से नोरा को महंगे गिफ्ट भी दिए गए थे.
वहीं जैकलीन फर्नांडीज (Jacqueline Fernandez) की मुश्किलें आने वाले वक्त में बढ़ भी सकती हैं. दरअसल जिस तरह जैकलीन लगातार ईडी के सवालों से बचने के हथकंडे अपना रही हैं, उससे एजेंसी का शक उन पर गहराता जा रहा है.
ईडी (ED) ने हवाला के जरिए 200 करोड़ को ठिकाने लगाने वाले दीपक और प्रदीप रामदीन को भी अपनी रिमांड पर लिया है. उनसे अब ये जानने की कोशिश की जा रही है कि इस पूरे मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में कितने लोगों ने उनकी मदद की है. वसूले गए पैसों को कहां कहां खर्च किया गया.
दिल्ली की मंडोली जेल से वसूले गए 200 करोड़ के मामले में सबसे पहले स्पेशल सेल ने केस दर्ज कर तिहाड़ जेल कर्मियों समेत कई लोगों को गिरफ्तार किया था. जिसके बाद पूरे केस को दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा को ट्रांसफर कर दिया गया.
दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की आर्थिक अपराध शाखा ने भी अपनी जांच का दायरा काफी बड़ा कर दिया है. अभी तक कि जांच में सामने आया कि AIADMK का चुनाव चिह्न दिलवाने के आरोप में गिरफ्तार सुकेश चंद्रशेखर (Sukesh Chandrashekhar) इस ठगी को अंजाम दिया. मंडोली जेल में बंद सुकेश ने रेलिगेयर कंपनी के प्रमोटर मलविंदर और शिविंदर सिंह की पत्नियों से संपर्क कर उनके पतियों को जमानत पर तिहाड़ जेल से बाहर निकलवाने का झांसा दिया. इसके बाद उनसे 200 करोड़ रुपये वसूल लिए गए.
सूत्रों के मुताबिक शिविंदर सिंह की पत्नी अदिति के बाद मलविंदर की पत्नी जापना सिंह ने भी आर्थिक अपराध शाखा में एक शिकायत दी थी. जिसमें कहा गया था कि ठगों ने उनके पति को जमानत दिलवाने के नाम पर उनसे करोड़ों रुपये की ठगी की. अपनी शिकायत में जापना सिंह ने बताया था कि फोन करने वाले ने खुद को बड़ा सरकारी अधिकारी बताया और मलविंदर सिंह को जमानत पर जेल से बाहर निकालने में मदद की पेशकश की. जिसके बदले में हांगकांग के एक बैंक एकाउंट में पैसे जमा करने का आदेश दिया.
फोन करने वाले ने ये पैसा किसी पार्टी फंड में दिया जाना बताया और उसकी एवज में उनके पति को जेल से बाहर जमानत पर निकलवाने का आश्वासन दिया. इसके बाद जापना सिंह ने 3.5 करोड़ रुपए उस बैंक अकाउंट में जमा भी करवा दिए थे. आरोप है कि ठीक इसी तरह मलविंदर के भाई शिविंदर की पत्नी के पास भी सुकेश चंद्रशेखर ने फोन किया और जमानत दिलवाने के नाम पर 200 करोड़ रुपए वसूल लिए थे.
दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की आर्थिक अपराध शाखा ने सिंह बंधुओं की पत्नियों की शिकायत पर दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज की हैं. रेलिगेयर के प्रमोटर सिंह बंधु अक्टूबर 2019 से ही तिहाड़ जेल में बंद हैं. इन दोनों पर रेलिगेयर फिनवेस्ट और इसकी पेरेंट कंपनी रेलिगेयर एंटरप्राइज में 2397 करोड़ रुपये के गबन का आरोप है. जापना की शिकायत पर दर्ज एफआईआर के मुताबिक ठगी करने वालों ने उन्हें हॉन्गकॉन्ग की एक कंपनी को पेमेंट करने को कहा. उन्होंने कहा कि यह अकाउंट रूलिंग पार्टी से संबंधित है.
एफआईआर के मुताबिक ठगों ने सिंह बंधुओं की पत्नियों से सीधे तौर पर संपर्क नहीं साधा. जापना सिंह का दावा है कि उन्होंने 28, 29, 30 जुलाई और 6 अगस्त को हॉन्गकॉन्ग के अकाउंट में 3.5 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए थे. इस बात के सबूत जापना ने आर्थिक अपराध शाखा को भी दिए है. जापना सिंह ने अपनी शिकायत में ये भी बताया कि उन्होंने अपने पति मलविंदर को भी जेल में मुलाकात के दौरान ये बताया था कि कुछ बड़े अधिकारी उसकी मदद कर रहे हैं.
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जापना ने अपनी शिकायत में बताया कि जब उसने मीडिया में ख़बरें देखी कि सुकेश चंद्रशेखर ने उनके पति को जमानत दिलवाने के नाम पर 200 करोड़ रुपए वसूल लिए थे. जिसके बाद उनको एहसास हुआ कि उनके साथ ठगी हो गई है.
सुकेश चंद्रशेखर के साथ 200 करोड़ के एक्सटॉर्शन के मामले में 2 जेल कर्मचारी समेत अन्य लोग भी गिरफ्तार हुए थे. जेल के अंदर से अरबों रुपये के एक्सटॉर्शन मामले में रूलिंग पार्टी और कानून मंत्रालय का नाम आने के बाद आर्थिक अपराध शाखा भी बड़े फूक फूंक कर कदम रख रही है. जिससे जेल के अंदर से चलाए जा रहे इस क्राइम सिंडिकेट की हर कड़ी तक पहुंचा जा सके.
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